रोहतक: हरियाणा में कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर आंदोलन करने की तैयारी में हैं. जिसके तहत 16 जुलाई से 26 जुलाई तक जिला उपायुक्तों के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भेजे जाएंगे. वहीं, बैठक में कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ 19 जून को आंदोलन करने का फैसला लिया. बैठक की अध्यक्षता संंघ के प्रदेशाध्यक्ष धर्मबीर फौगाट ने की.
कर्मचारियों ने सीएम को भेजा पत्र: बैठक में जानकारी दी गई कि प्रदेश के मुख्यमंत्री नायब सैनी को मांग पत्र भेजा गया है. जिसके चलते बातचीत के जरिए मांगों का सामाधान करने की मांग की गई है. कर्मचारियों की प्रमुख मांग है कि खाली पड़े सरकारी पदों पर नियमित भर्ती की जाए. हरियाणा कौशल रोजगार नियम को भंग किया जाए और आठवें वेतन आयोग का गठन किया जाए. इसके अलावा, नई पेंशन स्कीम के स्थान पर पुरानी पेंशन स्कीम लागू की जाए.
'पहले भी दिए गए हैं मांग पत्र': मीडिया से बातचीत के दौरान धर्मबीर फौगाट ने बताया कि लोकसभा चुनाव के दौरान प्रदेश में सभी राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों को मांग पत्र दिए गए थे. जिनके जरिए निवेदन किया गया था कि वे पार्टी के एजेंडे में कर्मचारियों की मांगों को शामिल करें. धर्मबीर फोगाट ने हरियाणा राज्य कौशल रोजगार नियम पर सवाल खड़े किए.
सरकार से खफा है कर्मचारी: उन्होंने कहा कि यह नियम गैर संवैधानिक है. जिसके जरिए ठेकेदारी प्रथा को बढ़ावा दिया गया है. उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार कर्मचारियों की मांगों को लेकर गंभीर नहीं है. जिसके चलते कर्मचारियों में रोष है. कर्मचारियों ने कहा कि उनकी मांगें लंबित पड़ी हुई है. जिसके चलते उन्होंने प्रदेश सरकार को खिलाफ आंदोलन करने का फैसला लिया है.