जयपुर : पेट में ज्यादा एसिड का बनना एसिडिटी पैदा करता है. जब हमारे शरीर में अमाशय में अत्यधिक अम्ल बनने लगता है तो गले और सीने के आसपास जलन महसूस होने लगती है. इस रोग का शिकार मरीज को कड़वी और खट्टी डकार आने लगती है. इसके अलावा जलन रहने के साथ ही मिचली आना, पाचन का कमजोर होना, थकान और शरीर में भारीपन जैसे लक्षण महसूस होने लगते हैं. ऐसे लोगों को तले हुए भोजन के साथ ही मिर्च मसालेदार और गरिष्ठ आहार से परहेज करना चाहिए.
आसान देसी और घरेलू उपाय : डॉक्टर रोहित गुप्ता के अनुसार एसिडिटी के खात्मे के लिए आसान और घरेलू उपाय कारगर हो सकते हैं. जैसे 2 चम्मच धनिया और 10 ग्राम मिश्री को दो पाव दूध में पकाएं. जब दूध की मात्रा आधी रह जाए तो उस दूध को ठंडा कर लें और सुबह-शाम पीएं. इसके अलावा आंवला चूर्ण और मुलेठी चूर्ण बराबर मात्रा में 1 चम्मच सुबह, दोपहर और शाम को पानी के साथ लेने से राहत मिलती है. एसिडिटी में हरड़ चूर्ण और मुनक्का बराबर मात्रा में और मिश्री मिलाकर 1 ग्राम की गोलियां बनाकर दिन में दो बार खाने से शरीर में एसिडिटी की मात्रा कम होती है. अम्लपित्त में लौकी और सेब का जूस भी काफी फायदा करता है. भयानक एसिडिटी में 3 चम्मच दूब के रस में पानी और मिश्री मिलाकर शरबत बनाकर खाली पेट पीने से लाभ मिलता है.
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गैस बनना ऐसे हो जाएगी बंद : आयुर्वेद में पित्त के साथ-साथ वात यानी गैस का असंतुलन शरीर को रोगी बना सकता है. ऐसे में गंभीर गैस्टिक वाले रोगी को 2 ग्राम काली मिर्च पाउडर, एक गिलास गर्म पानी, 2 नींबू का रस राहत दे सकता है. डॉक्टर रोहित के मुताबिक गर्म पानी में 2 नींबू के रस मिलाने के बाद काली मिर्च के पाउडर की 2 ग्राम मात्रा खाने के बाद लेनी चाहिए. इस प्रयोग के लगातार करने से दो हफ्ते में पेट में गैस बनना बंद हो जाएगी.