यमुनानगर: हरियाणा के यमुनानगर में जेबीटी अध्यापकों की ट्रांसफर से कई स्कूल खाली हो गए हैं. तो कुछ स्कूलों में नाममात्र ही अध्यापक रह गए हैं. अध्यापकों की कमी की वजह से छात्रों की पढाई पर खासा असर पड़ रहा है. स्कूल में बच्चों का कहना है कि हम बिना पढ़ाई करें स्कूल में ऐसे ही बैठकर चले जाते हैं. हमारी कोई पढ़ाई नहीं हो रही है साथ ही सारा समय भी बर्बाद हो रहा है. ऐसे में टिब्बी-अराइयां वाले गांव के स्कूल में कई ग्रामीण महिलाओं ने स्कूल में हंगामा किया और बच्चों की पढ़ाई के लिए टीचरों की मांग की.
जिस ट्रांसफर पॉलिसी की हरियाणा सरकार तारीफ करते नहीं थकती. अब वही ट्रांसफर पॉलिसी ना सिर्फ सरकार के लिए गले की फांस बन रही है, बल्कि अभिभावकों में भी काफी रोष है. हरियाणा में कुछ दिन पहले जेबीटी अध्यापकों का ट्रांसफर पॉलिसी के तहत तबादला किया गया है. हालांकि इस ट्रांसफर पॉलिसी से जितनी अध्यापकों को राहत मिली है, उससे कहीं ज्यादा अभिभावक दुखी हो गए हैं.
यमुनानगर जिले के कई गांवों के स्कूल ट्रांसफर पॉलिसी के तहत खाली हो गए हैं. जिनमें अभी तक अध्यापकों की नियुक्ति नहीं की गई है. स्कूलों में कुर्सियां खाली पड़ी है और बच्चे बिना अध्यापक के पढ़ाई करने के लिए मजबूर हो रहे हैं. छात्र जानवी ने बताया कि ट्रांसफर पॉलिसी से हमारी पढ़ाई बाधित हो गई है. हम चाहते हैं कि हमें जल्द से जल्द अध्यापक मिले जिससे हमारी पढ़ाई सुचारू रूप से चल सके.
दूसरी तरफ आसपास की ग्रामीण महिलाएं स्कूल में इकट्ठा हुई और शिक्षा विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. ग्रामीण महिलाओं का कहना है कि ट्रांसफर पॉलिसी से जो अध्यापक यहां पर थे उनकी जगह कोई नया अध्यापक अभी तक नहीं आया है. हमारे बच्चे शिक्षा से वंचित हो रहे हैं. हम नहीं चाहते कि बिना अध्यापकों के हमारे बच्चे बेवजह घूमते नजर आए.
बता दें कि हरियाणा शिक्षा विभाग ने जेबीटी 2017 बैच के अध्यापकों का ट्रांसफर किया है. अकेले यमुनानगर में करीब 850 अध्यापकों को इधर से उधर किया गया है. उनके स्थान पर महज 250 अध्यापक ही फिलहाल नियुक्त किए गए हैं. क्लस्टर नोडल अधिकारी अशोक धीमान ने बताया कि प्राइमरी और मिडल स्कूलों में भी बहुत से अध्यापकों का ट्रांसफर किया गया है. टीचरों की ट्रांसफर ऐसे समय में की जा रही है जब स्कूल में बच्चे दाखिला ले रहे हैं.