सिरमौर: हिमाचल प्रदेश का बहुचर्चित हेड कांस्टेबल जसवीर सैनी मामला पूरी तरह से मीडिया की सुर्खियों में है. ईटीवी भारत भी इस पूरे प्रकरण को लेकर पल-पल का अपडेट पाठकों से साझा कर रहा है.
इस केस ने पूरे हिमाचल पुलिस महकमे में हड़कंप मचाकर रखा हुआ है. प्रदेश के लोगों की नजरें भी आए दिन इस मामले में हो रहे अपडेट पर टिकी हुई है. लिहाजा यह मामला कब शुरू हुआ और यह केस अब किस मोड़ तक पहुंचा है. यह इस रिपोर्ट में है.
दरअसल हुआ यूं कि इसी महीने 8 जून को सिरमौर जिला के कालाअंब पुलिस थाना के अंतर्गत देवनी सड़क पर पंजाब के कुछ लोगों के साथ स्थानीय युवक अनिश व उसके पिता के साथ वाहन साइड देने को लेकर विवाद होता है.
विवाद इतना अधिक बढ़ जाता है कि पंजाब से ताल्लुक रखने वाले कुछ व्यक्ति अनिश व उसके पिता के साथ बुरी तरह से मारपीट करते हैं. यहां तक कि अनिश पर लाठी-डंडों से हमला किया जाता है.
इस पूरी मारपीट का एक वीडियो भी सामने आया. पीड़ित पक्ष ने आरोपियों के खिलाफ पुलिस थाना में इस संदर्भ में विभिन्न धाराओं में केस दर्ज करवाया और इस केस की जांच का जिम्मा हेड कांस्टेबल जसवीर सैनी को सौंपा गया.
हेड कांस्टेबल के वायरल वीडियो ने उड़ा दी हिमाचल पुलिस की नींद:
अभी इस केस की जांच चल ही रही थी कि अचानक इसी बीच 12 जून की शाम को सोशल मीडिया पर कालाअंब पुलिस थाना में तैनात हेड कांस्टेबल और मारपीट के उपरोक्त मामले के जांच अधिकारी जसवीर सैनी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होना शुरू हो गया. वीडियो में हेड कांस्टेबल ने एसपी सिरमौर पर कथित प्रताड़ित करने के आरोप लगाने के साथ-साथ मारपीट पक्ष के लोगों पर उसके धमकाने जैसे गंभीर आरोप लगाए साथ ही वह ऑन कैमरा अपनी नौकरी से त्यागपत्र देने की घोषणा भी करता है.
इसके साथ-साथ वह अपनी जिंदगी से तंग आकर सुसाइड करने तक की बात वीडियो में कह डालता है जैसे ही यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होता है, शिमला से लेकर सिरमौर तक पुलिस महकमे में खलबली मच जाती है. वीडियो के वायरल होने के साथ ही हेड कांस्टेबल लापता हो जाता है.
हड़कंप मचते देख तुरंत एसपी की तरफ से बयान हुआ जारी:
सोशल मीडिया पर तेजी से हेड कांस्टेबल का वीडियो वायरल होने पर 12 जून की रात पौने 9 बजे ही एसपी सिरमौर रमन कुमार मीणा की तरफ से इस मामले में प्रेस विज्ञप्ति जारी कर पक्ष रखा गया. प्रेस विज्ञप्ति में एसपी ने 8 जून को हुई मारपीट का जिक्र करते हुए कहा कि जांच अधिकारी हेड कांस्टेबल जसवीर सैनी की जांच से पीड़ित पक्ष नाखुश था. सूचना मिलने पर उच्च अधिकारियों ने जब फाइल की जांच की, तो पाया कि हेड कांस्टेबल ने जांच में काफी अनियमितता बरती.
इस पर हेड कांस्टेबल को कानून के मुताबिक जांच नियमित रूप से करने के निर्देश दिए गए साथ ही एसपी ने हेड कांस्टेबल द्वारा वायरल वीडियो में लगाए गए सभी आरोपों को बेबुनियाद व गैर जिम्मेदाराना करार दिया. जिला पुलिस की तरफ से सभी आरोपों का खंडन किया. अगले दिन विपक्ष ने मामले को लेकर सरकार को घेरा.
वहीं, मामले को तूल पकड़ते देख अगले दिन 13 जून की सुबह भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल ने नाहन में पत्रकारवार्ता बुलाई और प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर सुक्खू सरकार को घेरने का प्रयास किया. हेड कांस्टेबल के मामले में बिंदल ने सरकार पर जमकर निशाना साधा और मामले को लेकर चिंता व्यक्त की. वहीं, प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर ने भी इस मामले को लेकर सरकार पर जुबानी हमला बोला.
हेडकांस्टेबल के परिजनों और ग्रामीणों ने किया खूब हंगामा:
मामले ने उस वक्त अधिक तूल पकड़ लिया जब विपक्ष के बाद 13 जून की दोपहर साढ़े 12 के करीब नवादा गांव के रहने वाले हेड कांस्टेबल जसवीर सैनी की पत्नी अनिता सहित गांव के दर्जनों की तादाद में लोगों ने डीसी व एसपी कार्यालय पर खूब हंगामा किया.
इस दौरान सीधे-सीधे एसपी पर हेड कांस्टेबल को प्रताड़ित करने के कथित आरोप लगाए गए साथ ही सिरमौर पुलिस से मामले की जांच को न करवाकर उच्च स्तर पर जांच की गुहार लगाई. नाहन में दिन भर यह मामला पूरी तरह से गरमाया रहा.
सीआईडी क्राइम के डीआईजी को सौंपी जांच:
13 जून को परिजनों व ग्रामीणों द्वारा खूब हंगामा होने के बाद दबाव को बढ़ता देख इसी दिन शिमला मुख्यालय से हेड कांस्टेबल मिसिंग केस सीआईडी क्राइम को ट्रांसफर कर मामले की जांच का जिम्मा डीआईजी को सौंपा गया. मामले की गंभीरता को देखते हुए डीआईजी डीके चौधरी शाम को ही तुरंत जिला मुख्यालय पहुंचे. यहां परिजनों व ग्रामीणों से मुलाकात की.
हेड कांस्टेबल की पत्नी अनीता ने डीआईजी को पत्र सौंप एसपी सिरमौर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. वहीं, सिरमौर पुलिस की तरफ से भी लापता हेड कांस्टेबल की तलाश में पूरी ताकत झोंक दी गई. विभिन्न टीमें जसवीर की तलाश कर रही थी, लेकिन 13 जून की शाम तक उसका कुछ पता नहीं चल पाया.
14 जून को मामले में आया नया मोड़:
14 जून शुक्रवार को उस वक्त इस मामले में नया मोड़ आया जब 8 जून को हुई मारपीट का पीड़ित पक्ष डीसी सिरमौर को शिकायत पत्र सौंपने पहुंचा. पीड़ित अनिश के चाचा तेजवीर व पिता राजेश कुमार ने सीधे-सीधे जांच अधिकारी हेड कांस्टेबल जसवीर सैनी पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने हेड कांस्टेबल पर मामले में समझौते का दबाव बनाने का आरोप लगाते हुए जांच पर सवाल खड़े किए. वह हेड कांस्टेबल की जांच से नाखुश दिखाई दिए. उन्होंने इस मामले में आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. लिहाजा मामला सुलझने की बजाय और उलझता चला गया.
दिन भर जांच में जुटे रहे डीआईजी, शाम को आई बड़ी खबर:
14 जून को सीआईडी क्राइम के डीआईजी डीके चौधरी कालाअंब में पहुंच दिन भर मामले की जांच में जुटे रहे. दूसरी तरफ सिरमौर पुलिस भी लगातार हेड कांस्टेबल की तलाश में जगह-जगह खाक छानती रही. खुफिया तंत्र को भी अलर्ट किया जा चुका था. कॉल डिटेल्स सहित सीसीटीवी फुटेज को भी खंगाला गया, ताकि हेड कांस्टेबल का कोई सुराग लग पाए. इसी बीच देर शाम एक बड़ी खबर सामने आई. सीआईडी और जिला पुलिस के सहयोग से लापता हुए जसवीर सैनी का पता चल गया. उसे हरियाणा के नारायणगढ़ के पास दस्तयाब कर नाहन लाया गया. देर रात मेडिकल चेकअप के दौरान तबीयत खराब होने की वजह से हेड कांस्टेबल जसवीर को अस्पताल में भर्ती कर लिया गया.
जसवीर को दस्तयाब करने बाद पत्रकार वार्ता में हुए कई खुलासे:
14 जून की देर शाम हेड कांस्टेबल के मिलने के बाद अगले दिन सभी की निगाहें सीआईडी और पुलिस महकमे द्वारा आयोजित होने वाली पत्रकार वार्ता पर टिकी रही. दोपहर साढ़े 11 बजे एसपी रमन कुमार मीणा व अन्य पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में डीआईजी डीके चौधरी ने मामले से जुड़ी जानकारी को मीडिया के साथ साझा किया. लापता होने के तीसरे दिन सही सलामत मिले हेड कांस्टेबल के मामले में डीआईजी ने कहा हेड कांस्टेबल की पत्नी की शिकायत पर मुख्यमंत्री ने इस मामले में डीजीपी को निर्देश दिए जिसके बाद हेड कांस्टेबल मिसिंग केस सीआईडी को ट्रांसफर किया गया. उन्होंने कहा जब वह जांच के लिए यहां पहुंचे, उन्होंने पाया कि जिला पुलिस यहां पहले से ही हेड कांस्टेबल की तलाश के लिए हर स्तर पर अलग-अलग टीम बनाकर जांच में जुटी थी. वह भी सीआईडी के 2 से 4 लोग साथ लेकर यहां आए. जिला पुलिस टेक्निकल व सर्विलांस सहित विभिन्न टीमें गठित कर अपना काम कर रही थी.
एक फोन कॉल से पकड़ में आया हेड कांस्टेबल:
डीआईजी ने कहा कि हम सभी को पता था कि आज की तारीख में कोई भी व्यक्ति ज्यादा देर फोन से दूर नहीं रह सकता है, जबकि हेडकांस्टेबल पहले से ही अपना फोन गाड़ी में छोड़कर चला गया था. मगर ऐसा लग रहा था कि 2-4 घंटे से ज्यादा कोई भी व्यक्ति फोन से दूर नहीं रह सकता. लिहाजा जानकारों पर यही प्रेशर डाला गया कि ऐसा नहीं हो सकता है कि लापता व्यक्ति किसी के सम्पर्क में न हो. इस पर लगातार काम किया जा रहा था.
डीआईजी ने बताया कि इसी बीच 14 जून की शाम को कालाअंब में ही मौजूद पांवटा साहिब की डीएसपी अदिती सिंह को एक फोन कॉल आई कि लापता हेड कांस्टेबल जसवीर सैनी नारायणगढ़ के समीप एक ट्यूबवेल पर लेटा हुआ है. इसके बाद डीएसपी की अगुवाई में टीम नारायणगढ़ के समीप गुजरा क्षेत्र में पहुंची, जहां हेड कांस्टेबल ट्यूबवेल पर लेटा हुआ था.
यहां से टीम ने उसे सुरक्षित दस्तयाब कर लिया. हेड कांस्टेबल के मिलने के बाद उसके परिजनों को सूचित कर बुलाया गया, लेकिन जब मेडिकल के लिए हेड कांस्टेबल को लेकर गए, तो उसकी तबीयत थोड़ी ठीक नहीं थी, जिसके चलते उसे नाहन मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया गया. लिहाजा कांस्टेबल के बयान कलमबंद नहीं हो पाए.
लापता नहीं बल्कि छिपा हुआ था हेड कांस्टेबल:
पत्रकारवार्ता में स्टेट सीआईडी के डीआईजी डीके चौधरी ने यह भी कहा कि हेड कांस्टेबल जसवीर सैनी लापता नहीं था बल्कि छिपा हुआ था, क्योंकि लापता तो वह होता है, जिसे पता नहीं चलता कि वह कहां जा रहा है. उन्होंने मामले में डिटेल इन्क्वायरी कर विभागीय जांच की बात भी कही.
सवालों के जवाब में एसपी ने किया चौंकाने वाला खुलासा:
डीआईजी के साथ पत्रकार वार्ता में मौजूद एसपी रमन कुमार मीणा ने सवालों के जवाब में कहा कि एक गरीब व्यक्ति जिसके साथ मारपीट होती है, उसकी सही जांच के निर्देश देने पर जो हेड कांस्टेबल मामले में सोशल मीडिया ट्रायल किया गया या किस तरह करवाया गया. यह सभी जांच का विषय है. एसपी ने यह भी कहा कि एक व्यक्ति को बाहरी राज्य के लड़के लाठियां लेकर जानवर की तरह मार रहे हैं और इस केस में न तो एक्सरे करवाया गया न ही पीड़ित के कहने के बावजूद मारपीट का वीडियो कब्जे में लिया गया, पीड़ित की स्टेटमेंट को सही तरीके से रिकॉर्ड किया गया.
लिहाजा मामले में सही जांच करने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन उसके अगले ही दिन हेड कांस्टेबल का यह वीडियो वायरल हो गया. एसपी यहां देवनी सड़क पर 8 जून को हुई मारपीट के मामले का जिक्र कर रहे थे, जिसकी जांच का जिम्मा हेड कांस्टेबल जसवीर सैनी को दिया गया था.
10 जून को दिए निर्देश अगले दिन वीडियो हुआ वायरल:
एसपी ने यह भी कहा कि पीड़ित पक्ष आरोप लगा था कि जांच अधिकारी हेड कांस्टेबल ने उन पर लगातार मामले में समझौता करने का दबाव बनाया और साथ ही उन्हें धमकाया. उन्होंने बताया कि 8 जून को मारपीट का यह केस दर्ज हुआ और 10 जून को जैसे ही पीड़ित उनके पास पहुंचे तो हेड कांस्टेबल को कानून के मुताबिक सही जांच करने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन इसके अगले ही दिन 11 जून को हेड कांस्टेबल का यह वीडियो वायरल हो गया. इसी बीच मारपीट के उस केस को भी सीआईडी को ट्रांसफर कर दिया गया, जिसकी जांच हेड कांस्टेबल कर रहा था.
पैसों के लेनदेन को लेकर कथित वायरल ऑडियो आया सामने:
इसी बीच हेड कांस्टेबल का पैसों के लेन-देन का एक कथित ऑडियो भी वायरल हो गया. पत्रकार वार्ता में इस कथित ऑडियो पर पूछे गए सवाल पर एसपी मीणा ने कहा कि दरअसल पैसों के लेन-देन का यह मामला किसी और अन्य केस से संबंधित है, जिसकी शिकायत पिछले महीने 17 मई को आई.
एसपी ने कहा कि शिकायत में एक व्यक्ति ने हेड कांस्टेबल जसवीर सैनी पर 45 हजार रुपये लेने का आरोप लगाया और उस व्यक्ति ने हेड कांस्टेबल की ऑडियो बनाई. एसपी ने बताया कि यह ऑडियो जांच के लिए पुलिस को मिला और इसकी प्रारंभिक जांच डीएसपी हेडक्वार्टर द्वारा की गई, जिसमें आरोपों की पुष्टि भी पाई गई थी, लेकिन आगामी जांच से पहले ही हेड कांस्टेबल का यह सारा प्रकरण सामने आ गया.
हिमाचल पुलिस की छवि को लगा बड़ा दाग:
हेड कांस्टेबल प्रकरण मामले में हिमाचल पुलिस की छवि को बड़ा दाग लगा है, जिसे पत्रकारवार्ता में डीआईजी चौधरी और एसपी मीणा दोनों ने स्वीकार किया. डीआईजी ने कहा कि इस पूरे मामले में पुलिस विभाग की किरकिरी हुई है, उसे हम सभी मानते हैं, क्योंकि जब किसी भी ऑर्गेनाइजेशन या किसी यूनिट का कोई भी सदस्य इस तरह का व्यवहार करता है, तो सारी पुलिस के लिए वह अच्छा नहीं रहता है लिहाजा हेड कांस्टेबल पर इन्क्वायरी की बात भी उन्होंने कही.
वहीं, एसपी मीणा ने भी कहा कि इस पूरे मामले में पुलिस विभाग की छवि को बुरी तरह ठेस पहुंचाई गई और यह सारा घटनाक्रम बहुत दुखद है. एसपी ने कहा कि पुलिस का पहला प्रयास यही था कि हेड कांस्टेबल सही सलामत मिले और वह स्वस्थ हो, क्योंकि वह भी हमारे ही परिवार का हिस्सा है, हमसे अलग नहीं है, लेकिन यह सारा घटनाक्रम क्यों हुआ, इसकी जांच होगी और होनी भी चाहिए. पूछे जाने पर एसपी ने यह भी बताया कि हेड कांस्टेबल जसवीर को लेकर पहले भी 3-4 शिकायतें मिली हैं.
बैकफुट पर नजर आ रहा हेड कांस्टेबल:
पहले विभाग के पुलिस अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाकर जनता की सहानुभूति बटोरने का प्रयास करने वाला हेड कांस्टेबल अब खुद भी इस पूरे प्रकरण में बैकफुट पर नजर आ रहा है. पहले नियमों को दरकिनार कर वर्दी में हेड कांस्टेबल ने चलती गाड़ी में वीडियो बनाया, जिसमें एसपी सिरमौर पर कथित आरोप लगाने के साथ-साथ सुसाइड करने की बात कही गई और उसके बाद अपनी गाड़ी व मोबाइल को मोबाइल कालाअंब पुलिस थाना में छोड़ लापता हो गया. इसके बाद न केवल प्रदेश बल्कि हिमाचल पुलिस में हड़कंप मच गया.
अब जब सीआईडी व सिरमौर पुलिस जवान को सही सलामत ढूंढकर वापस लेकर पहुंची तो कहानी ही कुछ ओर निकलकर सामने आई. पुलिस की मानें तो हेड कांस्टेबल लापता नहीं हुआ था, बल्कि वह छिपा हुआ था. लिहाजा अब उसे विभागीय जांच का भी सामना करना पड़ेगा.
वहीं, डीआईजी व एसपी सिरमौर ने हेड कांस्टेबल प्रकरण में पत्रकारवार्ता में जो खुलासे किए, उससे अब यह माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में हेड कांस्टेबल की दिक्कतें बढ़ सकती हैं. एक ओर जहां हेड कांस्टेबल पर 45 हजार रुपये के पैसे के लेनदेन के कथित वायरल ऑडियो की जांच चल रही है. वहीं उसके खिलाफ कुछ और शिकायतें भी हुई हैं.
इस पूरे प्रकरण में भी हेड कांस्टेबल को विभागीय जांच का सामना अलग से करना पड़ेगा. जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी, माना जा रहा है कि कई हैरान करने वाले और खुलासे हो सकेंगे. फिलहाल हेड कांस्टेबल अस्पताल में भर्ती है.
मामले की जांच को लेकर एसआईटी का गठन:
15 जून की देर शाम बहुचर्चित हेड कांस्टेबल जसवीर सैनी से जुड़े मामले की जांच को एसआईटी को सौंप दिया गया. डीजीपी के निर्देश के बाद राज्य पुलिस के आईजी (इंटेलिजेंस) ने एसआईटी गठन के आदेश जारी किए. एसआईटी की अगुवाई एएसपी (एएनटीएफ) यानी एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स रमेश कुमार शर्मा को दी गई. उनके साथ जांच में एएनटीएफ शिमला के ही एसआई मेहर चंद, एचसी तेजा सिंह, कांस्टेबल मोहित शर्मा को भी शामिल किया गया. इसी मामले में कालाअंब में विभिन्न धाराओं में एफआईआर दर्ज है. लिहाजा अब इस पूरे मामले की आगामी जांच एसआईटी को सौंपी गई है.
हेड कांस्टेबल ने वीडियो में कही बातें दोहराई:
16 जून रविवार को इस मामले में हेड कांस्टेबल जसवीर सैनी के बयान कलमबंद कर लिए. स्टेट सीआईडी (क्राइम) के डीआईजी डीके चौधरी ने हेड कांस्टेबल के बयान दर्ज किए. डीआईजी चौधरी ने बताया कि हेड कांस्टेबल जसवीर सैनी के बयान कलमबंद कर लिए गए हैं, जिसमें उसने उन्हीं बातों को दोहराया है, जो उसने सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में कहीं थी.
डीआईजी ने कहा कि उन्हें सिर्फ हेड कांस्टेबल को तलाश करने का जिम्मा सौंपा गया था और अब इस पूरे मामले की जांच एसआईटी करेगी. कुल मिलाकर इस मामले में राहत की बात यह है कि हेड कांस्टेबल सही सलामत है, लेकिन इतना जरूर है कि इससे हिमाचल पुलिस की छवि को बड़ा दाग जरूर लगा है. अब जैसे ही एसआईटी यहां पहुंचकर जांच करेगी, तो उम्मीद की जा रही है कि आने वाले दिनों में मामले में कई बड़े व चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं.
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