नई दिल्ली: दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट में शुक्रवार को 1984 सिख विरोधी दंगों के जनकपुरी से जुड़े मामले में सज्जन कुमार के खिलाफ दर्ज मामले की सुनवाई टाल दी है. स्पेशल जज कावेरी बावेजा ने इस मामले पर अगली सुनवाई 7 अक्टूबर को करने का आदेश दिया है. आज इस मामले में फिरोजपुर में सीनियर डिवीजन सिविल जज बलविंदर कौर धालीवाल का बयान वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए दर्ज होना था.
27 अगस्त को दो गवाहों कंवलजीत कौर और डॉ. सतबीर बेदी के बयान दर्ज किए थे. सुनवाई के दौरान सरकारी वकील मनीष रावत ने कहा था कि एक गवाह बलविंदर कौर धालीवाल को बयान दर्ज करने के लिए समन जारी किया जाए. बलविंदर कौर धालीवाल फिलहाल फिरोजपुर में सीनियर डिवीजन सिविल जज हैं.
धालीवाल ने अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 164 के तहत शिकायतकर्ता का बयान दर्ज किया था. फिरोजपुर के डिस्ट्रिक्ट जज ने ई-मेल कर ये कहा है कि धालीवाल की गवाही से एक महीने पहले सूचना दी जाए और उनका बयान पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के वीडियो कांफ्रेंसिंग रुल्स के तहत करायी जाए. उसके बाद कोर्ट ने धालीवाल को 27 सितंबर को अपने बयान वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये दर्ज कराने का आदेश दिया था.
बता दें, 19 जुलाई को गवाह तेजेंद्र सिंह के बयान दर्ज किए गए थे. इसके पहले 11 जनवरी को गवाह हरजीत कौर के बयान दर्ज किए गए थे. 7 दिसंबर 2023 को दो गवाहों तिलक राज नरुला और इंद्रजीत सिंह ने अपने बयान दर्ज कराए थे. 9 नवंबर 2023 को गवाह मंजीत कौर ने अपने बयान दर्ज कराए. अपने बयान में मंजीत कौर ने कहा कि मैंने भीड़ के लोगों से सुना था कि सज्जन कुमार भीड़ में शामिल थे. लेकिन सज्जन कुमार को आंखों से नहीं देखा था.
कोर्ट ने 12 अकटूबर 2023 को दो गवाहों के बयान दर्ज किए थे. 21 सितंबर 2023 को कोर्ट ने सज्जन कुमार के खिलाफ हत्या के आरोपी से जुड़े गैरजरूरी दस्तावेजों और गवाहों के बयान को रिकॉर्ड से हटाने का आदेश दिया था. 23 अगस्त 2023 को कोर्ट ने सज्जन कुमार के खिलाफ आरोप तय कर दिया था. कोर्ट ने सज्जन कुमार के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 147,148,153A, 295, 149, 307,308, 323, 325, 395, 436 के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया था. हालांकि कोर्ट ने एसआईटी द्वारा सज्जन कुमार के खिलाफ लगाई गई हत्या की धारा 302 को हटाने का आदेश दिया था.
सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया था कि सज्जन कुमार इस केस में हिरासत में नहीं हैं. सज्जन कुमार इस मामले में जमानत पर हैं. मामला जनकपुरी का है. दरअसल 84 सिख दंगे के दौरान जनकपुरी में दो सिखों सोहन सिंह और उनके दामाद अवतार सिंह की 1 नवंबर, 1984 की हत्या हुई थी. जबकि, विकासपुरी पुलिस स्टेशन के इलाके में गुरुचरण सिंह को जला दिया गया. इसकी वजह से उनकी मौत हुई थी. इन दोनों मामलों मे 2015 में एसआईटी ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की. इसके लिए मई 2018 में सज्जन कुमार का पॉलीग्राफ भी किया जा चुका है.
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