कानपुर: शहर समेत आसपास के 18 जिलों की करोड़ों की आबादी को अब सस्ती दर पर सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल में इलाज मिल सकेगा. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने यह अनमोल तोहफा कानपुरवासियों को दिया. शहर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में हुए कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने वर्चुअली शहर के हैलट अस्पताल के पास बने सुपर स्पेशिलिटी ब्लॉक का उद्घाटन किया.
करीब डेढ़ साल से इस सुपर स्पेशिलिटी ब्लॉक में ट्रायल का काम डॉक्टर्स कर रहे थे. यही नहीं, कानपुर में अब देश का दूसरा ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ स्पीच एंड हियरिंग सेंटर (एआईआईएसएच) भी बनकर तैयार होगा. बुधवार को इस संस्थान का भी शिलान्यास केंद्रीय मंत्री ने वर्चुअली किया. इस मौके पर सांसद देवेंद्र सिंह भोले, विधायक नीलिमा कटियार, सुरेंद्र मैथानी, भाजपा जिलाध्यक्ष दीपू पांडेय, मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. संजय काला आदि उपस्थित रहे. कार्यक्रम में डिप्टी सीएम बृजेश पाठक भी वर्चुअली शामिल हुए और उन्होंने इस प्रोजेक्ट को सराहा.
सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल की विशेषताएं: जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. संजय काला ने बताया कि सुपर स्पेशिलिटी ब्लॉक में कुल 240 बेड हैं. इनमें आईसीयू के 20 बेड हैं और ओटी के लिए आठ बेड (मॉड्यूलर ओटी ऑपरेशन थिएटर) हैं. इसके साथ ही यहां पर आठ अलग-अलग विभाग हैं, जिनमें न्यूरो सर्जरी, गैस्ट्रो मेडिसिन, यूरोलॉजी, न्यूरोलॉजी, गैस्ट्रोइंटोलॉजी आदि अन्य शामिल हैं. प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत इसका संचालन व निर्माण कार्य पूरा कराया गया है. कानपुर व आसपास के 18 जिलों के करोड़ों लोग कभी भी यहां आकर सस्ती दरों पर अपना अत्याधुनिक मशीनों की मदद से इलाज करा सकेंगे. इस सुपर स्पेशिलिटी ब्लॉक को बनाने के लिए कुल 200 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं. इसमें 3 टेस्ला एमआरआई, 128 स्लाइस सीटी स्कैन और 20 हजार किलोलीटर का ऑक्सीजन टैंक भी लगा है.
180 करोड़ रुपये की लागत से बनेगा एआईआईएसएच: जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. संजय काला ने बताया कि कानपुर में पहली बार पनकी के पास सुरार गांव में 180 करोड़ रुपये की लागत से आल इंडिया इंस्टीयूट ऑफ स्पीच एंड हियरिंग संस्थान बनेगा. इस संस्थान का लाभ उन दिव्यांगजनों को मिल सकेगा, जिन्हें कानों की समस्या रहती है. दिव्यांगजनों के लिए इस संस्थान में मुख्य तौर पर उपकरण तैयार किए जाएंगे. वहीं, देश का पहला ऐसा इंस्टीट्यूट मैसूर में है.
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