फतेहाबाद: हरियाणा में विधानसभा चुनाव से पहले सिख समाज ने कांग्रेस-बीजेपी की टेंशन बढ़ा दी है. करनाल में हुई प्रदेश स्तरीय बैठक के बाद जिला स्तरीय बैठकों का दौर शुरू किया गया. हिसार, फतेहाबाद व सिरसा में मौजीज सिखों व सिख संस्थाओं के प्रतिनिधियों की बैठक बुलाई गई. फतेहाबाद के पुराने विश्राम गृह में आयोजित बैठक में इंटरनेशनल सिख फोरम के महासचिव प्रितपाल सिंह पन्नू, किसान यूनियन के प्रधान जगदीप सिंह औलख सहित काफी संख्या में सिखों ने भाग लिया.
'राज्यसभा की खाली सीट भी सिखों को दी जाए': इस मीटिंग में सिखों ने सियासी दलों से राजनीतिक हिस्से की मांग की है. उन्होंने कहा कि विधानसभा में हमें 16 से 20 सीटें दी जाए. वहीं लोकसभा में भी 2 सीटें और राज्यसभा की खाली हुई सीट भी सिखों को दी जाए. उनका कहना है कि हरियाणा से सिखों का कोई प्रतिनिधि न लोकसभा में है और न ही राज्यसभा में, राज्य में हमारे 18 लाख वोटर हैं. इसलिए हमारा हक बनता है. सिखों ने कहा कि सितंबर के पहले सप्ताह में एक प्रदेश स्तरीय सिख सम्मेलन करेगी. जिसमें लाखों की तादाद में प्रदेश के सिख इकट्ठा होकर अपने हकों की मांग करेंगे.
सिखों की चेतवानी: इन सब बातों के लिए सरकार, विपक्ष व अन्य पक्षधरों से सिख समाज की 51 सदस्यीय कमेटी बात करेगी और जो भी पक्ष सिख समाज की मांगों को पूरा करेगा, उसी का साथ दिया जायेगा. सिख समाज ने स्पष्ट कर दिया कि अगर किसी भी पार्टी ने उनकी और ध्यान नहीं दिया तो वो एकला चलो की पद्धति पर चलते हुए अपने लोगों को राजनीतिक तौर पर मजबूत करेंगे.
क्या है सिखों की मांग?: हरियाणा में 15-20 विधानसभा सीटों में सिख बड़ी गिनती में हैं. आने वाले विधानसभा चुनावों में यहां से सिख उम्मीदवार उतारे जाएं. अगर कोई सीट रिजर्व हो तो ऐसी सीट पर रिजर्व सिख जैसे मज़हबी, रविदासिया, सिकलीघर आदि को टिकट दी जाये.
पंजाबी भाषा को बढ़ावा देने की मांग: अगली लोकसभा में सिख समुदाय के दो प्रतिनिधियों को टिकट मिले व राज्य सभा में भी हरियाणा के सिख समाज को प्रतिनिधित्व दिया जाये. पंजाबी को दूसरी भाषा का दर्जा प्राप्त है. लेकिन सरकारी व प्राइवेट स्कूलों में पंजाबी के टीचर नहीं हैं. पंजाबी टीचर भर्ती का रिजल्ट भी लंबित है. पिछला रिजल्ट निकाला जाये व जिन सरकारी व प्राइवेट स्कूलों में पंजाबी टीचर नहीं हैं, वहां पोस्ट दी जाये. पंजाबी साहित्य अकादमी को पहले की तरह स्वतंत्र प्रभार दिया जाए ताकि पंजाबी भाषा के विकास के कार्य हो सके.
STI गठन की मांग: सोशल मीडिया पर सिख धर्म, गुरु साहिबान, सिख क़ौम के बारे ग़लत प्रचार करने व सिखों को टारगेट बनाकर व गलत शब्द इस्तेमाल कर हमला करने पर सख्त कार्रवाई करने के लिए हर जिले में एसआईटी का गठन किया जाये. परीक्षाओं में अमृतधारा बच्चों के ककार न उतारने के लिए स्पष्ट निर्देश दिये जायें व ऐसा करने पर संबंधित अधिकारी के खिलाफ कानूनी व विभागीय कार्रवाई की जाए.
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