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विद्यालयी शिक्षा सचिव और प्रारंभिक शिक्षा निदेशक पर आरोप होंगे तय, जानें वजह - nainital high court - NAINITAL HIGH COURT

Uttarakhand High Court नैनीताल हाईकोर्ट में बेसिक शिक्षा परिषद में की गई सर्विस जोड़ने और एसीपी का लाभ देने के मामले में सुनवाई हुई. विद्यालयी शिक्षा सचिव और प्रारंभिक शिक्षा निदेशक पर आरोपों को तय करने के लिए 12 सितंबर की तारीख निर्धारित की गई है.

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नैनीताल हाईकोर्ट (photo- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 6, 2024, 8:11 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने सचिव विद्यालयी शिक्षा और निदेशक प्रारंभिक शिक्षा पर आरोप तय करने के लिए 12 सितंबर की तिथि निर्धारित करते हुए उन्हें कोर्ट में तलब किया है. मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ में हुई.

मामले के अनुसार नवीन पाठक, त्रिभुवन कोहली एवं अन्य याचिकाकर्ताओं द्वारा एक याचिका उच्च न्यायालय में दायर की गई थी, जिसमें कहा गया कि उनके द्वारा बेसिक शिक्षा परिषद में की गई सर्विस जोड़ने और एसीपी का लाभ देने के आदेश हाईकोर्ट ने वर्ष 2019 में दिए थे. उक्त आदेश के विरुद्ध राज्य सरकार द्वारा विशेष अपील दायर की गई, जिसे उच्च न्यायालय द्वारा वर्ष 2021 में खारिज कर दिया गया.

उच्च न्यायालय के आदेश का अनुपालन न होने पर याचिकाकर्ताओं द्वारा अवमानना वाद दायर किया गया, जिस पर प्रतिपक्षियों को नोटिस जारी किए गए. सचिव विद्यालयी शिक्षा और निदेशक प्रारंभिक शिक्षा द्वारा पूर्व में जारी उच्च न्यायालय के आदेश का अनुपालन करने हेतु कोर्ट में शपथ पत्र दिया था, जिसके बाद याचिका निस्तारित कर दी थी, लेकिन निर्धारित समय सीमा के अंतर्गत वित्तीय लाभ न मिलने पर याचियों ने अवमानना वाद में पारित आदेश को रिकाल करने हेतु प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया, जिसे स्वीकार करते हुए उच्च न्यायालय द्वारा दिनांक 11 जुलाई 2024 को निदेशक प्रारंभिक शिक्षा को पूर्व में पारित आदेश का अनुपालन करने हेतु आदेशित किया गया.

आदेश का अनुपालन न करने पर व्यक्तिगत रूप से न्यायालय में उपस्थित होने के लिए कहा गया. उच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित तारीख को इंचार्ज निदेशक प्रारंभिक शिक्षा उच्च न्यायालय में उपस्थित हुए, लेकिन आदेश का अनुपालन नहीं किया गया, जिस पर उच्च न्यायालय द्वारा 5 सितंबर को सुनवाई करते हुए सचिव विद्यालयी शिक्षा और निदेशक प्रारंभिक शिक्षा पर आरोप तय करने के लिए 12 सितंबर की निर्धारित नियत की गई और दोनों अधिकारियों को व्यक्गित रूप से कोर्ट के समक्ष उपस्थित होने के आदेश पारित किए गए.

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मामले के अनुसार नवीन पाठक, त्रिभुवन कोहली एवं अन्य याचिकाकर्ताओं द्वारा एक याचिका उच्च न्यायालय में दायर की गई थी, जिसमें कहा गया कि उनके द्वारा बेसिक शिक्षा परिषद में की गई सर्विस जोड़ने और एसीपी का लाभ देने के आदेश हाईकोर्ट ने वर्ष 2019 में दिए थे. उक्त आदेश के विरुद्ध राज्य सरकार द्वारा विशेष अपील दायर की गई, जिसे उच्च न्यायालय द्वारा वर्ष 2021 में खारिज कर दिया गया.

उच्च न्यायालय के आदेश का अनुपालन न होने पर याचिकाकर्ताओं द्वारा अवमानना वाद दायर किया गया, जिस पर प्रतिपक्षियों को नोटिस जारी किए गए. सचिव विद्यालयी शिक्षा और निदेशक प्रारंभिक शिक्षा द्वारा पूर्व में जारी उच्च न्यायालय के आदेश का अनुपालन करने हेतु कोर्ट में शपथ पत्र दिया था, जिसके बाद याचिका निस्तारित कर दी थी, लेकिन निर्धारित समय सीमा के अंतर्गत वित्तीय लाभ न मिलने पर याचियों ने अवमानना वाद में पारित आदेश को रिकाल करने हेतु प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया, जिसे स्वीकार करते हुए उच्च न्यायालय द्वारा दिनांक 11 जुलाई 2024 को निदेशक प्रारंभिक शिक्षा को पूर्व में पारित आदेश का अनुपालन करने हेतु आदेशित किया गया.

आदेश का अनुपालन न करने पर व्यक्तिगत रूप से न्यायालय में उपस्थित होने के लिए कहा गया. उच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित तारीख को इंचार्ज निदेशक प्रारंभिक शिक्षा उच्च न्यायालय में उपस्थित हुए, लेकिन आदेश का अनुपालन नहीं किया गया, जिस पर उच्च न्यायालय द्वारा 5 सितंबर को सुनवाई करते हुए सचिव विद्यालयी शिक्षा और निदेशक प्रारंभिक शिक्षा पर आरोप तय करने के लिए 12 सितंबर की निर्धारित नियत की गई और दोनों अधिकारियों को व्यक्गित रूप से कोर्ट के समक्ष उपस्थित होने के आदेश पारित किए गए.

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