देहरादून: राजधानी देहरादून में डेंगू को पनपने से रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग लगातार लार्वा सर्वे और जागरूकता गतिविधियां कर रहा है. विभाग की ओर से घर-घर जाकर लार्वा सर्वे किया जा रहा है. मौके पर ही डेंगू के लार्वा को नष्ट किया जा रहा है.
मानसून सीजन में स्वास्थ्य विभाग के सामने डेंगू रोकथाम नियंत्रण की चुनौती है. बीते वर्ष देहरादून के कई इलाकों में जुलाई में बड़ी संख्या में डेंगू के मामले आने लगे थे. अगस्त सितंबर में स्थिति गंभीर हो गई थी, लेकिन इस बार स्वास्थ्य विभाग ने 1 जुलाई से करीब 591 आशाओं को फील्ड में तैनात किया है, ताकि डेंगू को पनपने से रोका जा सके. आशाओं और नगर निगम के टीम संयुक्त रूप से घर-घर जाकर लार्वा सर्वे कर रही है. 1 जुलाई से लेकर अब तक करीब ढाई लाख से अधिक घरों का सर्वे किया जा चुका है. 852690 कंटेनर सर्च किया जा चुके हैं. इनमें से 3140 कंटेनरों में डेंगू लार्वा पाया गया है.
देहरादून मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर संजय जैन ने बताया बीते वर्ष अजबपुर, धर्मपुर, रेस कोर्स आदि क्षेत्रों में डेंगू ने विकराल रूप धारण किया. इन क्षेत्रों में सबसे ज्यादा डेंगू के केस पाए गए. इन इलाकों में भी स्वास्थ्य विभाग की टीम घर-घर जाकर लोगों को जागरुक कर रही है. जहां डेंगू लार्वा पाया जा रहा है उसे आशा कार्यकत्रियां नष्ट कर रही हैं. उन्होंने कहा राहत की बात है कि पिछली बार जहां डेंगू के हॉटस्पॉट थे, इस बार उन इलाकों में लार्वा नहीं पाया जा रहा है. उन्होंने कहा मच्छरों के पनपने के स्रोत को नष्ट करना बेहद जरूरी है. इसके साथ ही साफ सफाई को स्थाई आदत बनाना भी आवश्यक है.
एडीज मच्छर से लोग बच कर रहें: डेंगू बीमारी के लिए एडिस मच्छर को जवाबदेय माना जाता है. यह मच्छर आमतौर पर दिन को काटता है. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग का मानना है कि जागरूकता के माध्यम से ही इस मच्छर को पनपने से रोका जा सकता है. इसलिए लोगों को चाहिए कि वह ऐसे बर्तन ,टायरों,गमलों या अन्य स्रोत जिसमें साफ पानी इकट्ठा हो रहा हो उसे तुरंत साफ कर दें. सफाई की यह प्रक्रिया नियमित रूप से लोगों का अपनानी चाहिए.