नूंह : हरियाणा के नूंह में पिछले साल शोभायात्रा के दौरान हुई हिंसा के मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है. हरियाणा पुलिस ने 8 महीने बाद तीन एफआईआर में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम 1967 (UAPA) लगा दिया है. साफ है कि पुलिस हिंसा के मामले में आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के मूड में है. इस बीच नूंह से कांग्रेस विधायक आफताब अहमद ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि सरकार ने अपनी विफलताएं छुपाने के लिए ऐसा किया है.
UAPA की धारा लगाई गई : नूंह में हुई हिंसा के मामले में पुलिस ने 8 महीने के बाद तीन एफआईआर में यूएपीए की धारा जोड़ दी है. इनमें दो केस नूंह सदर थाना जबकि एक शहर थाने में दर्ज हुआ था. UAPA की धारा लगा देने के बाद अब आरोपियों को अग्रिम बेल नहीं मिल पाएगी. पुलिस ने पहले इसको एफआईआर में शामिल नहीं किया था लेकिन आरोपियों की बेल का विरोध करने के लिए जब कोर्ट में चालान पेश किया तो उसमें इसे जोड़ा गया है. आपको यहां बता दें कि नूंह हिंसा के केस में 100 से ज्यादा आरोपियों को अब तक जमानत मिल चुकी है. जिनमें UAPA की धारा लगाई गई है उसमें से दो मुकदमे होमगार्ड और बजरंग दल कार्यकर्ता की हत्या से जुड़े हुए हैं जबकि एक मामला नूंह में साइबर थाने में भीड़ के हमले का है. भीड़ के हमले और पथराव में होमगार्ड गुरसेवक और नीरज की मौत हो गई थी. दोनों होमगार्ड पथराव के दौरान भीड़ को काबू करने की कोशिश में लगे हुए थे. बाद में सरकार ने दोनों के परिवार को 57-57 लाख की मदद भी दी थी.
UAPA लगने से कार्रवाई का डर : UAPA की धारा जुड़ जाने के बाद आरोपी पक्ष और उनके समर्थकों को कार्रवाई का डर सता रहा है. इस बीच नूंह से कांग्रेस विधायक आफताब अहमद ने UAPA जोड़ने पर सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि कानून सबके लिए बराबर होता है लेकिन नूंह हिंसा मामले में सरकार एक तरफा कार्रवाई कर रही है. सरकार अपनी विफलताओं का ठीकरा निर्दोषों पर फोड़ रही है.
नूंह हिंसा में गई थी 6 की जान : आपको बता दें कि नूंह में हिंसा के दौरान कुल 6 लोगों की जान चली गई थी जिसमें हरियाणा पुलिस के 2 होमगार्ड भी शामिल थे. वहीं हिंसा के दौरान बड़ी तादाद में लोग घायल हुए थे. साथ ही कई गाड़ियों को भीड़ ने आग के हवाले कर दिया था. वहीं पुलिस ने पूरे जिले में करीब 61 मुकदमे दर्ज किए थे और 350 से ज्यादा आरोपियों की गिरफ्तारी की गई थी.
क्या है UAPA ? : आपको बता दें कि UAPA का फुलफॉर्म Unlawful Activities Prevention Act है जिसे हिंदी में गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम भी कहा जाता है. आतंकी गतिविधियों को रोकना इस कानून का मुख्य मकसद है. इस कानून के तहत पुलिस ऐसे आतंकियों, अपराधियों और बाकी लोगों को चिह्नित करती है जो आतंकी गतिविधियों में शामिल होते हैं या उन्हें बढ़ावा देते हैं. इस धारा के लग जाने के बाद एनआईए चाहे तो जांच के दौरान वो मामले से जुड़े शख्स की संपत्ति को जब्त भी कर सकती है. इसका इस्तेमाल अपराधियों के साथ आंदोलनकारियों के खिलाफ भी किया जा सकता है. वहीं अगर किसी शख्स के खिलाफ UAPA की धारा लगती है तो फिर उसे अग्रिम जमानत नहीं मिल पाती है. इसके अलावा इसमें कड़ी सज़ा का प्रावधान भी है.
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