ETV Bharat / state

प्रधानाचार्य पद पर विभागीय भर्ती प्रक्रिया मामला, HC ने राज्य सरकार से मांगा जवाब - Uttarakhand High Court

Nainital High Court उत्तराखंड में प्रधानाचार्य पद की विभागीय भर्ती प्रक्रिया में 50 साल से अधिक उम्र के अभ्यर्थियों को शामिल करने के मामले पर उत्तराखंड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है. सोमवार को उत्तराखंड हाईकोर्ट ने 45 से ज्यादा याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई की.

uttarakhand high court
उत्तराखंड हाईकोर्ट (FILE PHOTO ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jul 22, 2024, 10:59 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने प्रधानाचार्य पद की विभागीय भर्ती प्रक्रिया में 50 साल से अधिक उम्र के अभ्यर्थियों को शामिल करने के मामले पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई करते हुए वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ ने राज्य सरकार को तीन सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है. साथ ही कोर्ट ने उसका प्रति उत्तर देने के आदेश याचिकाकर्ताओं को दिए हैं. मामले की अगली सुनवाई के लिए सितंबर माह की तिथि नियत की है.

आज 22 जुलाई सोमवार को हुई सुनवाई पर करीब 45 से अधिक याचिकाओं पर खंडपीठ ने एक साथ सुनवाई की. राज्य सरकार और लोक सेवा आयोग की तरफ से जवाब पेश नहीं करने पर कोर्ट ने उन्हें तीन सप्ताह का अतिरिक्त समय दिया.

याचिकाकर्ताओं की तरफ से कहा गया कि सितंबर माह में परीक्षा होने वाली है. लेकिन अभी तक संबंधित विभागों द्वारा शपथपत्र पेश नहीं किया गया. इसलिए मामले पर शीघ्र सुनवाई की जाए. जिसपर कोर्ट ने अगली सुनवाई हेतु सितंबर माह की तिथि नियत की है.

पूर्व में कोर्ट ने राजकीय इंटर कॉलेजों में प्रधानाचार्य के पदों हेतु लोक सेवा आयोग द्वारा कराई जा रही विभागीय परीक्षा में 50 वर्ष से अधिक उम्र के प्रवक्ताओं को भी आवेदन की अंतरिम अनुमति देते हुए याचिकाकर्ताओं को परीक्षा में शामिल करने के निर्देश दिए थे. साथ में यह भी कहा था कि भर्ती परीक्षा के परिणाम की घोषणा सहित पूरी प्रक्रिया कोर्ट के निर्णय के अधीन रहेगी.

मामले के अनुसार, उत्तराखंड में प्रधानाचार्य के पदों में प्रवक्ताओं की विभागीय परीक्षा के तहत भरने हेतु राज्य लोक सेवा आयोग ने 11 मार्च को विज्ञप्ति जारी की थी. जिसमें प्रावधान किया गया है कि इस परीक्षा में वे ही प्रवक्ता शामिल होंगे, जिनकी आयु विज्ञप्ति जारी होने के तक 50 वर्ष से अधिक न हो. जिसे याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट में चुनौती दी है.

याचिकाकर्ताओं का कहना है कि इस नियम से वह प्रधानाचार्य पद पर पदोन्नति से वंचित हो जाएंगे और उनके जूनियर प्रधानाचार्य हो जाएंगे. जिस पर कोर्ट ने सरकार से जवाब दाखिल करने को कहा है.

ये भी पढ़ेंः पति-पत्नी के संबंधों पर हो रही थी सुनवाई, कोर्ट ने कहा- इंकार करना मानसिक क्रूरता नहीं, जानें पूरा मामला

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने प्रधानाचार्य पद की विभागीय भर्ती प्रक्रिया में 50 साल से अधिक उम्र के अभ्यर्थियों को शामिल करने के मामले पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई करते हुए वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ ने राज्य सरकार को तीन सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है. साथ ही कोर्ट ने उसका प्रति उत्तर देने के आदेश याचिकाकर्ताओं को दिए हैं. मामले की अगली सुनवाई के लिए सितंबर माह की तिथि नियत की है.

आज 22 जुलाई सोमवार को हुई सुनवाई पर करीब 45 से अधिक याचिकाओं पर खंडपीठ ने एक साथ सुनवाई की. राज्य सरकार और लोक सेवा आयोग की तरफ से जवाब पेश नहीं करने पर कोर्ट ने उन्हें तीन सप्ताह का अतिरिक्त समय दिया.

याचिकाकर्ताओं की तरफ से कहा गया कि सितंबर माह में परीक्षा होने वाली है. लेकिन अभी तक संबंधित विभागों द्वारा शपथपत्र पेश नहीं किया गया. इसलिए मामले पर शीघ्र सुनवाई की जाए. जिसपर कोर्ट ने अगली सुनवाई हेतु सितंबर माह की तिथि नियत की है.

पूर्व में कोर्ट ने राजकीय इंटर कॉलेजों में प्रधानाचार्य के पदों हेतु लोक सेवा आयोग द्वारा कराई जा रही विभागीय परीक्षा में 50 वर्ष से अधिक उम्र के प्रवक्ताओं को भी आवेदन की अंतरिम अनुमति देते हुए याचिकाकर्ताओं को परीक्षा में शामिल करने के निर्देश दिए थे. साथ में यह भी कहा था कि भर्ती परीक्षा के परिणाम की घोषणा सहित पूरी प्रक्रिया कोर्ट के निर्णय के अधीन रहेगी.

मामले के अनुसार, उत्तराखंड में प्रधानाचार्य के पदों में प्रवक्ताओं की विभागीय परीक्षा के तहत भरने हेतु राज्य लोक सेवा आयोग ने 11 मार्च को विज्ञप्ति जारी की थी. जिसमें प्रावधान किया गया है कि इस परीक्षा में वे ही प्रवक्ता शामिल होंगे, जिनकी आयु विज्ञप्ति जारी होने के तक 50 वर्ष से अधिक न हो. जिसे याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट में चुनौती दी है.

याचिकाकर्ताओं का कहना है कि इस नियम से वह प्रधानाचार्य पद पर पदोन्नति से वंचित हो जाएंगे और उनके जूनियर प्रधानाचार्य हो जाएंगे. जिस पर कोर्ट ने सरकार से जवाब दाखिल करने को कहा है.

ये भी पढ़ेंः पति-पत्नी के संबंधों पर हो रही थी सुनवाई, कोर्ट ने कहा- इंकार करना मानसिक क्रूरता नहीं, जानें पूरा मामला

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.