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वन पंचायतों का संरक्षण करने की बजाय उनका विदोहन मामला, HC में राज्य सरकार शपथ पत्र करेगी पेश

वन पंचायतों का संरक्षण करने की बजाय उनका विदोहन मामले में HC में सुनवाई. राज्य सरकार व वन विभाग शपथ पत्र करेंगे पेश

NAINITAL HIGH COURT
नैनीताल हाईकोर्ट (photo- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : 3 hours ago

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने प्रदेश के वन पंचायतों का संरक्षण करने की बजाय उनका विदोहन करने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई के बाद कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी व न्यायमूर्ती विवेक भारती शर्मा की खंडपीठ ने इस मामले में राज्य सरकार सहित वन विभाग से छः सप्ताह के भीतर शपथ पत्र पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई के लिए छः सप्ताह बाद की तारीख निर्धारित की गई है.

मामले के अनुसार हल्द्वानी निवासी हिसांत ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि राज्य सरकार ने प्रदेश के वनों की देखरेख व उनके संरक्षण करने हेतु वन पंचायत अधिनियम पारित किया था, लेकिन अभी तक ना तो वन विभाग और ना ही राज्य सरकार ने इस नियमावली का ठीक ढंग से अनुपालन करवाया है, जिसका परिणाम यह निकलकर आया कि वर्तमान में वन पंचायत अपना अस्तित्व खो रही है, क्योंकि वन पंचायत की भूमि पर लोगों ने कब्जा करके बाहरी लोगों को बेच दिया है.

जहां पर पहले पेड़ हुआ करते थे, वहां उसी स्थिति में होटल बन रहे हैं. जनहित याचिका में कोर्ट से प्रार्थना की गई है कि वन पंचायतें जिस मकसद के लिए बनाई गई थी, उनको फिर से उसी मकसद में लाया जाए ना की पेड़ काटकर अन्य सुविधा के लिए. वहीं, जो आदेश जितेंद्र यादव की जनहित याचिका में उच्च न्यायालय में पर्यावरण संगरक्षण के लिए राज्य सरकार को दिशा निर्देश जारी किए गए थे, उनका अनुपालन भी करवाया जाए.

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मामले के अनुसार हल्द्वानी निवासी हिसांत ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि राज्य सरकार ने प्रदेश के वनों की देखरेख व उनके संरक्षण करने हेतु वन पंचायत अधिनियम पारित किया था, लेकिन अभी तक ना तो वन विभाग और ना ही राज्य सरकार ने इस नियमावली का ठीक ढंग से अनुपालन करवाया है, जिसका परिणाम यह निकलकर आया कि वर्तमान में वन पंचायत अपना अस्तित्व खो रही है, क्योंकि वन पंचायत की भूमि पर लोगों ने कब्जा करके बाहरी लोगों को बेच दिया है.

जहां पर पहले पेड़ हुआ करते थे, वहां उसी स्थिति में होटल बन रहे हैं. जनहित याचिका में कोर्ट से प्रार्थना की गई है कि वन पंचायतें जिस मकसद के लिए बनाई गई थी, उनको फिर से उसी मकसद में लाया जाए ना की पेड़ काटकर अन्य सुविधा के लिए. वहीं, जो आदेश जितेंद्र यादव की जनहित याचिका में उच्च न्यायालय में पर्यावरण संगरक्षण के लिए राज्य सरकार को दिशा निर्देश जारी किए गए थे, उनका अनुपालन भी करवाया जाए.

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