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हरियाणा में नशा तस्करों पर पुलिस ने कसी नकेल, 108 तस्करों की 52.72 करोड़ की अवैध संपत्ति जब्त - POLICE STRICT AGAINST DRUG SMUGGLER

हरियाणा पुलिस ने नशा तस्करों पर नकेल कसी है. पुलिस ने 108 तस्करों की 52.72 करोड़ की अवैध संपत्ति जब्त कर ली है.

Police strict action against drug smugglers
नशा तस्करों पर पुलिस ने कसी नकेल (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Jan 17, 2025, 12:16 PM IST

पंचकूला: हरियाणा पुलिस ने नशा तस्करों पर नकेल कसना शुरू कर दिया है. पुलिस ने अब तक 108 नशा तस्करों और उनके रिश्तेदारों के नाम 52 करोड़ 72 लाख रुपये की संपत्ति सीज की है. साथ ही 111 अवैध निर्माणों को तोड़कर ध्वस्त किया है. साल 2024 में हरियाणा पुलिस की ओर से 25 नशा तस्करों की लगभग 7 करोड़ 4 लाख रूपये की संपत्ति जब्त की गई थी, जबकि साल 2023 में 16 नशा तस्करों की लगभग 13 करोड़ रुपये की संपत्ति सीज की गई थी.

आंकड़ों में साल-दर-साल हो रही बढ़ोतरी: हरियाणा पुलिस के आंकड़ों की मानें तो हरियाणा राज्य नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की ओर से पीआईटी एनडीपीएस के तहत 63 नशा तस्करों को सलाखों के पीछे पहुंचाया गया है. वहीं एनडीपीएस एक्ट के मामलों में सजा दर साल 2023 में 49 प्रतिशत थी, जो साल-2024 में बढ़कर 54 प्रतिशत हो गई है.

40 से अधिक गांव नशामुक्त घोषित: इस बारे में पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने कहा, ""नशामुक्त हरियाणा अभियान” प्रदेश को नशामुक्त बनाने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हो रहा है. अब तक लगभग 40 प्रतिशत से अधिक गांवों को नशामुक्त घोषित किया जा चुका है. नशामुक्त गांवों में हरियाणा पुलिस की ओर से लगातार मॉनीटरिंग भी की जाती है कि इन गांवो में न तो नशा खरीदा जाए और न ही नशा बेचा जाए. इस अभियान के तहत यदि कोई व्यक्ति नशे का आदि हो गया है तो उसका ईलाज करवाया जाता है. इसके अलावा "नमक-लोटा अभियान" ने पंचायत स्तर पर सामुदायिक दबाव के माध्यम से नशा तस्करों और नशे के शिकार लोगों को इसके दुष्प्रभावों बारे जागरूक किया जाता है."

राम गुरुकुल गमन और चक्रव्यूह: समाज के सबसे संवेदनशील वर्ग, बच्चों तक नशामुक्ति का संदेश पहुंचाने के लिए प्रदेश पुलिस ने राम गुरुकुल गमन” नाटिका की शुरुआत की. यह नाटक भगवान राम के जीवन से प्रेरित है. छात्रों को अनुशासन और चुनौतियों से निपटने की शिक्षा देता है. कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में प्रस्तुत इस नाटक के माध्यम से युवाओं को नशे के खिलाफ मजबूत संदेश देता है. इसके अलावा अंबाला स्थित पुलिस डीएवी स्कूल में “चक्रव्यूह कार्यक्रम” में एक प्रोजेक्ट की शुरूआत की गई है. इसके माध्यम से स्कूली बच्चों के लिए इंटरैक्टिव गतिविधियां आयोजित की जाती हैं, जिनके द्वारा उन्हें नशा और अपराध से बचाव को प्रेरित किया जा रहा है.

पुनर्वास और इलाज की दिशा में प्रयास: हरियाणा एचएसएनसीबी प्रमुख महानिदेशक ओपी सिंह ने बताया कि, "नशे की लत केवल कानून संबंधी समस्या नहीं है, बल्कि एक मानसिक और सामाजिक स्वास्थ्य का मुद्दा भी है. वर्तमान में राज्य में 104 नशा मुक्ति केंद्रों में पीड़ितों का इलाज किया जा रहा है. इसके लिए हरियाणा पुलिस द्वारा स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर काम किया जा रहा है. पिछले साल हरियाणा एचएसएनसीबी की जिला टीम की ओर से 65 बार विभिन्न सरकारी और गैर सरकारी नशा केंद्रों की जांच की गई."

दवा विक्रेताओं और मेडिकल एसोसिएशन की गतिविधियों पर नजर: ओपी सिंह ने आगे कहा, "जिला पुलिस की ओर से नशीली दवाओं के दुरुपयोग को रोकने के लिए दवा विक्रेताओं और मेडिकल एसोसिएशनों की गतिविधियों पर भी कड़ी निगरानी रखी जा रही है. पुलिस अधीक्षकों और वरिष्ठ अधिकारियों की ओर से दवा विक्रेताओं के साथ नियमित तौर पर बैठकें कर उन्हें जागरूक किया जाता है. बताया जाता है कि वे किसी भी व्यक्ति को डॉक्टर की अधिकृत पर्ची के बिना दवाई नहीं दें. ये गैर कानूनी है और इससे लोगों को नशे की दवाईयां आसानी से मिलती है."

लोगों से खास अपील: एचएसएनसीबी प्रमुख महानिदेशक ओपी सिंह ने समाज के हर वर्ग से अपील की कि वे नशे के खिलाफ जारी मुहिम में योगदान देकर नशा खरीदने और नशा बेचने वाले, दोनों की जानकारी पुलिस हेल्पलाइन नंबर-9050891508 पर जानकारी दें. सूचनाकर्ता की पहचान गोपनीय रखी जाएगी.

तकनीक और अंतर राज्यीय सहयोग पर फोकस: ओपी सिंह ने बताया कि नशे के नेक्सस को तोड़ने के लिए प्रदेश पुलिस तकनीक और अंतर-राज्यीय सहयोग पर भी ध्यान दे रही है. इससे नशे के खिलाफ लड़ाई और मजबूत हुई है. वर्तमान में प्रदेश पुलिस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डेटा एनालिटिक्स का उपयोग कर नशा तस्करों और उनके रूट की पहचान कर रही है. इससे पड़ोसी राज्यों के साथ साझेदारी में नशे के नेटवर्क को ध्वस्त करने की दिशा में सफलता मिली है. जून 2024 में आयोजित “नशामुक्त भारत पखवाड़ा” में प्रदेशभर से 12 लाख से अधिक लोगों की भागीदारी थी. वर्ष 2024 में हरियाणा एनसीबी द्वारा 2572 जागरूकता कार्यक्रम कर 16,66,581 युवाओं तक पहुंचा गया है.

ये भी पढ़ें:अनोखी पहल: नशा खत्म करने के लिए हरियाणा के इस गांव में हुई महापंचायत, पहरेदार नशेड़ियों पर कसेंगे लगाम

पंचकूला: हरियाणा पुलिस ने नशा तस्करों पर नकेल कसना शुरू कर दिया है. पुलिस ने अब तक 108 नशा तस्करों और उनके रिश्तेदारों के नाम 52 करोड़ 72 लाख रुपये की संपत्ति सीज की है. साथ ही 111 अवैध निर्माणों को तोड़कर ध्वस्त किया है. साल 2024 में हरियाणा पुलिस की ओर से 25 नशा तस्करों की लगभग 7 करोड़ 4 लाख रूपये की संपत्ति जब्त की गई थी, जबकि साल 2023 में 16 नशा तस्करों की लगभग 13 करोड़ रुपये की संपत्ति सीज की गई थी.

आंकड़ों में साल-दर-साल हो रही बढ़ोतरी: हरियाणा पुलिस के आंकड़ों की मानें तो हरियाणा राज्य नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की ओर से पीआईटी एनडीपीएस के तहत 63 नशा तस्करों को सलाखों के पीछे पहुंचाया गया है. वहीं एनडीपीएस एक्ट के मामलों में सजा दर साल 2023 में 49 प्रतिशत थी, जो साल-2024 में बढ़कर 54 प्रतिशत हो गई है.

40 से अधिक गांव नशामुक्त घोषित: इस बारे में पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने कहा, ""नशामुक्त हरियाणा अभियान” प्रदेश को नशामुक्त बनाने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हो रहा है. अब तक लगभग 40 प्रतिशत से अधिक गांवों को नशामुक्त घोषित किया जा चुका है. नशामुक्त गांवों में हरियाणा पुलिस की ओर से लगातार मॉनीटरिंग भी की जाती है कि इन गांवो में न तो नशा खरीदा जाए और न ही नशा बेचा जाए. इस अभियान के तहत यदि कोई व्यक्ति नशे का आदि हो गया है तो उसका ईलाज करवाया जाता है. इसके अलावा "नमक-लोटा अभियान" ने पंचायत स्तर पर सामुदायिक दबाव के माध्यम से नशा तस्करों और नशे के शिकार लोगों को इसके दुष्प्रभावों बारे जागरूक किया जाता है."

राम गुरुकुल गमन और चक्रव्यूह: समाज के सबसे संवेदनशील वर्ग, बच्चों तक नशामुक्ति का संदेश पहुंचाने के लिए प्रदेश पुलिस ने राम गुरुकुल गमन” नाटिका की शुरुआत की. यह नाटक भगवान राम के जीवन से प्रेरित है. छात्रों को अनुशासन और चुनौतियों से निपटने की शिक्षा देता है. कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में प्रस्तुत इस नाटक के माध्यम से युवाओं को नशे के खिलाफ मजबूत संदेश देता है. इसके अलावा अंबाला स्थित पुलिस डीएवी स्कूल में “चक्रव्यूह कार्यक्रम” में एक प्रोजेक्ट की शुरूआत की गई है. इसके माध्यम से स्कूली बच्चों के लिए इंटरैक्टिव गतिविधियां आयोजित की जाती हैं, जिनके द्वारा उन्हें नशा और अपराध से बचाव को प्रेरित किया जा रहा है.

पुनर्वास और इलाज की दिशा में प्रयास: हरियाणा एचएसएनसीबी प्रमुख महानिदेशक ओपी सिंह ने बताया कि, "नशे की लत केवल कानून संबंधी समस्या नहीं है, बल्कि एक मानसिक और सामाजिक स्वास्थ्य का मुद्दा भी है. वर्तमान में राज्य में 104 नशा मुक्ति केंद्रों में पीड़ितों का इलाज किया जा रहा है. इसके लिए हरियाणा पुलिस द्वारा स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर काम किया जा रहा है. पिछले साल हरियाणा एचएसएनसीबी की जिला टीम की ओर से 65 बार विभिन्न सरकारी और गैर सरकारी नशा केंद्रों की जांच की गई."

दवा विक्रेताओं और मेडिकल एसोसिएशन की गतिविधियों पर नजर: ओपी सिंह ने आगे कहा, "जिला पुलिस की ओर से नशीली दवाओं के दुरुपयोग को रोकने के लिए दवा विक्रेताओं और मेडिकल एसोसिएशनों की गतिविधियों पर भी कड़ी निगरानी रखी जा रही है. पुलिस अधीक्षकों और वरिष्ठ अधिकारियों की ओर से दवा विक्रेताओं के साथ नियमित तौर पर बैठकें कर उन्हें जागरूक किया जाता है. बताया जाता है कि वे किसी भी व्यक्ति को डॉक्टर की अधिकृत पर्ची के बिना दवाई नहीं दें. ये गैर कानूनी है और इससे लोगों को नशे की दवाईयां आसानी से मिलती है."

लोगों से खास अपील: एचएसएनसीबी प्रमुख महानिदेशक ओपी सिंह ने समाज के हर वर्ग से अपील की कि वे नशे के खिलाफ जारी मुहिम में योगदान देकर नशा खरीदने और नशा बेचने वाले, दोनों की जानकारी पुलिस हेल्पलाइन नंबर-9050891508 पर जानकारी दें. सूचनाकर्ता की पहचान गोपनीय रखी जाएगी.

तकनीक और अंतर राज्यीय सहयोग पर फोकस: ओपी सिंह ने बताया कि नशे के नेक्सस को तोड़ने के लिए प्रदेश पुलिस तकनीक और अंतर-राज्यीय सहयोग पर भी ध्यान दे रही है. इससे नशे के खिलाफ लड़ाई और मजबूत हुई है. वर्तमान में प्रदेश पुलिस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डेटा एनालिटिक्स का उपयोग कर नशा तस्करों और उनके रूट की पहचान कर रही है. इससे पड़ोसी राज्यों के साथ साझेदारी में नशे के नेटवर्क को ध्वस्त करने की दिशा में सफलता मिली है. जून 2024 में आयोजित “नशामुक्त भारत पखवाड़ा” में प्रदेशभर से 12 लाख से अधिक लोगों की भागीदारी थी. वर्ष 2024 में हरियाणा एनसीबी द्वारा 2572 जागरूकता कार्यक्रम कर 16,66,581 युवाओं तक पहुंचा गया है.

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