जयपुर: राजधानी में चिकित्सा व्यवस्थाओं को मजबूत बनाने के लिए सरकार मेडिसिटी बनाने की प्लानिंग कर रही है. यदि राजधानी जयपुर में यह मेडिसिटी बनती है, तो फिर जयपुर एक मेडिकल हब के रूप में विकसित हो जाएगा. फिलहाल चिकित्सा विभाग प्रताप नगर में मेडिसिटी बनाने पर मंथन कर रहा है. इसकी संभावनाएं तलाशी जा रही है. मामले को लेकर प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर का कहना है कि जयपुर में मेडिसिटी होना बहुत आवश्यक है क्योंकि जयपुर, दिल्ली से काफी नजदीक हैं और दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर भी राजस्थान से गुजर रहा है. ऐसे में मेडिकल क्षेत्र में संभावनाएं विकसित करना काफी आसान हो सकता है.
चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर का कहना है कि राजस्थान को मेडिकल ट्यूरिज्म के क्षेत्र में विकसित करने के लिए लगातार नीतिगत फैसले लिए जा रहे हैं. दरअसल राजधानी के प्रताप नगर में राज्य सरकार ने आरयूएचएस जैसा बड़ा चिकित्सा संस्थान स्थापित किया है. इसके अलावा आरयूएचएस के पास कुछ कॉर्पोरेट अस्पताल भी स्थापित हुए हैं. इस क्षेत्र को मेडिसिटी के रुप में विकसित करने के पीछे कई संभावनाएं हैं. एक तो मेडिसिटी बनाने से प्रदेश में मेडिकल ट्यूरिज्म बढ़ेगा, तो मरीजों के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार भी होगा.
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बढ़ेगा मेडिकल टूरिज्म: यदि जयपुर में मेडिसिटी विकसित की जाती है, तो इसके बाद मेडिकल टूरिज्म भी काफी तेजी से बढ़ेगा और हाल ही में राज्य सरकार द्वारा पेश बजट में स्वास्थ्य के क्षेत्र को अब तक का सर्वाधिक यानि कुल बजट का 8.26 प्रतिशत प्रावधान स्वास्थ्य के लिए किया गया है. प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को दिए जा रहे बढ़ावे और वाजिब दरों पर उपचार उपलब्ध होने से प्रदेश में मेडिकल ट्यूरिज्म की संभावनाएं तेजी से विकसित हुई हैं. राज्य सरकार नीतिगत निर्णयों के जरिए इन संभावनाओं को और अधिक विस्तार देना चाहती है. इसी कड़ी में राजधानी के प्रतापनगर स्थित आरयूएचएस के पास में मेडिसिटी बनाने की संभावनाओं को भी तलाशा जा रहा है.
एक ही जगह स्थापित हो सकेंगे बड़े अस्पताल: चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने बताया कि राजधानी में मेडिसिटी बनने से बड़े-बडे अस्पताल एक ही क्षेत्र में स्थापित हो पाएंगे. जिससे मरीजों को अलग-अलग जगह भटकना नहीं पड़ेगा और सभी सुविधाएं एक ही क्षेत्र में मिल पाएंगी. उन्होंने बताया कि आने वाले समय में जयपुर स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर अग्रणी शहर बन जाएगा. उन्होंने बताया कि राइजिग राजस्थान के लिए हमने 'हील इन राजस्थान' का नारा दिया है. उन्होंने बताया कि भविष्य में मेडिकल ट्यूरिज्म के लिए जयपुर में काफी संभावनाएं हैं. उन्होंने बताया कि प्राइवेट मेडिकल सेक्टर्स भी इसमें अपनी रुची जता रहे हैं.