ग्वालियर: मध्य प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य मंत्री नरेंद्र शिवाजी पाटिल शुक्रवार को ग्वालियर में थे. उनकी एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है जिसमें वह स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ मीटिंग करते हुए नजर आ रहे हैं. कहा जा रहा है कि वह अपनी ससुराल में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की बैठक ले रहे थे. वहीं इसको लेकर कांग्रेस का कहना है कि इस तरह अपने घर में अधिकारियों को बुलाकर मुलाकात करना है गलत है.
कांग्रेस ने कहा - इस तरह निवास पर बैठक करना गलत
शुक्रवार सुबह से ही एक तस्वीर सोशल मीडिया पर छाई हुई है, जिसमें स्वास्थ्य मंत्री एक आलीशान घर में अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं. यह तस्वीर उनके ससुराल पक्ष के एक घर की बताई जा रही है. तस्वीर में ग्वालियर CMHO और सिविल सर्जन समेत कई अन्य लोग नज़र आ रहे हैं. इस तस्वीर के सामने आने के बाद से राजनैतिक गलियारों में भी हलचल मची हुई है.
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कांग्रेस का कहना है कि अगर स्वास्थ्य मंत्री ने अपनी ससुराल में बैठ कर इस तरह अधिकारियों के साथ बैठक की है तो यह पूरी तरह ग़लत है. सरकार से जुड़े हर मंत्री व विधायक का एक प्रोटोकॉल होता है, जिसे उन्हें फ़ॉलो करना चाहिए. किसी के निजी आवास पर प्रशासनिक अधिकारियों से मुलाक़ात करना उस स्थान से जुड़े लोगों को अनुचित लाभ पहुंचाता है.
मंत्री से जुड़े लोगों को होगा अनुचित लाभ!
कांग्रेस मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष आरपी सिंह का कहना है कि यदि कोई मंत्री किसी के निवास पर प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक लेता है तो उससे वहां के रहवासियों का अधिकारियों पर प्रभाव पड़ता है. अधिकारियों के बीच उनकी संबंधित मंत्री या विधायक के रिश्तेदार होने की छवि बनती है. इसलिए न केवल मंत्री व विधायक बल्कि ब्यूरोक्रेट्स को भी इस तरह की बैठकों से बचना चाहिए. जो प्रोटोकॉल है उसका पालन करना चाहिए.
सीएमएचओ ने कहा- बैठक नहीं सामान्य मुलाकत थी
वहीं इस वायरल तस्वीर की सच्चाई जानने के लिए जब हमने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से बातचीत की तो ग्वालियर सीएमएचओ डॉक्टर सचिन श्रीवास्तव ने बताया कि उनके विभाग के मंत्री नरेंद्र शिवाजी पार्टी ग्वालियर आए हुए थे. उनसे सौजन्य भेंट के लिए वे और ग्वालियर जिला अस्पताल के सिविल सर्जन दो अधिकारी मंत्री शिवाजी पाटिल के पास मिलने गए थे. सामान्य रूप से उन्होंने बातचीत में बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को लेकर चर्चा की, लेकिन यह कोई विभागीय बैठक नहीं थी.