अजमेर. बदलते परिपेक्ष्य में स्वयं को स्वस्थ रखना भी चुनौती है. पर्यावरण में प्रदूषण की मात्रा बढ़ रही है. अनियमित जीवन शैली से भी स्वास्थ्य पर गहरा असर भी पड़ रहा है. खासकर शरीर के महत्वपूर्ण अंगों में से एक फेफड़े भी हैं जो कमजोर हो रहे हैं. इस कारण शरीर में कई तरह के गंभीर रोग उत्पन्न हो रहे हैं. इनमें कई रोग तो जानलेवा तक बन रहे हैं. फेफड़ों के कार्य, उन्हें स्वस्थ्य रखने के उपाय के बारे में आइए जानते हैं संभाग के सबसे बड़े जेएलएन अस्पताल में आयुर्वेद चिकित्सा विभाग में वरिष्ठ चिकित्सक डॉ बी एल मिश्रा से हेल्थ टिप्स.
डॉ मिश्रा बताते हैं कि शरीर को स्वस्थ और संतुलित रखने के लिए हमारे फेफड़ों का स्वस्थ और मजबूत होना आवश्यक है. उन्होंने बताया कि वायुमंडल में प्रदूषण और कई तरह के संक्रमण एवं जुकाम में लापरवाही जैसे कई कारण हैं जिससे फेफड़ों का कार्य प्रभावित होता है. इस कारण अन्य अंगों के कार्य पर भी इसका दुष्प्रभाव पड़ता है.
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सबसे महत्वपूर्ण प्रक्रिया: उन्होंने बताया कि श्वास के जरिये शरीर को ऑक्सीजन की पूर्ति होती है और श्वास के जरिये ही कार्बन डाइऑक्साइड बाहर निकलती है. फेफड़े के जरिये ही ऐसा संभव हो पाता है. यानी रक्त से कार्बनडाईऑक्साइड को निकालकर बाहर करना और प्राण वायु (ऑक्सीजन) को रक्त में प्रवाह करना फेफड़े का कार्य है. रक्त में ऑक्सीजन की मात्रा बनाये रखने और अपशिष्ठ के तौर पर कार्बन डाइऑक्साइड को बाहर निकलने में फेफड़ों का महत्वपूर्ण योगदान है.
इस प्रक्रिया से शरीर के सभी अंगों को पोषण मिलता है. यह शरीर को जीवित रखने की सबसे महत्वपूर्ण और आवश्यक प्रक्रिया है. उन्होंने बताया कि सीने के पिंजर (वक्ष स्थल) में फेफड़े जोड़े के रूप में स्थित होते हैं, जो स्पंज की तरह होते हैं. उन्होंने बताया कि फेफड़े के कमजोर रहने से व्यक्ति कई तरह की गंभीर बीमारियों से ग्रसित हो जाता है. इसलिए यह काफी आवश्यक है कि फेफड़े स्वस्थ और मजबूत रहें.
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अस्वस्थ फेफड़े करते हैं बीमार: डॉ मिश्रा बताते हैं कि स्वस्थ फेफड़े होने पर रक्त संचार पूरी तरह से प्रभावित हो जाता है. रक्त में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा अधिक और ऑक्सीजन कम होने से अन्य अंगों का कार्य असंतुलित होता है. इससे रोगी में खून की कमी, चक्कर आना, सांस फूलना, कमजोरी आना, चेहरे पर सूजन आना, श्वास रोग से ग्रसित होना आदि लक्षण प्रतीत होने लगते हैं. अस्वस्थ फेफड़े जीवन के लिए घातक भी बन सकते हैं.
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ऐसे रखें फेफड़ों को स्वस्थ: उन्होंने बताया कि फेफड़े स्वस्थ रखने के लिए आवश्यक है कि अपने जीवन शैली में बदलाव लाएं. अपने आप को प्रदूषण से बचाएं. अधिक धूल, धुंए से दूर रहें. जुकाम के कारकों से बचें. ठंडे, गर्म वातावरण के संतुलन का ख्याल रखें. जुकाम होने पर ज्यादा ठंडे खाद्य और पेय पदार्थों का सेवन नही करें. खास तौर पर बच्चों और बुजुर्गों को जुकाम होने पर ठंडी चीजों से परहेज करना चाहिए.
- पौष्टिक आहार में फलों और सब्जियों का सेवन अधिक करें. इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बेहतर रहेगी.
- सुबह 4 से 6 बजे के बीच मॉर्निंग वॉक या जॉगिंग करें. सुबह की हवा में प्रदूषण कम होता है और ऑक्सीजन का लेवल अधिक और शुद्ध होता है जो फेफड़ों के लिए काफी फायदेमंद है.
- सुबह अनुलोम विलोम, योग करें. साथ ही एक लीटर गुनगुने पानी में आधी चमच फिटकरी या नमक मिलाकर गरारे करें.
- नाक के दोनों छिद्रों से श्वास लेना और कुछ पल रोक कर धीरे-धीरे छोड़ना भी फायदेमंद रहता है.
- पानी में तैरने से भी फेफड़े स्वस्थ रहते हैं.
फेफड़ों को स्वस्थ रखने के लिए ये खाएं: फेफड़ों को स्वस्थ रखने के लिए आयुर्वेदिक घरेलू उपाय है. जिनके उपयोग से फेफड़े स्वस्थ रहते हैं और शरीर को पर्याप्त पोषण मिलता है.
- 10 मुनक्का या किशमिश को रात्रि में भिगोकर सुबह सेवन करें. उसके पानी को फेक नहीं बल्कि पी जाएं.
- सुबह 5 अंजीर सुबह 5 अंजीर चबा-चबा कर खाएं या धूप में उबाल कर खाएं.
- काले अंगूर का सेवन भी लाभदायक है.
- सौंठ या अदरक डालकर दूध पीना भी काफी फायदामंद है.
- तीन लहसुन की काली सेंक कर खाएं या अदरक के साथ लेने से भी फायदा होता है.
- शहद का सेवन भी गुणकारी है, लेकिन इसका सेवन कुछ समय तक ही करें.
- कत्था और पान के साथ मुलेठी या मुलेठी का सेवन भी फायदेमंद है.
- अजवाइन, सौंठ, काली मिर्च, दालचीनी और तुलसी के पत्ते उबालकर चाय की तरह सेवन करें.
- खाने के बाद गुड़ को मुंह में रखकर उसका रस लार के साथ मिलकर जाने से भी काफी फायदा होता है.
- शहतूत के पत्ते को पानी में उबालकर उस पानी का सेवन भी गुणकारी है.