रांचीः लैंड स्कैम मामले में रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में बंद पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की जमानत याचिका पर आज झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. उनकी याचिका पर न्यायाधीश रंगन मुखोपाध्याय की अदालत में दो घंटे तक बहस हुई. हेमंत सोरेन की ओर से वरिष्ट अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कोर्ट में दलील पेश की है. अदालत ने 12 जून को ईडी को अपना पक्ष रखने को कहा है.
हेमंत सोरेन की ओर से पक्ष रखते हुए कपिल सिब्बल ने कोर्ट में कहा कि यह सिविल मैटर है. क्रिमिनल मैटर नहीं. सिब्बल ने जमीन को भुईंहरी बताते हुए कहा कि इसको ट्रांसफर नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि जमीन पर कब्जे की भी कोई शिकायत नहीं है.
पीएमएलए कोर्ट के फैसले को चुनौती
दरअसल, 13 मई को पीएमएलए कोर्ट ने हेमंत सोरेन की जमानत याचिका खारिज कर दी थी. इसके बाद हेमंत सोरेन ने पीएमएलए कोर्ट के फैसले को चुनौती थी. उनकी याचिका पर 28 मई को सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने ईडी से जवाब दाखिल करने को कहा था.
सुप्रीम कोर्ट से भी नहीं मिली थी राहत
बता दें कि रांची के बड़गाई स्थित 8.66 एकड़ जमीन की खरीद-बिक्री और कागजात में हेराफेरी के मामले में 31 जनवरी को ईडी ने हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किया था. तब से वह जेल में हैं. इस मामले में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से जमानत की मांग की थी. उनकी तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने पक्ष रखा था. लेकिन सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट को पता चला कि मनी लांड्रिंग मामले में स्पेशल कोर्ट संज्ञान ले चुका है. लेकिन इस जानकारी को छुपाया गया. इसपर सुप्रीम कोर्ट ने आपत्ति जताते हुए हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया था.
कई वीवीआईपी हैं जेल में
आपको बता दें कि लैंड स्कैम मामले में रांची के पूर्व डीसी छवि रंजन समेत कई कारोबारी और ब्रोकर गिरफ्तार किए गये हैं. ईडी को भानु प्रताप प्रसाद के घर से जमीन से जुड़े कई कागजात बरामद हुए थे. इस मामले में ईडी की ओर से चार्जशीट भी दायर किया जा चुका है.
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