मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर : मनेंद्रगढ़ के सरकारी अस्पताल में पहले ही डॉक्टरों का टोटा है.लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि जल्द ही अस्पताल की बिल्डिंग की भी जरुरत होगी.क्योंकि इस अस्पताल में इन दिनों बाहर और अंदर दोनों जगह मरीज बारिश का मजा ले रहे हैं. अंदर काम करने वाले कर्मचारी भी बारिश के दौरान परेशान हैं.क्योंकि अस्पताल की छत टपक रही है.बावजूद इसके मरीज अपना इलाज कराने इसी अस्पताल में भींगते हुए डॉक्टर का इंतजार कर रहे हैं.
मोतियाबिंद का ऑपरेशन कैंप हो चुका है स्थगित : अस्पताल में ऑपरेशन थियेटर, इमरजेंसी सेंटर, वार्ड और दवा वितरण केंद्र हर जगह आपको पानी देखने को मिल जाएगा. पानी के रिसाव के कारण ही नेत्र विभाग के ऑपरेशन थियेटर में फंगस हो गया था.जिसकी वजह से बीस जुलाई को मोतियाबिंद के ऑपरेशन को कैंसिल कर दिया गया था. जानकारों की मानें तो फंगस के कारण मरीजों को संक्रमण होने का खतरा था. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रदेश बाकी अस्पतालों का क्या हाल होगा.इस मामले में मनेंद्रगढ़ अस्पताल के सीएमएचओ का कहना है कि बारिश के दिनों में थोड़ी परेशानी हो जाती है. लेकिन इलाज में कहीं कोई कमी नहीं है.
''इस बिल्डिंग को पीडब्ल्यूडी ने बनाया है. हमारी उनसे बात हुई है. अभी भी काम लगा हुआ है. उनको बोलकर बियरिंग कोट करवा दिया जाएगा. महिला विशेषज्ञ और एक सर्जन डॉक्टर की स्थापना मंत्री जी ने दो माह पहले यहां की है.लेकिन अभी तक डॉक्टरों ने ज्वाइन नहीं किया है.''- डॉ सुरेश तिवारी, सीएमएचओ
पूर्व मंत्री ने भी स्वास्थ्य व्यवस्था पर उठाए हैं सवाल : अस्पतालों को लेकर एक तरफ सदन में पूर्व कैबिनेट मंत्री भैया लाल राजवाड़े वर्तमान विधायक ने भी सवाल उठाया है. वहीं डॉक्टरों पर तंज कसते हुए भैयालाल राजवाड़े ने प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री से डॉक्टरों की कमी पूरी करने की मांग की. भैयालाल राजवाड़े ने पूछा कि जो डॉक्टर घरों में क्लीनिक खोल के बैठे हैं वो कब बंद होंगे. राजवाड़े के मुताबिक आज जितने भी डॉक्टर हैं वो अपने-अपने घर में प्रैक्टिस करते हैं. अस्पताल में मरीजों पर कोई ध्यान नहीं देता. अस्पताल में जितने भी मरीज जाते हैं. उन पर डॉक्टरों का ध्यान नहीं होने के कारण उन मरीजों को रेफर कर दिया जाता है.