शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव को यह सुनिश्चित करने को कहा है कि राष्ट्रीय व राज्य राजमार्गों के अलावा जिला सड़कों या अन्य स्थानीय सड़कों पर अथवा उसके किनारों के साथ सरकारी भूमि पर कोई अनाधिकृत निर्माण और अतिक्रमण ना हो.
न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर व न्यायाधीश राकेश कैंथला की खंडपीठ ने जनहित याचिका का निपटारा करते हुए यह आदेश जारी किए. कोर्ट ने कहा कि बेशक विवादित अतिक्रमण हटा दिए गए हैं फिर भी सभी संबंधित प्राधिकारियों को आदेश दिए जाते हैं कि राष्ट्रीय राजमार्ग-5 पर और उसके आसपास अतिक्रमण, अनाधिकृत निर्माण या किसी भी प्रकार की बाधा उत्पन्न न हो.
कोर्ट ने राजस्व विभाग, हिमाचल प्रदेश लोक निर्माण विभाग, नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग, नगर निगम, नगर परिषद, नगर पंचायत, पंचायत, विशेष क्षेत्र विकास समिति, योजना क्षेत्र और अन्य स्थानीय स्व-निकायों के संबंधित अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के आदेश दिए कि राष्ट्रीय राजमार्ग पर अथवा इनके साथ की सरकारी भूमि पर कोई अनाधिकृत निर्माण व अतिक्रमण ना हो और इसका पता चलने पर इसकी रिपोर्ट तुरंत उच्च व सक्षम प्राधिकारी या अधिकारी को करें.
इसके बाद सक्षम प्राधिकारी अनाधिकृत निर्माण व अतिक्रमण को तुरंत हटाने के लिए आवश्यक उचित कदम उठाएं. संबंधित अधिकारियों को यह भी सुनिश्चित करने को कहा गया है कि राष्ट्रीय राजमार्ग पर या इसके साथ सरकारी भूमि पर अनाधिकृत संरचना व अतिक्रमण की कोई पुनरावृत्ति ना हो जिसे पहले ही हटा दिया गया है.
अपने कर्तव्य का पालन करने में विफल रहने पर, अवमानना कार्यवाही का सामना करने के अलावा, रिपोर्ट न करने या रिपोर्ट किए गए मामले की अनदेखी करने के लिए जिम्मेदार संबंधित अधिकारी अथवा कर्मचारी को सेवा से हटाने या बर्खास्तगी सहित विभागीय कार्यवाही के साथ-साथ कानून के अनुसार आपराधिक कार्यवाही का भी सामना करना पड़ेगा.
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