नैनीताल: उतराखंड हाईकोर्ट में हल्द्वानी में भू माफियाओं द्वारा रेलवे, नजूल भूमि सहित वन भूमि को खुर्द-बुर्द कर 10 से 500 रुपये के स्टांप में बेचे जाने के मामले पर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की तरफ से जांच रिपोर्ट पेश कर कहा गया है कि उनके द्वारा 8 से 10 लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई है. मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने राज्य सरकार से मामले में 9 अप्रैल तक प्रति शपथ पत्र दाखिल करने को कहा है. अब 9 अप्रैल मामले की अगली सुनवाई होगी.
मामले के अनुसार हल्द्वानी निवासी हितेश पांडे ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि हल्द्वानी के गफूर बस्ती में रेलवे की भूमि, गौलापार गोजाजाली स्थित वन विभाग और राजस्व की भूमि को भू माफियाओं द्वारा 10 से 500 रुपये के स्टांप पर बेच दिया गया है. जिन लोगों को यह भूमि बेची गई वे लोग उत्तराखंड के स्थायी निवासी नहीं है. ये लोग रोजगार के लिए यहां आये थे. कुछ ही समय बाद सीएससी सेंटर में इनके वोटर आईडी तक बन गए. जब इसकी शिकायत प्रशासन और मुख्यमंत्री पोर्टल पर की गई तो भू माफियाओं द्वारा याचिकाकर्ता को जान माल की धमकी दी गई.
जनहित याचिका में कहा गया कि ये लोग उत्तराखंड के स्थायी निवासी नहीं है. राज्य सरकार इन लोगों पर लाइट, पानी ,स्कूल और हॉस्पिटल के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर रही है. जिसका भार स्थायी लोगों पर पड़ रहा है. जिसकी वजह से स्थायी लोगों को सरकार की योजनाओं से वंचित रहना पड़ रहा है. जनहित याचिका में कोर्ट से प्रार्थना की गई है कि इस मामले की जांच उच्च स्तरीय कमेटी से की जाए. साथ ही इनके सभी दस्तावेजों की भी जांच की जाए.
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