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पेपर लीक माफिया के घर पर लगता था हाथरस वाले बाबा का दरबार, SOG एक्शन से पहले जानें क्यों नारायण हरि हो गया था फरार - Narayan Hari Rajasthan Connection

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 4, 2024, 9:14 PM IST

Rajasthan Connection Of Narayan Hari Baba, यूपी के हाथरस हादसे में सैकड़ों लोगों की जान चली गई. इस हादसे के बाद से ही भोले बाबा उर्फ नारायण हरि चर्चा के केंद्र में हैं, लेकिन आज हम आपको भोले बाबा के राजस्थान कनेक्शन के बारे में बताएंगे.

Rajasthan Connection Of Narayan Hari Baba
बाबा राजस्थान कनेक्शन (ETV BHARAT Dausa)

पेपर माफिया के घर पर लगता था बाबा का दरबार (ETV BHARAT Dausa)

दौसा. उत्तर प्रदेश के हाथरस में भोले बाबा उर्फ नारायण हरि के सत्संग में मची भगदड़ में सैकड़ों लोगों की जान चली गई. घटना के बाद से ही बाबा नारायण हरि चर्चा में हैं, लेकिन अब बाबा का राजस्थान कनेक्शन सामने आया है और इसके तार दौसा जिला निवासी पेपर लीक माफिया हर्षवर्धन पटवारी से जुड़ा है. दरअसल, भोले बाबा उर्फ नारायण हरि दौसा जिले से गुजर रहे नेशनल हाइवे 21 पर स्थित गोविंद देवजी मंदिर के ठीक सामने एक कॉलोनी में पेपर लीक मामले में एसओजी की गिरफ्त में आए आरोपी हर्षवर्धन मीणा के घर पर दरबार लगाता था. ऐसे में अब पेपर लीक मामले के आरोपी हर्षवर्धन मीणा के घर पर मीडिया का जमावड़ा लगा हुआ है. एसओजी की गिरफ्त में आया आरोपी हर्षवर्धन यहीं से पेपर लीक का पूरा नेटवर्क चलता था.

वहीं, इस आश्रम में भोले बाबा उर्फ नारायण हरि दरबार लगाता था, जिसमें देश के कोने-कोने से बड़ी संख्या में उसके अनुयायी प्रवचन सुनने के लिए आया करते थे. एसओजी के एडिशनल एसपी नरेंद्र मीणा ने बताया कि पेपर लीक के मामले में एसओजी को बाबा के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिले हैं, लेकिन एसओजी की कार्रवाई से पहले ही बाबा यहां से फरार हो गया था. फिलहाल एसओजी ने दौसा स्थित बाबा के आश्रम को सीज कर दिया है.

इसे भी पढ़ें - हाथरस दुखांतिका वाले 'हरि भोले बाबा' का पेपर लीक के मास्टर माइंड से निकला कनेक्शन, जानें पूरा मामला - Hathras Stampede

आश्रम में मिले अनुयायियों के प्रमाणपत्र और हर्षवर्धन के कार्ड : हर्षवर्धन के घर पर ही बाबा का दरबार लगाता था, जिसे आश्रम में तब्दील किया गया था. मौके पर बड़ी संख्या में बाबा के अनुयायियों के दस्तावेज मिले, जिसमें बाबा के सेवादारों ने अनुयायियों का रजिस्ट्रेशन किया हुआ था. साथ ही आश्रम में पेपर लीक के आरोपी हर्षवर्धन के विधानसभा चुनाव में लगी ड्यूटी के आईकार्ड भी बरामद हुए.

अनुयायियों ने बाबा पर लगे आरोप को बताया गलत : वहीं, स्थानीय लोगों से बात की तो उनके पृथक मत सामने आए. कुछ लोगों ने भोले बाबा के प्रति गुस्सा जाहिर किया तो कुछ लोगों ने कहा कि बाबा बहुत अच्छे इंसान हैं. दरबार में वो अपने अनुयायियों को सिर्फ जनकल्याण के कार्य करने के लिए प्रेरित करते हैं. उनका कहना था कि बाबा कभी अपने अनुयायियों को उनके पीछे भागने के लिए नहीं कहते हैं. वहीं, भोले बाबा पर लगे आरोपों को भी गलत करार दिया.

इसे भी पढ़ें - हाथरस से ताजा हुई मेहरानगढ़ दुखांतिका की यादें, राजस्थान में भी रहा है भगदड़ का खूनी इतिहास - STAMPEDE IN RAJASTHAN

आश्रम में परिवार के साथ रहता था आरोपी पटवारी : वहीं, स्थानीय महिलाओं का कहना है कि पेपर लीक से जुड़ा आरोपी हर्षवर्धन घर में अपने परिवार के साथ रहता था. यहां उसके साथ पत्नी, छोटा भाई, भाई की पत्नी और तीन बच्चे रहते थे. वहीं, एसओजी की गिरफ्त में आने के बाद आरोपी पटवारी ने अपने तीनों बच्चों को आश्रम के करीब एक किराए के घर में शिफ्ट कर दिया था, जिसमें एक दुधमुंही बच्ची भी थी. ऐसे में करीब चार माह तक दो बच्चों सहित एक दुधमुंही बच्ची किराए के मकान में रही, जिनका लालन पोषण मकान मालिक द्वारा किया जा रहा था, लेकिन अब कुछ दिन पहले ही हर्षवर्धन का परिवार तीनों बच्चों को वहां से लेकर चला गया.

स्थानीय लोगों का आरोप सत्संग से होती थी परेशानी : वहीं, भोले बाबा उर्फ नारायण हरि पर आरोप लगाते हुए आश्रम के करीब रहने वाली कुछ महिलाओं ने कहा कि सत्संग से पहले आश्रम में तैयारियां शुरू हो जाती थी. इस वजह से उन्हें घर जाने के लिए भी अपना आधार कार्ड दिखाना पड़ता था.

इसे भी पढ़ें - हाथरस सत्संग में भगदड़, अब तक 116 श्रद्धालुओं की मौत, क्या बोले सांसद अनूप वाल्मीकि - HATHRAS STAMPEDE

एसओजी ने आश्रम को किया सीज : बता दें कि करीब 12 पेपर लीक मामलों में दौसा जिला निवासी पटवारी हर्षवर्धन मीणा को एसओजी ने गिरफ्तार किया था. उसके बाद एसओजी की टीम ने इस आश्रम में छापेमारी भी की थी, जहां से एसओजी को कई अहम दस्तावेज भी मिले थे. साथ ही कार्रवाई के बाद आश्रम को सीज कर दिया गया था. इस मामले में एसओजी के एडिशनल एसपी नरेंद्र मीणा ने बताया कि जिस आश्रम में पेपर लीक मामले में रेड डाली गई थी, उस आश्रम में बाबा दरबार लगाता था. वहीं, रेड से पहले ही बाबा आश्रम से फरार हो गया था. हालांकि, पेपर लीक मामले में बाबा के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिले, लेकिन आश्रम में पेपर लीक के आरोपी हर्षवर्धन के खिलाफ कई दस्तावेज मिले थे.

पेपर माफिया के घर पर लगता था बाबा का दरबार (ETV BHARAT Dausa)

दौसा. उत्तर प्रदेश के हाथरस में भोले बाबा उर्फ नारायण हरि के सत्संग में मची भगदड़ में सैकड़ों लोगों की जान चली गई. घटना के बाद से ही बाबा नारायण हरि चर्चा में हैं, लेकिन अब बाबा का राजस्थान कनेक्शन सामने आया है और इसके तार दौसा जिला निवासी पेपर लीक माफिया हर्षवर्धन पटवारी से जुड़ा है. दरअसल, भोले बाबा उर्फ नारायण हरि दौसा जिले से गुजर रहे नेशनल हाइवे 21 पर स्थित गोविंद देवजी मंदिर के ठीक सामने एक कॉलोनी में पेपर लीक मामले में एसओजी की गिरफ्त में आए आरोपी हर्षवर्धन मीणा के घर पर दरबार लगाता था. ऐसे में अब पेपर लीक मामले के आरोपी हर्षवर्धन मीणा के घर पर मीडिया का जमावड़ा लगा हुआ है. एसओजी की गिरफ्त में आया आरोपी हर्षवर्धन यहीं से पेपर लीक का पूरा नेटवर्क चलता था.

वहीं, इस आश्रम में भोले बाबा उर्फ नारायण हरि दरबार लगाता था, जिसमें देश के कोने-कोने से बड़ी संख्या में उसके अनुयायी प्रवचन सुनने के लिए आया करते थे. एसओजी के एडिशनल एसपी नरेंद्र मीणा ने बताया कि पेपर लीक के मामले में एसओजी को बाबा के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिले हैं, लेकिन एसओजी की कार्रवाई से पहले ही बाबा यहां से फरार हो गया था. फिलहाल एसओजी ने दौसा स्थित बाबा के आश्रम को सीज कर दिया है.

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आश्रम में मिले अनुयायियों के प्रमाणपत्र और हर्षवर्धन के कार्ड : हर्षवर्धन के घर पर ही बाबा का दरबार लगाता था, जिसे आश्रम में तब्दील किया गया था. मौके पर बड़ी संख्या में बाबा के अनुयायियों के दस्तावेज मिले, जिसमें बाबा के सेवादारों ने अनुयायियों का रजिस्ट्रेशन किया हुआ था. साथ ही आश्रम में पेपर लीक के आरोपी हर्षवर्धन के विधानसभा चुनाव में लगी ड्यूटी के आईकार्ड भी बरामद हुए.

अनुयायियों ने बाबा पर लगे आरोप को बताया गलत : वहीं, स्थानीय लोगों से बात की तो उनके पृथक मत सामने आए. कुछ लोगों ने भोले बाबा के प्रति गुस्सा जाहिर किया तो कुछ लोगों ने कहा कि बाबा बहुत अच्छे इंसान हैं. दरबार में वो अपने अनुयायियों को सिर्फ जनकल्याण के कार्य करने के लिए प्रेरित करते हैं. उनका कहना था कि बाबा कभी अपने अनुयायियों को उनके पीछे भागने के लिए नहीं कहते हैं. वहीं, भोले बाबा पर लगे आरोपों को भी गलत करार दिया.

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आश्रम में परिवार के साथ रहता था आरोपी पटवारी : वहीं, स्थानीय महिलाओं का कहना है कि पेपर लीक से जुड़ा आरोपी हर्षवर्धन घर में अपने परिवार के साथ रहता था. यहां उसके साथ पत्नी, छोटा भाई, भाई की पत्नी और तीन बच्चे रहते थे. वहीं, एसओजी की गिरफ्त में आने के बाद आरोपी पटवारी ने अपने तीनों बच्चों को आश्रम के करीब एक किराए के घर में शिफ्ट कर दिया था, जिसमें एक दुधमुंही बच्ची भी थी. ऐसे में करीब चार माह तक दो बच्चों सहित एक दुधमुंही बच्ची किराए के मकान में रही, जिनका लालन पोषण मकान मालिक द्वारा किया जा रहा था, लेकिन अब कुछ दिन पहले ही हर्षवर्धन का परिवार तीनों बच्चों को वहां से लेकर चला गया.

स्थानीय लोगों का आरोप सत्संग से होती थी परेशानी : वहीं, भोले बाबा उर्फ नारायण हरि पर आरोप लगाते हुए आश्रम के करीब रहने वाली कुछ महिलाओं ने कहा कि सत्संग से पहले आश्रम में तैयारियां शुरू हो जाती थी. इस वजह से उन्हें घर जाने के लिए भी अपना आधार कार्ड दिखाना पड़ता था.

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एसओजी ने आश्रम को किया सीज : बता दें कि करीब 12 पेपर लीक मामलों में दौसा जिला निवासी पटवारी हर्षवर्धन मीणा को एसओजी ने गिरफ्तार किया था. उसके बाद एसओजी की टीम ने इस आश्रम में छापेमारी भी की थी, जहां से एसओजी को कई अहम दस्तावेज भी मिले थे. साथ ही कार्रवाई के बाद आश्रम को सीज कर दिया गया था. इस मामले में एसओजी के एडिशनल एसपी नरेंद्र मीणा ने बताया कि जिस आश्रम में पेपर लीक मामले में रेड डाली गई थी, उस आश्रम में बाबा दरबार लगाता था. वहीं, रेड से पहले ही बाबा आश्रम से फरार हो गया था. हालांकि, पेपर लीक मामले में बाबा के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिले, लेकिन आश्रम में पेपर लीक के आरोपी हर्षवर्धन के खिलाफ कई दस्तावेज मिले थे.

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