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पटवारी-कानूनगो एसोसिएशन की मांगों को लेकर कानूनी अड़चन महज सरकार का बहाना, न्यायालय से रोक नहीं- जयवीर चहल

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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Feb 4, 2024, 11:08 AM IST

Haryana Patwari Strike: द रेवेन्यू पटवार एवं कानूनगो एसोसिएशन हरियाणा के द्वारा अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी है. इस बीच पटवारी कानूनगो एसोसिएशन के राज्य प्रधान जयवीर चहल ने कहा है कि पटवारियों की मांगें मानने को लेकर कानूनी अड़चन जैसी कोई बात नहीं है. इस पर अदालत की ओर से भी किसी तरह की कोई रोक नहीं हैं.

Haryana Patwari Strike:
हरियाणा में पटवारी हड़ताल

चंडीगढ़: द रेवेन्यू पटवार एवं कानूनगो एसोसिएशन हरियाणा की अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी है. लेकिन, हरियाणा सरकार द्वारा एसोसिएशन के राज्य प्रधान जयवीर चहल या किसी अन्य पदाधिकारी से उनकी मांगों के संबंध में आज कोई संपर्क नहीं किया गया. हरियाणा सरकार ने इससे पहले हुई मीटिंग में एसोसिएशन को उनकी मांगें पूरी करने के बीच कानूनी अड़चन बताई थी. वहीं, इस बीच एसोसिएशन के राज्य प्रधान जयवीर चहल ने इस दावे को महज प्रदेश सरकार का बहाना बताया है.

कोर्ट से नहीं कोई रोक, सरकार के हाथ फैसला- जयवीर चहल: पटवारी कानूनगो एसोसिएशन के राज्य प्रधान जयवीर चहल ने ईटीवी भारत से की बातचीत के दौरान कहा कि कानूनी अड़चन जैसी कोई बात नहीं है. उन्होंने कहा कि उनकी मांगों के संबंध में न्यायालय से किसी प्रकार की कोई रोक नहीं है. जयवीर चहल के अनुसार एसोसिएशन की तीनों मुख्य मांगें स्वीकार करना और उन्हें लागू करना हरियाणा सरकार के हाथ है. उन्होंने कहा कि प्रदेश के लैब टेक्नीशियन और एडीए संबंधी पे-स्केल पहले ही लागू है, लेकिन एसोसिएशन की मांगों के संबंध में वित्त विभाग आंकड़ों का खेल करता है.

Haryana Patwari Strike
हरियाणा में पटवारियों की हड़ताल.

सालाना 9.24 करोड़ रुपए का अंतर: एसोसिएशन के राज्य प्रधान जयवीर चहल ने कहा कि यदि हरियाणा सरकार पटवारी एवं कानूनगो एसोसिएशन की मांगों को स्वीकार कर उन्हें लागू कर देती है तो इससे अधिक वित्तीय बोझ नहीं पड़ने वाला है. उन्होंने कहा कि एक समय की गई गणना के अनुसार सालाना 9.24 करोड़ रुपए का अंतर आएगा. क्योंकि प्रदेश भर के नायब तहसीलदार, पटवारी और कानूनगो की संख्या एक हजार से कम है. राज्य प्रधान ने प्रदेश सरकार से पुनः एसोसिएशन की सभी मुख्य तीन मांगों को तुरंत स्वीकार कर लागू करने की अपील की है.

मुख्यमंत्री का फैसला है सर्वोपरि: राज्य प्रधान जयवीर चहल ने कहा कि एसोसिएशन की मांगें स्वीकार कर उन्हें लागू करना हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के हाथ में है. जबकि यह फैसला अब तक हुई बैठकों में मौजूद अधिकारियों के अधिकार क्षेत्र से बाहर है. उन्होंने कहा कि एसोसिएशन मुख्यमंत्री से मांग करती है कि उनकी सभी मांगों पर विचार कर उन्हें राहत प्रदान की जाए.

प्रदेश के लोग झेल रहे परेशानी: द रेवेन्यू पटवारी एवं कानूनगो एसोसिएशन हरियाणा की 29 जनवरी 2024 में दूसरी बार की गई हड़ताल अब अनिश्चितकाल के लिए जारी है. ऐसे में समूचे प्रदेश के लोगों के तहसील संबंधी कार्य अधर में लटके हैं. नायब तहसीलदार, पटवारी और कानूनगो के जरिए होने वाले सभी आवश्यक कार्य नहीं हो पा रहे हैं. आम लोगों को होने वाली परेशानी के अलावा राज्य सरकार को भी बड़ा घाटा हो रहा है. बावजूद इसके एसोसिएशन और राज्य सरकार के बीच अब तक सहमति नहीं बन सकी है.

ये भी पढ़ें: पटवारियों की हड़ताल से करीब 400 करोड़ का घाटा, रेवेन्यू विभाग में कामकाज ठप

ये भी पढ़ें: पटवारी और कानूनगो ने किया अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान, रेवेन्यू विभाग के साथ बेनतीजा रही बैठक

चंडीगढ़: द रेवेन्यू पटवार एवं कानूनगो एसोसिएशन हरियाणा की अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी है. लेकिन, हरियाणा सरकार द्वारा एसोसिएशन के राज्य प्रधान जयवीर चहल या किसी अन्य पदाधिकारी से उनकी मांगों के संबंध में आज कोई संपर्क नहीं किया गया. हरियाणा सरकार ने इससे पहले हुई मीटिंग में एसोसिएशन को उनकी मांगें पूरी करने के बीच कानूनी अड़चन बताई थी. वहीं, इस बीच एसोसिएशन के राज्य प्रधान जयवीर चहल ने इस दावे को महज प्रदेश सरकार का बहाना बताया है.

कोर्ट से नहीं कोई रोक, सरकार के हाथ फैसला- जयवीर चहल: पटवारी कानूनगो एसोसिएशन के राज्य प्रधान जयवीर चहल ने ईटीवी भारत से की बातचीत के दौरान कहा कि कानूनी अड़चन जैसी कोई बात नहीं है. उन्होंने कहा कि उनकी मांगों के संबंध में न्यायालय से किसी प्रकार की कोई रोक नहीं है. जयवीर चहल के अनुसार एसोसिएशन की तीनों मुख्य मांगें स्वीकार करना और उन्हें लागू करना हरियाणा सरकार के हाथ है. उन्होंने कहा कि प्रदेश के लैब टेक्नीशियन और एडीए संबंधी पे-स्केल पहले ही लागू है, लेकिन एसोसिएशन की मांगों के संबंध में वित्त विभाग आंकड़ों का खेल करता है.

Haryana Patwari Strike
हरियाणा में पटवारियों की हड़ताल.

सालाना 9.24 करोड़ रुपए का अंतर: एसोसिएशन के राज्य प्रधान जयवीर चहल ने कहा कि यदि हरियाणा सरकार पटवारी एवं कानूनगो एसोसिएशन की मांगों को स्वीकार कर उन्हें लागू कर देती है तो इससे अधिक वित्तीय बोझ नहीं पड़ने वाला है. उन्होंने कहा कि एक समय की गई गणना के अनुसार सालाना 9.24 करोड़ रुपए का अंतर आएगा. क्योंकि प्रदेश भर के नायब तहसीलदार, पटवारी और कानूनगो की संख्या एक हजार से कम है. राज्य प्रधान ने प्रदेश सरकार से पुनः एसोसिएशन की सभी मुख्य तीन मांगों को तुरंत स्वीकार कर लागू करने की अपील की है.

मुख्यमंत्री का फैसला है सर्वोपरि: राज्य प्रधान जयवीर चहल ने कहा कि एसोसिएशन की मांगें स्वीकार कर उन्हें लागू करना हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के हाथ में है. जबकि यह फैसला अब तक हुई बैठकों में मौजूद अधिकारियों के अधिकार क्षेत्र से बाहर है. उन्होंने कहा कि एसोसिएशन मुख्यमंत्री से मांग करती है कि उनकी सभी मांगों पर विचार कर उन्हें राहत प्रदान की जाए.

प्रदेश के लोग झेल रहे परेशानी: द रेवेन्यू पटवारी एवं कानूनगो एसोसिएशन हरियाणा की 29 जनवरी 2024 में दूसरी बार की गई हड़ताल अब अनिश्चितकाल के लिए जारी है. ऐसे में समूचे प्रदेश के लोगों के तहसील संबंधी कार्य अधर में लटके हैं. नायब तहसीलदार, पटवारी और कानूनगो के जरिए होने वाले सभी आवश्यक कार्य नहीं हो पा रहे हैं. आम लोगों को होने वाली परेशानी के अलावा राज्य सरकार को भी बड़ा घाटा हो रहा है. बावजूद इसके एसोसिएशन और राज्य सरकार के बीच अब तक सहमति नहीं बन सकी है.

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