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ज्ञानवापी मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई स्थगित, अब 24 फरवरी को अगली तारीख - ALLAHABAD HIGH COURT

न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल की पीठ ने मामले की सुनवाई की.

ज्ञानवापी मामले में सुनवाई स्थगित
ज्ञानवापी मामले में सुनवाई स्थगित (Photo credit: ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 3 hours ago

प्रयागराज : वाराणसी में ज्ञानवापी परिसर स्थित वजूखाने का भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) से सर्वे की मांग को लेकर दाखिल याचिकाओं पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई स्थगित कर दी गई है. न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल की पीठ ने मामले में सुनवाई के लिए 24 फरवरी की तारीख तय की है. सुप्रीम कोर्ट ने 12 दिसंबर को अदालतों को सर्वे के आदेश सहित कोई भी प्रभावी अंतरिम या अंतिम आदेश करने से रोक दिया गया है.

सुप्रीम कोर्ट पूजा स्थल अधिनियम 1991 की संवैधानिक वैधता पर सवाल उठाने वाली याचिकाओं के एक समूह की सुनवाई करेगा, जो पूजा स्थलों के धार्मिक स्थलों के चरित्र और पहचान को 15 अगस्त 1947 की स्थिति से बदलने पर रोक लगाता है. हाईकोर्ट में राखी सिंह की याचिका में ज्ञानवापी परिसर के भीतर वजूखाना के एएसआई सर्वे की मांग की गई है. जबकि दूसरी याचिका, जिसका प्रतिनिधित्व उनके एडवोकेट विजय शंकर रस्तोगी कर रहे हैं. उनका दावा है कि स्वयंभू ज्योतिर्लिंग ज्ञानवापी के मुख्य गुंबद के नीचे स्थित है. एडवोकेट सौरभ तिवारी और विकास कुमार के अनुसार, याचिका में वाराणसी जिला जज के 21 अक्टूबर 2023 के आदेश को चुनौती दी गई है, जिसमें एएसआई को वजूखाना क्षेत्र का सर्वे करने का निर्देश देने से इनकार किया गया है.

एडवोकेट अजय कुमार सिंह के माध्यम से दाखिल दूसरी याचिका में वाराणसी कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी गई है, जिसमें संपूर्ण ज्ञानवापी परिसर का अतिरिक्त एएसआई सर्वे करने की मांग करने वाली याचिका खारिज की गई, जिसमें केंद्रीय गुंबद के नीचे के क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया गया. जिनका एएसआई ने पहले सर्वे नहीं किया.

प्रयागराज : वाराणसी में ज्ञानवापी परिसर स्थित वजूखाने का भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) से सर्वे की मांग को लेकर दाखिल याचिकाओं पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई स्थगित कर दी गई है. न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल की पीठ ने मामले में सुनवाई के लिए 24 फरवरी की तारीख तय की है. सुप्रीम कोर्ट ने 12 दिसंबर को अदालतों को सर्वे के आदेश सहित कोई भी प्रभावी अंतरिम या अंतिम आदेश करने से रोक दिया गया है.

सुप्रीम कोर्ट पूजा स्थल अधिनियम 1991 की संवैधानिक वैधता पर सवाल उठाने वाली याचिकाओं के एक समूह की सुनवाई करेगा, जो पूजा स्थलों के धार्मिक स्थलों के चरित्र और पहचान को 15 अगस्त 1947 की स्थिति से बदलने पर रोक लगाता है. हाईकोर्ट में राखी सिंह की याचिका में ज्ञानवापी परिसर के भीतर वजूखाना के एएसआई सर्वे की मांग की गई है. जबकि दूसरी याचिका, जिसका प्रतिनिधित्व उनके एडवोकेट विजय शंकर रस्तोगी कर रहे हैं. उनका दावा है कि स्वयंभू ज्योतिर्लिंग ज्ञानवापी के मुख्य गुंबद के नीचे स्थित है. एडवोकेट सौरभ तिवारी और विकास कुमार के अनुसार, याचिका में वाराणसी जिला जज के 21 अक्टूबर 2023 के आदेश को चुनौती दी गई है, जिसमें एएसआई को वजूखाना क्षेत्र का सर्वे करने का निर्देश देने से इनकार किया गया है.

एडवोकेट अजय कुमार सिंह के माध्यम से दाखिल दूसरी याचिका में वाराणसी कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी गई है, जिसमें संपूर्ण ज्ञानवापी परिसर का अतिरिक्त एएसआई सर्वे करने की मांग करने वाली याचिका खारिज की गई, जिसमें केंद्रीय गुंबद के नीचे के क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया गया. जिनका एएसआई ने पहले सर्वे नहीं किया.

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