प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के कुछ मंदिरों के मेलों और त्योहारों का नियंत्रण और प्रबंधन अपने हाथ में लेने के राज्य सरकार के आदेश को चुनौती देने वाली डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी की जनहित याचिका पर सुनवाई के लिए 17 जनवरी की तारीख लगाई है. यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति अरुण भंसाली एवं न्यायमूर्ति विकास बुधवार की खंडपीठ ने सोमवार को सुब्रमण्यम स्वामी के अधिवक्ता के अनुरोध पर दिया.
18 सितंबर 2017 को जारी की गई थी एक अधिसूचना : पीआईएल में डॉ सुब्रमण्यम स्वामी ने 2017 के सरकारी आदेशों को चुनौती दी है, जिसके तहत राज्य सरकार ने कुछ मंदिरों के मेलों और त्योहारों का नियंत्रण और प्रबंधन अपने हाथ में ले लिया है. इस संबंध में 18 सितंबर 2017 को एक अधिसूचना जारी की गई थी और 3 नवंबर 2017 को सरकारी आदेश जारी किया गया था. पीआईएल में कहा गया है कि ये आदेश संविधान के अनुच्छेद 14, 25 और 31-ए के विपरीत है.
मंदिरों के त्योहारों को छीन लेने का आरोप : याचिका में कहा गया है कि राज्य सरकार ने मंदिरों और उनके धार्मिक कार्यों का प्रबंधन और नियंत्रण अपने हाथ में लेने के लिए मनमाने, असंवैधानिक और अवैध तरीके से काम किया है. जिन मंदिरों के त्योहारों को छीन लिया गया है, उनमें ललिता देवी शक्ति पीठ, विंध्यावासिनी शक्ति पीठ, मां पाटेश्वरी पीठ, देवीपाटन, शाकुंभरी माता मंदिर सहारनपुर और नैमिषारण्य, सीतापुर आदि शामिल हैं.
यह भी पढ़ें : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने संभल हिंसा की SIT से जांच कराने की मांग वाली याचिका खारिज की