पटना: पटना हाईकोर्ट ने संविदा कर्मियों को जोर का झटका धीरे से दिया है. अदालत ने ग्रामीण कार्य विभाग में सहायक अभियंता (सिविल) के पदों पर संविदा के आधार पर नियुक्ति पर तत्काल रोक लगा दिया है. इस बीच पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और बीपीएससी को जबाबी हलफनामा दायर करने का आदेश दिया है.
पटना हाईकोर्ट में सुनवाई: जस्टिस हरीश कुमार की एकलपीठ ने श्याम बाबू एवं अन्य की ओर से दायर अर्जी पर सुनवाई की.आवेदकों की ओर से अधिवक्ता हर्ष सिंह ने कोर्ट को बताया कि ग्रेजुएट एप्टीट्यूड टेस्ट इन इंजीनियरिंग (गेट) के स्कोर के आधार पर सिविल के सहायक अभियंताओं की बहाली के लिए विज्ञापन प्रकाशित किया गया है.
अदालत के मना करने बाद विज्ञापन जारी कर दिया: पटना हाईकोर्ट के अधिवक्ता हर्ष सिंह का कहना था कि हाईकोर्ट की खंडपीठ ने एक अन्य केस में गेट के स्कोर पर बहाली करने से मना कर दिया है. इसके बावजूद गेट के स्कोर पर नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी किया गया है.
13 फरवरी को होगी सुनवाई: अधिवक्ता हर्ष सिंह का कहना था कि गत 9 जनवरी 2025 को संविदा के आधार पर 231 सहायक अभियंता (सिविल) की ग्रेजुएट एप्टीट्यूड टेस्ट इन इंजीनियरिंग (गेट) के स्कोर के आधार पर नियुक्ति के लिए ग्रामीण कार्य विभाग ने एक विज्ञापन जारी किया हैं. इस मामले पर अगली सुनवाई 13 फरवरी 2025 को होगी. सुनवाई करते हुए पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और बीपीएससी को जबाबी हलफनामा दायर करने का आदेश दिया है.
बी-टेक डिग्रीधारी जूनियर इंजीनियर के पद के योग्य नहीं: बता दें कि इससे पहले बिहार जल संसाधन विभाग के अधीनस्थ इंजीनियरिंग (सिविल) संवर्ग भर्ती नियम-2023 के नियम 8 (1) (ii) और (iii) को चुनौती देने वाली याचिका को पटना हाईकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस आशुतोष कुमार की खंडपीठ ने खारिज कर दिया है.
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