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GTB हॉस्पिटल मर्डर केसः हास‍िम बाबा गैंग की वसीम से दुश्मनी, प‍िछले महीने के हमले में भी बच गया था, दो बेकसूरों की गई थी जान - GTB HOSPITAL SHOOTOUT - GTB HOSPITAL SHOOTOUT

GTB Shootout Case :GTB अस्पताल में 14 जुलाई को हुई हत्या मामले में जो खुलासा सामने आया है उसमें हत्या कन्फ्यूजन में किया जाना है. हास‍िम बाबा गैंग के लोग वसीम नाम के अपराधी को मारने आए थे और गलतफहमी में पेशेंट रियाजुद्दीन को मार आए. दरअसल मंडोली जेल में बंद वसीम का का झगड़ा हाशिम बाबा गैंग के गुर्गों से हो गया था और तब से वसीम को मारने के पीछे गैंग जुटा है और प‍िछले महीने ने भी गैंग ने वसीम पर हमला क‍िया था जिसमें फुटपाथ पर सो रहे दो बेकसूरों की जान चली गई थी.

GTB अस्पताल मर्डर केस का मंडोली जेल कनेक्‍शन !
GTB अस्पताल मर्डर केस का मंडोली जेल कनेक्‍शन ! (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jul 16, 2024, 1:40 PM IST

Updated : Jul 16, 2024, 1:58 PM IST

नई दिल्ली: पूर्वी दिल्ली के गुरु तेग बहादुर अस्पताल में भर्ती पेशेंट रियाजुद्दीन (36 साल ) की गोली मारकर की गई हत्या में अब नया खुलासा हुआ है. इस मामले में अब खुलासा हुआ है कि हमलावर वसीम नाम के बदमाश पर ही हमला करने के लिए आए थे. जिस पर गत 12 जून को भी वेलकम एरिया में हमला हुआ था.जिसमें वो गंभीर रूप से घायल हो गया था. और उसके बाद से वह जीटीबी अस्‍पताल में भर्ती था. अस्‍पताल में हुए हमले की जांच पड़ताल के बाद अब पता चला है क‍ि रियाजुद्दीन अकेला ऐसा बेकसूर शख्‍स नहीं है ज‍िसकी वसीम के चक्‍कर में जान गई है. इससे पहले भी दो और बुजुर्ग वसीम पर हुए हमले की वजह से मौत का शिकार हो चुके हैं.

वसीम को हाई सिक्योरिटी के साथ दूसरे वार्ड में किया गया शिफ्ट
जीटीबी में हुए शूटआउट के बाद से बदमाश वसीम को अब हाई सिक्योरिटी के साथ दूसरे वार्ड में शिफ्ट किया जा चुका है. जीटीबी अस्‍पताल के वार्ड नंबर 24 में अब 24 घंटे दो पुलिस पर्सनल की तैनाती की गई है. साथ ही बिना सिक्योरिटी चेकिंग के क‍िसी को भी अस्‍पताल में आने जाने की इजाजत नहीं दी गई है. कड़ी सुरक्षा के बाद ही वार्ड में कोई आ जा सकता है.

अटेम्प्ट टू मर्डर के एक केस में मंडोली जेल में बंद था वसीम
बताया जाता है कि अस्पताल में इलाज कर रहा वसीम नॉर्थ ईस्‍ट ज‍िले के शास्त्री पार्क थाने का घोषित बदमाश है. इसके खिलाफ पहले से ही 17 अपराधिक मामले दर्ज हैं और कुख्यात गैंगस्टर हाशिम बाबा गैंग के गुर्गों के साथ उसका पहले से झगड़ा चल रहा है.दरअसल, जब वह अटेम्प्ट टू मर्डर के एक केस में पूर्वी द‍िल्‍ली की मंडोली जेल में बंद था तो उसका झगड़ा हाशिम बाबा गैंग के गुर्गों से हो गया था. वसीम ने जेल में ही गैंग के तीन लड़कों पर तेज धारदार हथियार से अटैक किया था. इसके बाद से दोनों के बीच बढ़ी दुश्मनी गैंगवार में तब्दील हो गई.

मंडोली जेल से र‍िहाई के बाद 12 जून को हुआ था पहला हमला
वसीम 3 जून को जेल से जमानत पर रिहा भी हुआ था. इसके बाद उसको निपटाने के लिए साजिश रची गई थी. गत 12 जून को वेलकम इलाके में उस पर हमला किया गया था जिसमें वो भी घायल हो गया था. इस गैंगवार में 70 साल के दो बुजुर्ग गंभीर रूप से घायल हो गए थे जिनकी बाद में इलाज के दौरान मौत भी हो गई थी. यह दोनों बुजुर्ग वारदात के वक्त फुटपाथ पर सो रहे थे.

इन दो चीजों की वजह से धोखा खा गए हास‍िम बाबा गैंग के गुर्गे
इसी गैंगवार में दूसरा हमला गत रव‍िवार (14 जुलाई) की शाम करीब 4 बजे हुआ जिसमें भी एक और बेकसूर शख्स रियाजुद्दीन की जान चली गई. हासिम बाबा गैंग के गुर्गे र‍ियाजुद्दीन और वसीम को इसल‍िए नहीं पहचान पाए क्‍योंक‍ि उनको जानकारी म‍िली थी क‍ि वसीम ज‍िस बेड पर है उसके साथ बाथरूम है और पेट पर सर्जरी होने के बाद पट्टी बंधी है. यह दोनों चीजें गैंगस्‍टर हास‍िब बाबा गैंग के हमलावरों को वार्ड 24 में भर्ती र‍ियाजुद्दीन के मामले में देखी ज‍िसके चलते उन्‍होंने वसीम की जगह र‍ियाजुद्दीन को न‍िशाना बना डाला.

ये भी पढ़ें : GTB शूटआउॅट मामला: सौरभ भारद्वाज ने द‍िए सरकारी अस्पतालों की सुरक्षा चाक चौबंद करने के न‍िर्देश -

वसीम की पत्‍नी की आशंका पर पुल‍िस-अस्‍पताल प्रशासन ने नहीं द‍िया ध्‍यान
इस पूरे मामले के सामने आने के बाद से अब सवाल उठ रहे हैं क‍ि जब द‍िल्‍ली पुलिस और अस्‍पताल प्रशासन वसीम के क्र‍िम‍िनल ग्राउंड और 12 जून के हमले के बाद इलाज कराने के पूरे मामले के बारे में जानता था तो फ‍िर इस तरह की लापरवाही क्‍यों की गई. हैरान करने वाली बात तो यह है क‍ि खुद वसीम की पत्नी ने भी अस्‍पताल प्रशासन से उन पर दोबारा हमला होने की आशंका जताई थी. बावजूद इसके पुलिस और अस्‍पताल प्रशासन ने इस मामले में ज्यादा गंभीरता नहीं दिखाई जिसकी वजह से अस्पताल में रियाजुद्दीन नाम के मरीज की वसीम के चक्कर में जान चली गई. इस मामले में अब शाहदरा जिला पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार भी किया है, बाकी की तलाश जारी है.

ये भी पढ़ें: हासिम बाबा गैंग ने GTB हॉस्पिटल में की थी हत्या, दूसरे को मारने आया था, गलतफहमी में किसी और को मार दिया - GTB HOSPITAL MURDER CASE

नई दिल्ली: पूर्वी दिल्ली के गुरु तेग बहादुर अस्पताल में भर्ती पेशेंट रियाजुद्दीन (36 साल ) की गोली मारकर की गई हत्या में अब नया खुलासा हुआ है. इस मामले में अब खुलासा हुआ है कि हमलावर वसीम नाम के बदमाश पर ही हमला करने के लिए आए थे. जिस पर गत 12 जून को भी वेलकम एरिया में हमला हुआ था.जिसमें वो गंभीर रूप से घायल हो गया था. और उसके बाद से वह जीटीबी अस्‍पताल में भर्ती था. अस्‍पताल में हुए हमले की जांच पड़ताल के बाद अब पता चला है क‍ि रियाजुद्दीन अकेला ऐसा बेकसूर शख्‍स नहीं है ज‍िसकी वसीम के चक्‍कर में जान गई है. इससे पहले भी दो और बुजुर्ग वसीम पर हुए हमले की वजह से मौत का शिकार हो चुके हैं.

वसीम को हाई सिक्योरिटी के साथ दूसरे वार्ड में किया गया शिफ्ट
जीटीबी में हुए शूटआउट के बाद से बदमाश वसीम को अब हाई सिक्योरिटी के साथ दूसरे वार्ड में शिफ्ट किया जा चुका है. जीटीबी अस्‍पताल के वार्ड नंबर 24 में अब 24 घंटे दो पुलिस पर्सनल की तैनाती की गई है. साथ ही बिना सिक्योरिटी चेकिंग के क‍िसी को भी अस्‍पताल में आने जाने की इजाजत नहीं दी गई है. कड़ी सुरक्षा के बाद ही वार्ड में कोई आ जा सकता है.

अटेम्प्ट टू मर्डर के एक केस में मंडोली जेल में बंद था वसीम
बताया जाता है कि अस्पताल में इलाज कर रहा वसीम नॉर्थ ईस्‍ट ज‍िले के शास्त्री पार्क थाने का घोषित बदमाश है. इसके खिलाफ पहले से ही 17 अपराधिक मामले दर्ज हैं और कुख्यात गैंगस्टर हाशिम बाबा गैंग के गुर्गों के साथ उसका पहले से झगड़ा चल रहा है.दरअसल, जब वह अटेम्प्ट टू मर्डर के एक केस में पूर्वी द‍िल्‍ली की मंडोली जेल में बंद था तो उसका झगड़ा हाशिम बाबा गैंग के गुर्गों से हो गया था. वसीम ने जेल में ही गैंग के तीन लड़कों पर तेज धारदार हथियार से अटैक किया था. इसके बाद से दोनों के बीच बढ़ी दुश्मनी गैंगवार में तब्दील हो गई.

मंडोली जेल से र‍िहाई के बाद 12 जून को हुआ था पहला हमला
वसीम 3 जून को जेल से जमानत पर रिहा भी हुआ था. इसके बाद उसको निपटाने के लिए साजिश रची गई थी. गत 12 जून को वेलकम इलाके में उस पर हमला किया गया था जिसमें वो भी घायल हो गया था. इस गैंगवार में 70 साल के दो बुजुर्ग गंभीर रूप से घायल हो गए थे जिनकी बाद में इलाज के दौरान मौत भी हो गई थी. यह दोनों बुजुर्ग वारदात के वक्त फुटपाथ पर सो रहे थे.

इन दो चीजों की वजह से धोखा खा गए हास‍िम बाबा गैंग के गुर्गे
इसी गैंगवार में दूसरा हमला गत रव‍िवार (14 जुलाई) की शाम करीब 4 बजे हुआ जिसमें भी एक और बेकसूर शख्स रियाजुद्दीन की जान चली गई. हासिम बाबा गैंग के गुर्गे र‍ियाजुद्दीन और वसीम को इसल‍िए नहीं पहचान पाए क्‍योंक‍ि उनको जानकारी म‍िली थी क‍ि वसीम ज‍िस बेड पर है उसके साथ बाथरूम है और पेट पर सर्जरी होने के बाद पट्टी बंधी है. यह दोनों चीजें गैंगस्‍टर हास‍िब बाबा गैंग के हमलावरों को वार्ड 24 में भर्ती र‍ियाजुद्दीन के मामले में देखी ज‍िसके चलते उन्‍होंने वसीम की जगह र‍ियाजुद्दीन को न‍िशाना बना डाला.

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वसीम की पत्‍नी की आशंका पर पुल‍िस-अस्‍पताल प्रशासन ने नहीं द‍िया ध्‍यान
इस पूरे मामले के सामने आने के बाद से अब सवाल उठ रहे हैं क‍ि जब द‍िल्‍ली पुलिस और अस्‍पताल प्रशासन वसीम के क्र‍िम‍िनल ग्राउंड और 12 जून के हमले के बाद इलाज कराने के पूरे मामले के बारे में जानता था तो फ‍िर इस तरह की लापरवाही क्‍यों की गई. हैरान करने वाली बात तो यह है क‍ि खुद वसीम की पत्नी ने भी अस्‍पताल प्रशासन से उन पर दोबारा हमला होने की आशंका जताई थी. बावजूद इसके पुलिस और अस्‍पताल प्रशासन ने इस मामले में ज्यादा गंभीरता नहीं दिखाई जिसकी वजह से अस्पताल में रियाजुद्दीन नाम के मरीज की वसीम के चक्कर में जान चली गई. इस मामले में अब शाहदरा जिला पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार भी किया है, बाकी की तलाश जारी है.

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Last Updated : Jul 16, 2024, 1:58 PM IST
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