नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने सिंचाई शोध संस्थान रुड़की के 100 से अधिक आवासीय भवनों को गैर निवर्तमान घर से संपन्न व्यक्तियों, पूर्व विधायकों,मेयरों और कई राष्ट्रीय पार्टियों के मंडल प्रभारी व्यक्तियों को किराए पर बाजार मूल्य से न्यूनतम दर पर दिए जाने के मामले पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई के बाद मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने राज्य सरकार से पूछा है कि किस नियमों के तहत इनको आवास दिए गए. वे नियम कोर्ट में पेश करें. साथ ही कोर्ट ने जिन गैर लोगों को आवास दिए हैं, उनकी लिस्ट शपथ पत्र के माध्यम से याचिकाकर्ता से कोर्ट में देने को कहा है.
मामले के अनुसार सिंचाई शोध संस्थान रुड़की के छात्र रितिक निषाद ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा कि सचिव सिंचाई, अधिशासी अधिकारी सिंचाई शोध संस्थान रुड़की, हाउसिंग अलॉटमेंट कमेटी के सचिव और सिंचाई शोध संस्थान रुड़की ने 2004 से 2021-22 तक गैर सरकारी व्यक्तियों, जनप्रतिनिधियों, पुलिस अधिकारियों,कर्मचारियों, प्रशासनिक अधिकारियों, अधिवक्ताओं,एलआईसी कर्मियों,राजस्व,वन और व्यापार कर विभाग के कर्मचारियों आदि को मकानों का आबंटन किया है, जिसमें हरिद्वार जिले के कई विधायक, जिनमें मदन कौशिक,प्रणव सिंह चैंपियन, कुंवर दिव्य प्रताप सिंह चैंपियन, प्रदीप बत्रा,फुरकान अहमद,सरबत करीम अंसारी,अमरीश कुमार,फिरदौश, ब्रह्म दत्त त्यागी,पुलिस अधिकारी मंजूनाथ,संयुक्त सचिव ऊर्जा दिल्ली विनोद कुमार मित्तल,पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष हरिद्वार मीनाक्षी,अधिवक्ता अरविंद गौतम,श्यामबीर,आशीष सैनी सरीखे नाम प्रमुख हैं.
इनमें से कई लोगों ने आवास किराया भी जमा नहीं किया है. जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायधीश न्यायमूर्ति रितू बाहरी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने राज्य सरकार के अधिवक्ता से शपथ पत्र पेश कर यह बताने को कहा है कि इन लोगों को किस नीति के तहत मकान आबंटन किए हैं. इस मामले की अगली सुनवाई 28 जून को होगी.
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