हजारीबाग: लोकसभा चुनाव दिलचस्प होता जा रहा है. चुनाव के कारण नेताओं को उन बैठकों में भी शामिल होना पड़ रहा है, जिसे उन्होंन काफी पहले ही अलविदा कह दिया था. हजारीबाग सीट से इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार जयप्रकाश भाई पटेल के साथ कुछ ऐसा ही होता दिखा. पांच साल पहले उन्होंने जिस पार्टी को अलविदा कह दिया था, उन्हें उसी पार्टी की बैठक में शामिल होना पड़ा. जबकि, वे उस पार्टी में दोबारा शामिल भी नहीं हुए हैं. यह है ना आश्चर्य की बात!
दरअसल, पांच साल पहले जयप्रकाश भाई पटेल ने झारखंड मुक्ति मोर्चा से अपने सारे रिश्ते तोड़ लिए थे. लेकिन अब एक बार फिर राजनीतिक परिदृश्य ऐसा बन गया कि जयप्रकाश भाई पटेल को झारखंड मुक्ति मोर्चा की बैठक में भाग लेना पड़ा.
शनिवार को झारखंड मुक्ति मोर्चा की जिला कमेटी की बैठक आयोजित की गयी. जिसमें इंडिया गठबंधन प्रत्याशी जयप्रकाश भाई पटेल समेत झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस के नेता मौजूद रेह. इस दौरान इस बात पर चर्चा हुई कि किस तरह से हजारीबाग में पार्टी को संगठित किया जाये और जयप्रकाश भाई पटेल को विजय बनाकर दिल्ली भेजा जाये.
हजारीबाग जिला संयोजक संजीव बेदिया ने कहा कि हजारीबाग में पार्टी संगठित है और कार्यकर्ताओं में किसी तरह की कोई नाराजगी नहीं है. यहां के कार्यकर्ता गुरु जी और चंपाई सोरेन के सैनिक हैं. जिस तरह से पार्टी ने संघर्ष कर झारखंड राज्य हासिल किया है. उसी तरह हजारीबाग में इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी को भी लड़कर विजयी बनाया जायेगा.
बैठक में आये इंडिया एलायंस के प्रत्याशी जयप्रकाश भाई पटेल ने कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा को काफी अच्छा समर्थन मिल रहा है. पार्टी संगठित होकर चुनाव प्रचार में जुटी है. कार्यकर्ताओं में कोई मतभेद या मनमुटाव नहीं है. जब उनसे पूछा गया कि आज वह उसी पार्टी की बैठक में मौजूद रहे, जिसे उन्होंने छोड़ा था.
उन्होंने कहा कि राजनीति समय की मांग है. उसी मांग को देखते हुए पार्टी बदली गई. इस बार केंद्र सरकार की कार्यशैली के खिलाफ सभी एकजुट हैं. हमें आम लोगों का पूरा समर्थन मिल रहा है. चुनाव में पार्टी को विजय मिलेगी.