हिसार: हरियाणा में हिसार के उकलाना की बिठमडा गांव की लड़की मीनू ने खो-खो में कमाल कर दिखाया है. हरियाणवी छोरी ने गोल्ड मेडल पर कब्जा कर धमाल कर दिया है. महिला खो-खो विश्व कप में हरियाणा की मीनू धरतवाल ने 8 प्वाइंट दिलाकर टीम को जिताने में अहम योगदान दिया है. जिसके चलते मीनू के गांव में जश्न का माहौल है. मिठाइयां खिलाकर खुशी का इजहार किया जा रहा है.
गोल्ड मेडल जीतकर लौटीं हरियाणा की बेटी: उकलाना के विधायक नरेश सेलवाल, एमएस त्यागी, कोच मुन्नी जून, मोनू दलाल, बीजेपी नेता श्री निवास गोयल ने जीत को लेकर बेटी को बधाई दी है. बिठमडा के सरपंच कुलदीप धरतवाल ने बताया कि यह जीत मेहनत और लगन का नतीजा है. पूरे देश के लिए प्रेरणा की बात है. हाल ही में खो-खो टीम ने महिला विश्व कप में जीत हासिल की है. टीम में हिसार की मीनू धरतवाल खिलाड़ी भी शामिल थीं.
खुशी से झूमा मीनू का परिवार: परिजनों ने भी मीनू का मैच देखा. जैसे ही भारतीय टीम ने जीत हासिल की तो परिवार के सदस्य खुशी से झूम उठे. फाइनल मैच में भारतीय टीम ने नेपाल को 78-40 से हराया और स्वर्ण पदक पर कब्जा किया. इस मैच में मीनू ने 8 प्वाइंट दिए. मीनू ने खो-खो के प्रति इतना जुनून था कि उसने आज तक ग्राउंड की छुट्टी नहीं की. बता दें कि महिला खो-खो वर्ल्ड कप दिल्ली में आयोजित किए गए थे.
संघर्ष से नापा सफलता का रास्ता: खिलाड़ी मीनू का सफर संघर्ष भरा रहा है. बेटी के पिता किसान थे. पिता की मौत के बाद मीनू का पालन-पोषण उसकी मां ने किया और बेटी के सपनों को पंख भी लगाए. आज मीनू ने खेलों में पदकों की झड़ी लगा दी है. मीनू ने बताया कि उसके कोच राजेश दलाल, भारतीय कोच मुन्नी जून, जिला सेक्रेटरी मोनू दलाल, डीसीएम स्कूल चेयरमैन संजय का भी उनकी इस सफलता में काफी सहयोग रहा है. परिवार के अलावा, इन सबने भी मीनू को खूब मोटिवेट किया है.
कमजोर आर्थिक स्थिति भी थी चुनौती: मीनू ने बताया कि परिवार की आर्थिक स्थिति दयनीय होने के बाद भी माता-पिता ने बेटी को मैदान में भेजा. मगर 2019 में पिता रोशनलाल का बीमारी के चलते निधन हो गया. उसके बाद मीनू पूरी तरह से टूट गई थी. किसी न किसी तरह मां राजेश देवी ने बेटी को हौसला दिया और मैदान में खेलने के लिए भेज दिया और आज बेटी मां को गौरवान्वित महसूस कराया है.
सीएम ने दी बधाई: मीनू की इस जीत पर मुख्यमंत्री नायब सैनी ने सोशल मीडिया पर मीनू को जीत की बधाई दी है. मीनू डीसीएम स्कूल में कोच राजेश दलाल के पास सुबह-शाम अभ्यास कर रही है. कोच राजेश ने बताया कि मानू काफी मेहनती है और अनुशासन में रहती है. आज तक उसने ग्राउंड की छुट्टी तक नहीं की. आज बेटी मीनू की मेहनत रंग लाई है. गांव पहुंचने पर मीनू का विजयी जुलूस निकाला जाएगा. मीनू तीन बहनों में सबसे छोटी है. एक भाई भी है. मीनू बताती है कि उन्होंने पांचवीं कक्षा से खो-खो गेम शुरू की थी.
जोरदार होगा बेटी का स्वागत: बता दें की मीनू ने पहले भी बहुत से पदक जीते हैं. सीनियर एशियन चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक, सीनियर नेशनल में कांस्य पदक, स्कूली नेशनल में रजत पदक, एशिया कप में स्वर्ण पदक जीता है. मीनू ने कड़े संघर्ष के बाद इतने सारे पदक हासिल किए हैं. जिससे उनके परिजनों और मां को उन पर गर्व है. अब गांव लौटने पर भी बेटी का खूब जोरदार स्वागत किया जाएगा.
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