शेखपुरा: बिहार में भीषण गर्मी के बावजूद इस बार स्कूलों में छुट्टी नहीं हुई है. ऐसे में कई बच्चे लगातार लू की चपेट में आ रहे हैं. बुधवार को मध्य विद्यालय मनकोल में एक के बाद एक दो दर्जन छात्राएं बेहोश होकर विद्यालय परिसर में गिरने लगी. घटना के बाद विद्यालय प्रशासन के हाथ-पैर फूलने लगे. फौरन इसकी सूचना ग्रामीणों को दी गई. आनन-फानन में सभी को सदर अस्पताल लाया गया. वहीं, गुस्साए ग्रामीणों ने मनकौल गांव के पास चांदी जाने वाली मुख्य सड़क को जाम कर दिया.
दो दर्जन छात्राओं की तबीयत बिगड़ी: घटना के संबंध में जानकारी देते हुए परिजनों ने बताया कि सुबह बच्चे बिना कुछ खाए स्कूल चले गए थे. 2 घंटे बाद ही उनकी तबीयत बिगड़ने की सूचना मिली. जब हमलोग स्कूल पहुंचे तो बच्चों को विद्यालय परिसर में बेहोश की हालत में देखा. कई बच्चे जोर-जोर से रो रहे थे. एंबुलेंस के लिए सरकारी नंबर पर कॉल किया गया तो फोन रिजेक्ट कर दिया गया, जिस वजह से ग्रामीणों ने वैकल्पिक व्यवस्था की और सभी बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया.
केके पाठक के खिलाफ की नारेबाजी: ग्रामीणों में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के खिलाफ नाराजगी देखने को मिली. लोगों ने जमकर नारेबाजी की. उनका कहना है कि कल से हमलोग स्कूल का बहिष्कार करेंगे और अपने-अपने बच्चों को स्कूल नहीं जाने देंगे. आक्रोशित ग्रामीणों ने शिक्षा विभाग से गर्मी की छुट्टी देने की मांग उठाई है.
आक्रोशित ग्रामीणों ने किया सड़क जाम: घटना के बाद नाराज आक्रोशित ग्रामीणों ने सड़क जाम कर दिया. इस कारण शेखपुरा-ससबहना मुख्य सड़क मार्ग पर दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लग गई. इनका उहना है कि
"शिक्षा विभाग के अधिकारी मनमानी कर रहे हैं. इतनी गर्मी के बाद भी गर्मी की छुट्टी नहीं दी जा रही है. सुबह-सुबह स्कूल टाइमिंग होने के कारण कई बच्चे भूखे पेट स्कूल चले जाते हैं. जिस वजह से उनको लू लग रही है."- अभिभावक
सदर अस्पताल में लापरवाही से भड़के परिजन: वहीं, सदर अस्पताल शेखपुरा में चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों की लापरवाही से नाराज परिजनों ने हंगामा किया. घटना के दौरान मात्र एक स्वास्थ्य कर्मी सदर अस्पताल में मौजूद था. हंगामा होने के बाद दूसरे वार्डो से स्वास्थ्य कर्मियों को इमरजेंसी में बुलाया गया. जिसके बाद सभी बच्चों का इलाज शुरू किया गया. गर्मी को देखते हुए सभी बच्चों को हीट स्ट्रोक वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है, जहां उनकी स्थिति सामान्य बताई जा रही है.
क्या बोले चिकित्सक?: बच्चों का इलाज कर रहे डॉ. रजनीकांत और डॉ. सत्येंद्र कुमार ने घटना का कारण डिहाइड्रेशन बताया. उन्होंने कहा कि ''बच्चे एक कक्षा में बैठे हुए थे, जहां न तो ज्यादा हवा और ना ही बैठने की सही व्यवस्था थी. डिहाइड्रेशन के कारण बच्चे एक के बाद एक बेहोश होने लगे. फिलहाल सभी की स्थिति खतरे से बाहर है. सभी को ओआरएस और जरूरी दवाई दी गई है.''
अन्य विद्यालयों के भी बच्चों की तबीयत बिगड़ी: उधर, सूचना के अनुसार मध्य विद्यालय मनकौल के अलावा कन्हौली में 4 बच्चे, गगौर प्राथमिक विद्यालय 3 बच्चे, बेलछी बेलदारिया स्कूल, मध्य विद्यालय हुसैनाबाद, प्राथमिक विद्यालय मुरारपुर, नीमी उच्च विद्यालय, इस्लामिया सहित आधा दर्जन विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों और शिक्षकों की भी तबीयत बिगड़ गई है. कई बच्चों को सदर अस्पताल तो कई बच्चों को निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
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