बलौदाबाजार : निर्वाचन कार्य में बाधा उत्पन्न करने वाली प्रधान पाठक को कलेक्टर ने निलंबित कर दिया है. प्रधान पाठक पर निर्वाचन कार्य में बाधा डालने और उच्च अधिकारियों के साथ अमर्यादित व्यवहार करने के आरोप थे. कलेक्टर दीपक सोनी ने ये कदम निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान किसी भी तरह की अव्यवस्था और अनुशासनहीनता को रोकने के उद्देश्य से उठाया है.
कब का है मामला : ये मामला 23 जनवरी 2025 को नगरीय निकाय चुनाव के नामांकन पत्र दाखिल करने के समय का है. भाटापारा स्थित अतिरिक्त कलेक्टर कार्यालय में नाम निर्देशन पत्र जमा करने की प्रक्रिया चल रही थी. इसी दौरान शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला माता देवालय, भाटापारा को मतदान केंद्र के रूप में अधिसूचित किया गया. जिसके बाद प्रधान पाठक जसमीन राजसिंह ने रिटर्निंग अधिकारी और सहायक रिटर्निंग अधिकारी के दफ्तर में प्रवेश कर उनके साथ ना केवल उच्च स्वर में बहस की, बल्कि मतदान केंद्र के रूप में स्कूल को अधिसूचित किए जाने पर विरोध जताया. जसमीन राजसिंह ने चुनाव प्रक्रिया में अवरोध डालने का प्रयास करते हुए यह कहा कि वो स्कूल में मतदान नहीं होने देंगी. इस दौरान उनका व्यवहार भी अमर्यादित था. उन्होंने रिटर्निंग अधिकारी और सहायक रिटर्निंग अधिकारी के साथ असम्मानजनक तरीके से व्यवहार किया.जिसकी शिकायत जिला निर्वाचन अधिकारी से की गई थी.
कलेक्टर ने किया निलंबित : इस घटना के बाद जिला निर्वाचन अधिकारी दीपक सोनी ने तत्काल प्रभाव से प्रधान पाठक जसमीन राजसिंह को निलंबित कर दिया. निलंबन के दौरान उन्हें मुख्यालय विकासखंड शिक्षा अधिकारी सिमगा में नियुक्त किया गया है. साथ ही, इस दौरान उन्हें जीवन निर्वाह भत्ता मिलने की पात्रता होगी.
इस बारे में जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि मतदान केंद्रों की स्थापना और चुनाव प्रक्रिया में कोई भी हस्तक्षेप नहीं सहा जाएगा.
सरकारी कर्मचारियों को चुनाव कार्य में सहयोग करना अनिवार्य है. उनके द्वारा किसी भी प्रकार की अव्यवस्था या अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी.ये कार्रवाई सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के तहत की गई है, जो यह निर्धारित करता है कि किसी भी सरकारी कर्मचारी को अनुशासनहीनता, दुराचार और अन्य गलत कार्यों के लिए दंडित किया जा सकता है- दीपक सोनी, जिला निर्वाचन अधिकारी
सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के तहत कार्रवाई: आपको बता दें कि सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के तहत सरकारी कर्मचारियों को अपने कार्यों में ईमानदारी, निष्पक्षता और सम्मानपूर्वक आचरण करने के निर्देश दिए गए हैं. कोई भी सरकारी कर्मचारी यदि चुनाव कार्य में रुकावट डालने या अधिकारियों के साथ अमर्यादित व्यवहार करता है तो उस पर कठोर कार्रवाई की जाती है. जिला निर्वाचन अधिकारी ने स्पष्ट किया है कि निर्वाचन कार्य में किसी भी प्रकार की बाधा डालने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे ताकि चुनाव प्रक्रिया में कोई बाधा ना आए. बलौदाबाजार जिले में निर्वाचन कार्य को लेकर अधिकारियों का संदेश साफ है कि अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं होगी.
रायपुर नगरीय निकाय चुनाव : पत्नी के लिए टिकट जुगाड़ने में लगे नेता, जानिए नफा और नुकसान
जगदलपुर नगर निगम में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरु, जानिए किन मुद्दों को लेकर तैयार हैं नेता
पिछले 3 महीने में मच्छर मारने पर खर्च कर दिए डेढ़ करोड़, पूर्व पार्षदों के निशाने पर निगम