अलीगढ़: हाथरस के सांसद राजवीर दिलेर का अंतिम संस्कार गुरुवार को नुमाइश मैदान में स्थित मुक्ति धाम श्मशान घाट पर किया गया. इस दौरान भारी संख्या में भाजपा और विपक्षी दलों के नेता मौजूद रहे. राजवीर सिंह को बुधवार को हार्ट अटैक आने के बाद मौत हो गई थी. रावीर सिंह की मौत के बाद उनकी पत्नी रजनी विलाप करते हुए कहा कि 'इस बार टिकट कटने से टेंशन में थे. मैंने बहुत समझाया, टेंशन मत लो, लेकिन वह मान ही नहीं रहे थे, यही तनाव उनकी उनकी मौत बन गई. मेरी तो दुनिया ही उजड़ गई. इसमें मेरी क्या गलती थी'. बता दें कि भाजपा ने इस बार राजवीर सिंह का टिकट काटकर हाथर से राजस्व मंत्री अनूप वाल्मीकि को टिकट दे दिया है.
बता दें कि राजवीर सिंह के पिता किशनलाल दिलेर की भी मौत 2004 में हुई थी, तब वह भी हाथरस से सांसद थे. राजवीर दिलेर ने 2019 में हाथरस लोकसभा से जीत दर्ज कर अपने पिता की राजनीतिक विरासत को संभाला था. राजवीर मूल रूप से अलीगढ़ के रहने वाले थे. 2017 में भाजपा के टिकट पर इगलास विधानसभा में रिकॉर्ड तोड़ मतों से जीत दर्ज की थी.
2019 में हाथरस लोकसभा सीट पर राजेश दिवाकर का टिकट काटकर राजवीर दिलेर को मैदान में उतारा था, जहां से वह 260208 मतों से चुनाव जीते थे, हालांकि 2024 लोकसभा चुनाव में राजवीर दिलेर का टिकट काट दिया गया. उनकी जगह राजस्व मंत्री अनूप वाल्मीकि को मैदान में उतारा गया है. 22 अप्रैल को अलीगढ़ में नुमाइश मैदान में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जनसभा में राजवीर दिलेर मंच पर दिखे थे, लेकिन उन्हें बोलने का मौका नहीं मिला. वहीं, दो दिन बाद ही उनकी मौत पर चर्चाएं हो रही है. चर्चा है कि टिकट कटने से वह तनाव में भी थे.
हालांकि राजवीर दिलेर को उम्मीद थी कि पार्टी उन्हें पिता की तरह हाथरस सीट पर लगातार टिकट देगी, लेकिन हाथरस में बिटिया प्रकरण को लेकर क्षत्रिय समाज में नाराजगी थी. इसी नाराजगी की वजह से इस बार हाथरस लोकसभा सीट पर भाजपा हाईकमान टिकट बदलने को मजबूर हुई. राजवीर के स्थान पर दूसरे वाल्मीकि नेता को टिकट दिया गया. पूर्व सांसद चौधरी बिजेन्द्र सिंह ने कहा कि राजवीर के निधन बड़ी क्षति है,पिता भी पांच बार सांसद रहे.कई तरह की टेंशन की वजह से हार्ट अटैक हो गया.