हजारीबागः जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के भेलवारा में जमीन कारोबारी मो इदरिश को अपराधियों द्वारा गोली मारे जाने की बात झूठी और भ्रामक निकली. मो इदरिश से जब पुलिस ने सख्ती से पूछताछ तो पूरा मामला उजागर हो गया और पूरा कहानी उलट गई.
मुफस्सिल थाना पुलिस की जांच में सामने आया सच
गोलीकांड मामले में मुफस्सिल थाना की पुलिस जांच कर रही थी. पुलिस ने घटनास्थल का जायजा लिया था, लेकिन पुलिस को अपराधियों द्वार गोली चलाने का कोई सबूत हाथ नहीं लगा. पुलिस के अनुसार खुद को बचाने के लिए मो इदरिश ने झूठी कहानी गढ़ी थी. दरअसल, मो इदरिश को किसी ने गोली नहीं मारी थी, बल्कि उसके पास मौजूद अवैध पिस्टल की सफाई के दौरान गलती से गोली चल गई और गोली मो इदरिश को जा लगी. जिसमें वह घायल हो गया था. इसके बाद उसके साथियों ने उसे मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती करा दिया.
पुलिस ने अस्पताल में भर्ती घायल का लिया था बयान
गोली लगने से युवक के घायल होने की खबर सुनकर पुलिस बयान लेने पहुंची थी. जिसपर इदरिश और उसके साथियों ने बताया था कि अपराधियों द्वारा अपहरण की नीयत से गोली चलाई गई थी. जिसमें वह घायल हो गया. इसके बाद पुलिस मामले की जांच में जुट गई थी.
अवैध पिस्टल की सफाई करने के क्रम में गलती से चल गई थी गोली
सदर एसडीपीओ शिवाशीष ने मामले से पर्दा हटाया है. उन्होंने बताया कि घटना 10 फरवरी की है. मो इदरिश अपने एक अन्य सहयोगी मो नियाजाउद्दीन उर्फ कल्लू के साथ दोपहर में चेहला जंगल की ओर गया था. इस दौरान स्वयं के पास रखे पिस्टल की वह सफाई कर रहा था. इसी क्रम में पिस्टल से गोली चल गई और सीधे यह गोली उसके हथेली को चीरते हुए पार हो गई. इस घटना में इदरिश की जान भी जा सकती थी, लेकिन वह बच गया. घटना के बाद उसने अवैध पिस्टल अपने सहयोगी कल्लू को दे दिया था.
पुलिस ने अवैध पिस्टल किया बरामद
हजारीबाग पुलिस की जांच में कल्लू के पास से वह अवैध पिस्टल बरामद किया गया है जिससे गोली चली थी. पूछताछ के बाद पुलिस ने सहयोगी नियाजउद्दीन उर्फ कल्लू को भी गिरफ्तार कर लिया है. वहीं मेडिकल कॉलेज में इलाजरत मो इदरिश को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है.
गोली से घायल शख्स और उसके साथी पुलिस को कर रहे थे गुमराह
10 फरवरी की दोपहर दो अपराधियों द्वारा एक युवक के अपहरण के दौरान गोली मारने की बात सामने आयी थी. मामले में युवकों ने ना ही पुलिस को जानकारी दी थी और ना ही ग्रामीणों को. जिससे पुलिस का शक गहरा हो गया था. इसके बाद युवकों के फर्द बयान और घटनास्थल पर जांच में अंतर पाए जाने के बाद पुलिस ने आरोपियों से कड़ाई से पूछताछ की. जिसके बाद सच्चाई सामने आ गई.
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