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HC का बड़ा आदेश: कॉन्ट्रैक्ट के बाद रेगुलर हुए कर्मियों को सालाना अर्जित वेतन वृद्धि देने के आदेश, 4 महीने में भुगतान करे सरकार - CONTRACT PERIOD FOR EMPLOYEES IN HP

कॉन्ट्रेक्ट के बाद रेगुलर हुए कर्मचारियों के लिए सुख की खबर है. हाईकोर्ट ने कॉन्ट्रैक्ट पीरियड के दौरान अर्जित वार्षिक वेतनवृद्धि देने के आदेश दिए.

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट शिमला
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट शिमला (फाइल फोटो)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Nov 12, 2024, 7:19 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने कॉन्ट्रैक्ट के बाद रेगुलर हुए हजारों कर्मचारियों को बड़ी राहत देते हुए अनुबंध पीरियड के दौरान अर्जित वार्षिक वेतनवृद्धि देने के आदेश जारी किए हैं. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने विभिन्न अपीलों और याचिकाओं का एक साथ निपटारा करते हुए उपरोक्त आदेशानुसार उपजे कर्मचारियों के वित्तीय लाभ 4 माह के भीतर अदा करने के आदेश दिए.

उल्लेखनीय है कि जगदीश चंद व अन्य याचिकाकर्ताओं के मामले में हाईकोर्ट द्वारा दिए गए निर्णय के अनुसार प्रार्थियों द्वारा अनुबंध आधार पर दी गई सेवाओ को पेंशन के लिए क्वालीफाइंग सर्विस व वार्षिक वेतनवृद्धि के लिए गिने जाने के आदेश दिए थे.

प्रार्थियों का कहना था कि सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही उपरोक्त जगदीश चंद मामले में सरकार द्वारा दायर अपील को खारिज कर दिया है, इसलिए वे इस फैसले के अनुसार अनुबंध कार्यकाल के दौरान अर्जित की गई वार्षिक वेतन वृद्धि पाने का हक रखते हैं. कोर्ट ने प्रार्थियों की दलीलों से सहमति जताते हुए उनके अनुबंध सेवाकाल को पेंशन व वार्षिक वेतनवृद्धि के लिए गिनने के आदेश दिए.

आर्थिक संकट में घिरी सुक्खू सरकार को अब हाईकोर्ट के आदेश के बाद कॉन्ट्रैक्ट के बाद रेगुलर हुए हजारों कर्मचारियों को अर्जित वार्षिक वेतनवृद्धि देनी पड़ेगी. बता दें कि मौजूदा समय में सरकारी नौकरियों में दो साल का अनुबंध पीरियड है. पूर्व की जयराम सरकार ने अनुबंध पीरियड को 3 साल से घटाकर 2 साल किया था. इससे पहले अनुबंध अवधि क्रमश: 5 साल और आठ साल थी. ऐसे में जिस कर्मचारी का जितना लंबी अनुबंध अवधि रही होगी. उसे उतना ही लाभ मिलेगा.

ये भी पढ़ें: हिमाचल में मिलेगी 15 साल पुराने वाहनों को स्क्रैप करने की सुविधा, परिवहन विभाग ने दो कंपनियों को दी अप्रूवल

शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने कॉन्ट्रैक्ट के बाद रेगुलर हुए हजारों कर्मचारियों को बड़ी राहत देते हुए अनुबंध पीरियड के दौरान अर्जित वार्षिक वेतनवृद्धि देने के आदेश जारी किए हैं. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने विभिन्न अपीलों और याचिकाओं का एक साथ निपटारा करते हुए उपरोक्त आदेशानुसार उपजे कर्मचारियों के वित्तीय लाभ 4 माह के भीतर अदा करने के आदेश दिए.

उल्लेखनीय है कि जगदीश चंद व अन्य याचिकाकर्ताओं के मामले में हाईकोर्ट द्वारा दिए गए निर्णय के अनुसार प्रार्थियों द्वारा अनुबंध आधार पर दी गई सेवाओ को पेंशन के लिए क्वालीफाइंग सर्विस व वार्षिक वेतनवृद्धि के लिए गिने जाने के आदेश दिए थे.

प्रार्थियों का कहना था कि सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही उपरोक्त जगदीश चंद मामले में सरकार द्वारा दायर अपील को खारिज कर दिया है, इसलिए वे इस फैसले के अनुसार अनुबंध कार्यकाल के दौरान अर्जित की गई वार्षिक वेतन वृद्धि पाने का हक रखते हैं. कोर्ट ने प्रार्थियों की दलीलों से सहमति जताते हुए उनके अनुबंध सेवाकाल को पेंशन व वार्षिक वेतनवृद्धि के लिए गिनने के आदेश दिए.

आर्थिक संकट में घिरी सुक्खू सरकार को अब हाईकोर्ट के आदेश के बाद कॉन्ट्रैक्ट के बाद रेगुलर हुए हजारों कर्मचारियों को अर्जित वार्षिक वेतनवृद्धि देनी पड़ेगी. बता दें कि मौजूदा समय में सरकारी नौकरियों में दो साल का अनुबंध पीरियड है. पूर्व की जयराम सरकार ने अनुबंध पीरियड को 3 साल से घटाकर 2 साल किया था. इससे पहले अनुबंध अवधि क्रमश: 5 साल और आठ साल थी. ऐसे में जिस कर्मचारी का जितना लंबी अनुबंध अवधि रही होगी. उसे उतना ही लाभ मिलेगा.

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