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HC में विधायक उमेश शर्मा को वाई प्लस सुरक्षा दिए जाने में सुनवाई, याचिकाकर्ता ने उठाए हैं ये सवाल - MLA Umesh Sharma Y Plus security

Khanpur MLA Umesh Sharma Y Plus security उत्तराखंड हाईकोर्ट में खानपुर विधायक उमेश शर्मा को वाई प्लस सुरक्षा दिए जाने मामले में सुनवाई हुई. कोर्ट ने इस मामले में अगली तिथि नियत की है. मामले में याचिकाकर्ता ने कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि सुरक्षा देते वक्त अपनाई जाने वाली प्रक्रिया का पालन किए बिना उनके प्रार्थना पत्र के आधार पर वाई प्लस सुरक्षा प्रदान की गई है.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jun 24, 2024, 6:57 PM IST

uttarakhand high court
उत्तराखंड हाईकोर्ट (फोटो-ईटीवी भारत)

नैनीताल: हाईकोर्ट में खानपुर हरिद्वार से निर्दलीय विधायक उमेश शर्मा को वाई प्लस सुरक्षा दिए जाने के साथ साथ राज्य सरकार के द्वारा अन्य को भी गलत तरीके से सुरक्षा मुहैया कराए जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई करते हुए वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी व न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ ने अगली सुनवाई हेतु दो सप्ताह बाद की तिथि नियत की है.

विधायक उमेश शर्मा की वाई प्लस सुरक्षा को लेकर सुनवाई: मामले के अनुसार हरिद्वार निवासी भगत सिंह ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि विधायकों की सुरक्षा के नाम पर उन्हें एक सुरक्षाकर्मी दिया जाता है. इसके अलावा यदि किसी विधायक को खतरा है तो उन्हें एक अतिरिक्त सुरक्षाकर्मी दिया जाता है. किसी विधायक को सुरक्षा कवर देने से पहले एलआईयू द्वारा रिपोर्ट विभाग को दी जाती है. जबकि उन्होंने उमेश शर्मा के मामले का उदाहरण देते हुए कहा है कि उन्हें सुरक्षा देते वक्त अपनाई जाने वाली प्रक्रिया का पालन किए बिना उनके प्रार्थना पत्र के आधार पर वाई प्लस सुरक्षा प्रदान की गई है.

रिपोर्ट में उनकी जान को कोई खतरा नहीं: यही नहीं उनके पास अपनी पर्सनल एस्कॉर्ट भी है. वाई प्लस सुरक्षा वीआईपियों को दी जाती है. याचिकाकर्ता का कहना है कि स्थानीय खुफिया इकाई ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि उनके जीवन को कोई खतरा नहीं है. इसलिए उनकी वाई प्लस सुरक्षा हटाई जाए. ऐसे ही कितने लोगों की सुरक्षा में पुलिस लगी है. जबकि उनको किसी से कोई खतरा नहीं है और पुलिस का दुरुपयोग है. पुलिस का कार्य जनता की सुरक्षा करना है.

पढ़ें-निर्दलीय विधायक उमेश शर्मा और लक्सर MLA शहजाद की नोकझोंक का साइड इफेक्ट, इस संगठन ने की माफी की मांग

नैनीताल: हाईकोर्ट में खानपुर हरिद्वार से निर्दलीय विधायक उमेश शर्मा को वाई प्लस सुरक्षा दिए जाने के साथ साथ राज्य सरकार के द्वारा अन्य को भी गलत तरीके से सुरक्षा मुहैया कराए जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई करते हुए वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी व न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ ने अगली सुनवाई हेतु दो सप्ताह बाद की तिथि नियत की है.

विधायक उमेश शर्मा की वाई प्लस सुरक्षा को लेकर सुनवाई: मामले के अनुसार हरिद्वार निवासी भगत सिंह ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि विधायकों की सुरक्षा के नाम पर उन्हें एक सुरक्षाकर्मी दिया जाता है. इसके अलावा यदि किसी विधायक को खतरा है तो उन्हें एक अतिरिक्त सुरक्षाकर्मी दिया जाता है. किसी विधायक को सुरक्षा कवर देने से पहले एलआईयू द्वारा रिपोर्ट विभाग को दी जाती है. जबकि उन्होंने उमेश शर्मा के मामले का उदाहरण देते हुए कहा है कि उन्हें सुरक्षा देते वक्त अपनाई जाने वाली प्रक्रिया का पालन किए बिना उनके प्रार्थना पत्र के आधार पर वाई प्लस सुरक्षा प्रदान की गई है.

रिपोर्ट में उनकी जान को कोई खतरा नहीं: यही नहीं उनके पास अपनी पर्सनल एस्कॉर्ट भी है. वाई प्लस सुरक्षा वीआईपियों को दी जाती है. याचिकाकर्ता का कहना है कि स्थानीय खुफिया इकाई ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि उनके जीवन को कोई खतरा नहीं है. इसलिए उनकी वाई प्लस सुरक्षा हटाई जाए. ऐसे ही कितने लोगों की सुरक्षा में पुलिस लगी है. जबकि उनको किसी से कोई खतरा नहीं है और पुलिस का दुरुपयोग है. पुलिस का कार्य जनता की सुरक्षा करना है.

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