चरखी-दादरी/भिवानी/जींद: बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के चलते हरियाणा के विभिन्न जिलों में फसलों को भारी नुकसान हुआ है. फसल खराब होने से किसानों में भारी आक्रोष है. किसानों ने सरकार से जल्द से जल्द स्पेशल गिरदावरी कराने की मांग की है. किसानों का कहना है कि इस बार फसल अच्छी होने वाली थी, लेकिन ओलावृष्टि से काफी नुकसान हुआ है.
ट्रैक्टर पर सवार होकर चरखी दादरी लघु सचिवालय पहुंचे किसान: बारिश और ओलावृष्टि से प्रभावित चरखी दादरी जिले के कई गांवों के किसान बर्बाद फसलों के साथ ट्रैक्टरों पर सवार होकर लघु सचिवालय पहुंचे. इस दौरान किसानों ने अधिकारियों से मिलकर अपनी व्यथा सुनाई और स्पेशल गिरदावरी करवाकर उचित मुआवजा देने की मांग उठाई. किसानों ने दादरी के निर्दलीय विधायक सोमबीर सांगवान पर भड़ास निकालते हुए कहा कि वे केवल वोट लेने के लिए ही आते हैं. उनको किसानों से कोई मतलब नहीं बल्कि अपने स्वार्थ की राजनीति करते हैं. इस दौरान किसानों के बीच पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान पहुंचे और उन्होंने फोन पर कृषि मंत्री से बात करने के बाद किसानों को आश्वासन दिया कि उनके नुकसान की भरपाई करवाई जाएगी.
मुआवजा नहीं मिलने पर आंदोलन की चेतावनी: किसान रणधीर सिंह, नफे सिंह, फूल सिंह, शिवकुमार और राजेश ने बताया कि जिला उपायुक्त कार्यालय में मौजूद नहीं थे, ऐसे में उन्होंने अपना ज्ञापन एसडीएम को सौंपा है. किसानों का कहना है कि 2 मार्च को ओलावृष्टि हुई थी, लेकिन उसके बाद से प्रशासनिक अधिकारी और कोई जनप्रतिनिधि उनके पास नहीं पहुंचा है. जब चुनाव का समय होता है तो गांव दूर नहीं होते, लेकिन जब किसानों पर मुसीबत आती है तो गांव दूर हो जाते हैं और कोई नेता उनका हाल नहीं पूछता. किसानों ने कहा कि उनकी कमाई का एकमात्र जरिया खेती है और यह ओलावृष्टि से बर्बाद हो गई है. उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि ओलावृष्टि से हुए नुकसान की भरपाई नहीं की गई तो वे बड़ा आंदोलन करेंगे.
कृषि मंत्री जेपी दलाल से मिले पूर्व मंत्री: किसानों के बीच पहुंचे पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान ने हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल से बात की और दादरी जिले में हुए नुकसान की स्थिति से अवगत करवाया. कृषि मंत्री से बात करने के बाद सतपाल सांगवान ने आश्वासन दिया कि ओलावृष्टि से प्रभावित किसानों के नुकसान की भरपाई की जाएगी. वहीं, बताया कि कृषि मंत्री ने आश्वासन दिया है कि वे स्वयं भी किसानों के बीच पहुंचेंगे. इसके अलावा सतपाल सांगवान ने स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों से बात की व नुकसान का आंकलन कर किसानों को मुआवजा देने की बात कही.
मुआवजे की मांग को लेकर सड़कों पर उतरी BKU: पिछले दिनाें हुई बारिश के साथ ओलावृष्टि से बर्बाद फसलों का मुआवजा देने सहित दूसरी मांगों को लेकर भाकियू की अगुवाई में किसान ने बाढड़ा की सड़कों पर रोष प्रदर्शन किया. किसानों ने बाढ़ड़ा एसडीम कार्यालय पहुंचकर बवाल काटा और प्रशासन की रिपोर्ट में बाढड़ा तहसील के गांवों की रिपोर्ट में फसलों का आकलन शामिल नहीं करने पर रोष जताया. भाकियू का कहना है कि उनकी मांगें नहीं मानी गई तो वे बड़ा आंदोलन करेंगे.
ओलावृष्टि से किसान परेशान, जल्द से जल्द मुआवजे की मांग: बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के चलते भिवानी में भी किसान परेशान हैं. स्पेशल गिरदावरी की मांग को लेकर अखिल भारतीय किसान सभा के नेतृत्व में सोमवार को भिवानी जिला के करीब एक दर्जन गांव के किसानों ने भिवानी के उपायुक्त कार्यालय सामने प्रदर्शन किया. किसानों ने हरियाणा सरकार से मुआवजे के रूप में 50 हजार रुपए प्रति एकड़ देने की मांग की. उन्होंने कहा कि किसान सचेत रहें, प्रशासन और सरकार के लोग आश्वासन देने के बाद भी उन आश्वासनों को लागू नहीं करते और किसानों को पोर्टलों में उलझाकर उनकी वाजिब मांग लागू नहीं की जाती. उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष जनवरी 2023 में पाले, बेमौसमी बारिश और ओलों ने रबी फसल को बर्बाद कर दिया था. भिवानी के सीटीएम विशाल एवं विधायक घनश्याम सर्राफ ने भी किसानों को विशेष गिरदावरी करवा कर उचित मुआवजा दिया जाएगा.
CM और डिप्टी सीएम के नाम ज्ञापन: पिछले दिनों हुई ओलावृष्टि के कारण बर्बाद फसलों के मुआवजे सहित अन्य मांगों को लेकर सोमवार, 4 मार्च को जननायक जनता पार्टी ने उपायुक्त के माध्यम से सीएम मनोहर लाल और डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के नाम मांग पत्र सौंपा. मांग पत्र के माध्यम से जेजेपी ने मुआवजा राशि 15 हजार से बढ़ाकर 25 हजार रुपए किए जाने, गिरदावरी स्टाफ द्वारा तहसील में बैठकर गिरदावरी करने की बजाए मौके पर जाकर गिरदावरी किए जाने, मेरी फसल-मेरा ब्यौरा और फसल गिरदावरी में मिसमैच होने की वजह से मुआवजा ना मिलने की समस्या का स्थायी समाधान किए जाने, करीब 5 दर्जन गांवों में वर्ष 2021-21 का पेंडिंग बीमा क्लेम दिए जाने, बीमा कंपनियों को नुकसान की ऑनलाइन करने की अनिवार्यता खत्म किए जाने की मांग की है. इस मौके पर जननायक जनता पार्टी के जिला प्रधान जोगेंद्र सिंह बागनवाला और प्रदेश संगठन सचिव विजय सिंह गोठड़ा ने कहा कि ओलावृष्टि के कारण जिला भर के विभिन्न क्षेत्रों में किसानों को खासा नुकसान हुआ है. हालांकि उपमुख्यमंत्री ने तुरंत प्रभाव से गिरदावरी करवाने के निर्देश दे दिए थे.
मुआवजे की मांग को लेकर जींद डीसी दरबार पहुंचे किसान: जींद जिले के छात्तर गांव, मांडी कलां, कसहून, दुर्जनपुर के किसान सोमवार को ट्रैक्टर ट्रॉलियों में सवार होकर लघु सचिवालय पहुंचे. किसानों ने बताया कि दो मार्च को हुई बारिश और ओलावृष्टि से फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है. गेहूं और सरसों की फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गई हैं. कटाई को तैयार सरसों में फलियां खाली हो गई. बारिश और ओलावृष्टि से गेहूं की फसल पसर गई है. किसानों का कहना है कि गेहूं में दाना अच्छा बन रहा था. अब ओलावृष्टि के कारण दाना खराब हो गया है. दो दिनों से धूप निकलने पर खेतों में फसलों की तबाही साफ देखी जा सकती है. किसानों ने कहा है कि उन्होंने कृषि क्रेडिट कार्ड पर लोन लिया हुआ है. फसल बर्बाद होने कारण किस्त भी नहीं चुकाई जा सकती.
स्पेशल गिरदावरी कराने की मांग पर अड़े किसान: छात्तर गांव के किसानों ने बताया कि गांव में 7 हजार एकड़ गेहूं और तीन हजार एकड़ में सरसों की फसल चौपट हो गई. मांडी कलां गांव के किसानों ने बताया कि गांव में गांव की 2 हजार एकड़ में गेहूं की फसल और 200 एकड़ में सरसों की फसल खराब हो गई है. यही हालात दुर्जनपुर और कहसून गांवों के किसानों की भी है. किसानों ने कहा कि बारिश और ओलावृष्टि के चलते पशुचारा भी नष्ट हो गया. काफी ऐसे किसान हैं जिन्होंने खेतों को ठेके पर लिया हुआ है. फसल खराब होने के चलते किसानों को भारी नुकसान हुआ है. उन्होंने मांग की है कि फसल खराबा की स्पेशल गिरदावरी करवा कर उन्हें मुआवजा दिलाया जाए.
50 हजार प्रति एकड़ का मुआवजे की मांग: सर्वजातीय खाप पंचायत के राष्ट्रीय संयोजक एवं भारतीय किसान मजदूर के राष्ट्रीय अध्यक्ष टेकराम कंडेला ने कहा "हरियाणा प्रदेश में भारी बारिश और ओलावृष्टि से किसानों की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है. इसलिए सरकार इसकी स्पेशल गिरदावरी करवाकर 50 हजार प्रति एकड़ का मुआवजा पीड़ित किसानों को दे. देश के किसानों की आर्थिक स्थिति खराब होती जा रही है, जिसके लिए आजतक की पिछली सरकारें भी जिम्मेदार हैं. वादे के अनुसार स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू किया जाए और किसानों की सभी फसलों पर एमएसपी का कानून बनाया जाए. किसान शांति से आंदोलन चलाएं. शांति से ही आंदोलन जीता जा सकता है. सरकार से मांग की कि किसान नेताओं से बातचीत करके किसानों की मांगों को पूरा करे."
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