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सरगुजा में औसत से ज्यादा बारिश, इस बार ज्यादा ठंड पड़ने की संभावना - Heavy rainfall - HEAVY RAINFALL

Heavy rainfall सरगुजा संभाग में इस बार रिकॉर्ड बारिश हुई है.मौसम विज्ञानी की माने तो प्रदेश के साथ-साथ इस बार सरगुजा में भी औसत से ज्यादा बारिश दर्ज हुई है. Recorded in Surguja

Heavy rainfall
औसत से ज्यादा बारिश (ETV Bharat Chhattisgarh)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Sep 30, 2024, 7:23 PM IST

सरगुजा : भारतीय मौसम विज्ञान के अनुसार मानसून काल की अवधि 1 जून से शुरू होती है और 30 सितम्बर को खत्म होती है. इस लिहाज से मानसून काल की अवधि समाप्त हो गई है. 1 जून से 30 सितंबर तक कि हुई वर्षा इस साल की मानसूनी वर्षा कही जाएगी. अक्टूबर से मानसुनोत्तर यानी मानसून के बाद की ऋतु शुरु होगी.जो तीन नवंबर तक जारी रहेगी.



इस बारे में मौसम विज्ञानी अक्षय मोहन भट्ट का कहना है कि इस साल मानसून की अवधि में अम्बिकापुर मौसम विभाग ने कुल 1357.1 मिमी वर्षा दर्ज की है. जो बीते 7 वर्षों में 2017 के बाद सर्वाधिक वर्षा है. 2017 में मानसून काल में कुल 1383.5 मिमी वर्षा दर्ज की गई थी.

सरगुजा में औसत से ज्यादा बारिश (ETV Bharat Chhattisgarh)

''अम्बिकापुर की दीर्घावधि मानसूनकालीन औसत वर्षा 1211 मिमी की तुलना में इस वर्ष 112 प्रतिशत वर्षा दर्ज हुई है.जो औसत वर्षा से 146.1 मिमी अधिक है. इस वर्ष माहवार वर्षा में जून में 115.8 मिमी, जुलाई में 369.8 मिमी, अगस्त में 595.9 मिमी और सितम्बर में 275.6 मिमी वर्षा हुई है" - अक्षय मोहन भट्ट, मौसम विज्ञानी

भू अभिलेख विभाग के आंकड़े अलग : मौसम विज्ञान केंद्र के केंद्रों के अलावा पूरे राज्य के भू अभिलेख शाखा भी अपने कार्यकाल में मशीन लगाकर वर्षा की स्थिति जांचता है. भू अभिलेख के आंकड़ों और मौसम विज्ञान केंद्र के आंकड़ों में बड़ा अंतर दिखता है. क्योंकि मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार अंबिकापुर में बारिश औसत से अधिक है.लेकिन जब हम भू अभिलेख के आंकड़ों को देखते हैं तो विकासखंड वार जिले में वर्षा औसत से कम नजर आती है.



आने वाले दिनों में पड़ेगी अच्छी ठंड : अक्षय मोहन कहते हैं के मुताबिक इस बार हुई बारिश के परिणाम बेहतर रहेंगे. भूजल स्तर बढ़ेगा, पेयजल संकट नहीं होगा. खेती के लिए लाभदायक है और शीत ऋतु में ठंड और लंबी अवधि की ठंड पड़ने के अनुमान हैं. इसके साथ ही ओस की अधिकता भी देखी जा सकती है.



भू-अभिलेख विभाग के अनुसार संभाग के जिलों की स्थिति

जशपुर – सामान्य से 22 प्रतिशत कम वर्षा

कोरिया – सामान्य वर्षा

मनेन्द्रगढ़ चिरिमिरी भरतपुर - सामान्य से 3 प्रतिशत कम वर्षा

सूरजपुर - सामान्य से 1 प्रतिशत कम वर्षा

सरगुजा - सामान्य से 39 प्रतिशत कम वर्षा

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इस बारे में मौसम विज्ञानी अक्षय मोहन भट्ट का कहना है कि इस साल मानसून की अवधि में अम्बिकापुर मौसम विभाग ने कुल 1357.1 मिमी वर्षा दर्ज की है. जो बीते 7 वर्षों में 2017 के बाद सर्वाधिक वर्षा है. 2017 में मानसून काल में कुल 1383.5 मिमी वर्षा दर्ज की गई थी.

सरगुजा में औसत से ज्यादा बारिश (ETV Bharat Chhattisgarh)

''अम्बिकापुर की दीर्घावधि मानसूनकालीन औसत वर्षा 1211 मिमी की तुलना में इस वर्ष 112 प्रतिशत वर्षा दर्ज हुई है.जो औसत वर्षा से 146.1 मिमी अधिक है. इस वर्ष माहवार वर्षा में जून में 115.8 मिमी, जुलाई में 369.8 मिमी, अगस्त में 595.9 मिमी और सितम्बर में 275.6 मिमी वर्षा हुई है" - अक्षय मोहन भट्ट, मौसम विज्ञानी

भू अभिलेख विभाग के आंकड़े अलग : मौसम विज्ञान केंद्र के केंद्रों के अलावा पूरे राज्य के भू अभिलेख शाखा भी अपने कार्यकाल में मशीन लगाकर वर्षा की स्थिति जांचता है. भू अभिलेख के आंकड़ों और मौसम विज्ञान केंद्र के आंकड़ों में बड़ा अंतर दिखता है. क्योंकि मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार अंबिकापुर में बारिश औसत से अधिक है.लेकिन जब हम भू अभिलेख के आंकड़ों को देखते हैं तो विकासखंड वार जिले में वर्षा औसत से कम नजर आती है.



आने वाले दिनों में पड़ेगी अच्छी ठंड : अक्षय मोहन कहते हैं के मुताबिक इस बार हुई बारिश के परिणाम बेहतर रहेंगे. भूजल स्तर बढ़ेगा, पेयजल संकट नहीं होगा. खेती के लिए लाभदायक है और शीत ऋतु में ठंड और लंबी अवधि की ठंड पड़ने के अनुमान हैं. इसके साथ ही ओस की अधिकता भी देखी जा सकती है.



भू-अभिलेख विभाग के अनुसार संभाग के जिलों की स्थिति

जशपुर – सामान्य से 22 प्रतिशत कम वर्षा

कोरिया – सामान्य वर्षा

मनेन्द्रगढ़ चिरिमिरी भरतपुर - सामान्य से 3 प्रतिशत कम वर्षा

सूरजपुर - सामान्य से 1 प्रतिशत कम वर्षा

सरगुजा - सामान्य से 39 प्रतिशत कम वर्षा

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