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दिल्ली वक्फ बोर्ड की 123 संपत्तियों पर केंद्र के कब्जे संबंधी आदेश को चुनौती वाली याचिका पर सुनवाई टली - Delhi Waqf Board - DELHI WAQF BOARD

दिल्ली वक्फ बोर्ड की तरफ से उसकी 123 संपत्तियों पर केंद्र के कब्जे संबंधी आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने सुनवाई टाल दी है. इस मामले की अगली सुनवाई अगले साल 17 फरवरी होगी.

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दिल्ली वक्फ बोर्ड (File Photo)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Aug 27, 2024, 10:03 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली वक्फ बोर्ड की ओर से उसकी 123 संपत्तियों पर केंद्र के कब्जे संबंधी आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई टाल दी है. जस्टिस पुरुषेंद्र कौरव की बेंच ने मामले की अगली सुनवाई अगले साल 17 फरवरी को करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने दिल्ली वक्फ बोर्ड और केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि इस बीच वो अपनी दलीलें पूरी कर लें.

सुनवाई के दौरान वक्फ बोर्ड की ओर से पेश वकील राहुल मेहरा ने कहा था कि केंद्र सरकार ने वक्फ बोर्ड की संपत्तियों को अपने कब्जे में लेने के लिए काफी तुच्छ वजह बताई है कि वक्फ बोर्ड का इन संपत्तियों में कोई रुचि नहीं है. उन्होंने कहा था कि इन संपत्तियों की कम से कम पांच बार पड़ताल हो चुकी है और हर बार ये पता चला कि वे वक्फ की हैं. अंतिम पड़ताल केंद्र सरकार की ओर से नियुक्त एक सदस्यीय कमेटी ने की थी.

बता दें, केंद्र ने इन संपत्तियों का कब्जा लेने का फैसला लिया है, जिसका वक्फ बोर्ड विरोध कर रहा है. दिल्ली वक्फ बोर्ड ने अर्जी दाखिल कर केंद्र सरकार की ओर से 8 फरवरी 2023 को जारी उस पत्र को चुनौती दी है. इसमें दिल्ली वक्फ बोर्ड की 123 संपत्तियों को कब्जे में लेने की बात कही गई है. दिल्ली वक्फ बोर्ड की ओर से वरिष्ठ वकील राहुल मेहरा ने कहा था कि केंद्र सरकार को वक्फ बोर्ड की संपत्ति अपने कब्जे में लेने का अधिकार नहीं है. वक्फ बोर्ड की ये संपत्तियां 1970, 1974, 1976 और 1984 के सर्वे में सीमांकित की गई थीं और राष्ट्रपति ने भी उस पर सहमति दी थी.

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली वक्फ बोर्ड की ओर से उसकी 123 संपत्तियों पर केंद्र के कब्जे संबंधी आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई टाल दी है. जस्टिस पुरुषेंद्र कौरव की बेंच ने मामले की अगली सुनवाई अगले साल 17 फरवरी को करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने दिल्ली वक्फ बोर्ड और केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि इस बीच वो अपनी दलीलें पूरी कर लें.

सुनवाई के दौरान वक्फ बोर्ड की ओर से पेश वकील राहुल मेहरा ने कहा था कि केंद्र सरकार ने वक्फ बोर्ड की संपत्तियों को अपने कब्जे में लेने के लिए काफी तुच्छ वजह बताई है कि वक्फ बोर्ड का इन संपत्तियों में कोई रुचि नहीं है. उन्होंने कहा था कि इन संपत्तियों की कम से कम पांच बार पड़ताल हो चुकी है और हर बार ये पता चला कि वे वक्फ की हैं. अंतिम पड़ताल केंद्र सरकार की ओर से नियुक्त एक सदस्यीय कमेटी ने की थी.

बता दें, केंद्र ने इन संपत्तियों का कब्जा लेने का फैसला लिया है, जिसका वक्फ बोर्ड विरोध कर रहा है. दिल्ली वक्फ बोर्ड ने अर्जी दाखिल कर केंद्र सरकार की ओर से 8 फरवरी 2023 को जारी उस पत्र को चुनौती दी है. इसमें दिल्ली वक्फ बोर्ड की 123 संपत्तियों को कब्जे में लेने की बात कही गई है. दिल्ली वक्फ बोर्ड की ओर से वरिष्ठ वकील राहुल मेहरा ने कहा था कि केंद्र सरकार को वक्फ बोर्ड की संपत्ति अपने कब्जे में लेने का अधिकार नहीं है. वक्फ बोर्ड की ये संपत्तियां 1970, 1974, 1976 और 1984 के सर्वे में सीमांकित की गई थीं और राष्ट्रपति ने भी उस पर सहमति दी थी.

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