रांची: राजधानी रांची में सोमवार को एचईसी कर्मचारियों द्वारा बुलाए गए धुर्वा बंद का व्यापक असर देखा गया. एचईसी कर्मचारियों ने बकाए वेतन को लेकर 29 जनवरी को बंद का आह्वान किया था. इसको लेकर एचईसी के कर्मचारी सोमवार को धुर्वा इलाके के विभिन्न चौक-चौराहों पर खुली दुकानों को बंद करा रहे थे, लेकिन सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों ने बंद समर्थकों को रोकने की कोशिश की. इस दौरान पुलिसकर्मियों और बंद समर्थकों के बीच हल्की नोक-झोंक भी हुई है.
हालांकि रांची उपायुक्त ने केंद्र सरकार के सभी उपक्रमों के पास सुरक्षा के विशेष इंतजाम करवाए थे, ताकि कोई भी किसी भी तरह से माहौल को खराब ना कर सकें. पुलिस और बंद समर्थकों के बीच हुई नोक झोंक के बाद मौके पर पहुंचे वरीय अधिकारियों ने आक्रोशित लोगों को समझा-बुझाकर वापस भेज दिया.
एचईसी के तीनों प्लांट में आक्रोशित कर्मियों ने किया कार्य बाधितः हालांकि इस दौरान बंद समर्थकों ने एचईसी के तीनों प्लांट के कार्यों को बाधित कर दिया और धुर्वा इलाके की सभी दुकानों और प्रतिष्ठानों को बंद करवाने की कोशिश करते रहे. इस संबंध में यूनियन नेता भवन सिंह ने कहा कि केंद्र में बैठी सरकार सिर्फ राज्य की स्थाई सरकार को गिराने में साजिश करने में व्यस्त रहती है. केंद्र सरकार की संस्थाओं के कर्मचारियों की हालत बद से बेहतर होते जा रही है, लेकिन केंद्र में बैठी सरकार इस पर ध्यान तक नहीं दे रही है. उन्होंने कहा कि बंद को सफल बनाने के लिए एचईसी कर्मचारी भरपूर कोशिश करेंगे. यदि जिला प्रशासन और पुलिस की टीम उन्हें रोकती है तो आने वाले समय में सभी कर्मचारी उग्र आंदोलन करने को बाध्य होंगे.
पौने दो साल से एचईसी कर्मचारियों को नहीं मिला है वेतनः बता दें कि एचईसी के कर्मचारियों को पिछले पौने दो साल से वेतन का भुगतान नहीं हुआ है. इसे लेकर एचईसी के कर्मचारी आए दिन विरोध-प्रदर्शन करते रहते हैं. इसी के तहत सोमवार को बंद बुलाया गया है. अब देखने वाली बात होगी कि एचईसी कर्मचारियों के आंदोलन के बाद उनकी मांगों पर कितना विचार किया जाता है.
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