पंचकूला: हरियाणा सरकार ने बिजली विभाग के घाटे को पूरा करने के लिए अब प्रदेश में बिजली दरें बढ़ा दी है. सरकार ने प्रदेश के 84 लाख बिजली उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त बोझ डाल दिया है. ऐसा इसलिए है, क्योंकि सरकार ने बिजली पर लगने वाले फ्यूल सरचार्ज एडजस्टमेंट यानी कि एफएसए को एक बार फिर साल 2026 तक बढ़ा दिया है. ऐसे में उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट बिजली बिल के हिसाब से 47 पैसे अतिरिक्त एफएसए देना होगा. इसका सीधा असर कुल बिजली खपत संबंधी बिल पर पड़ेगा. इससे बिजली उपभोक्ताओं की परेशानी सबसे अधिक गर्मियों में बढ़ेगी.
200 यूनिट पार होने पर लगेगा 94.47 रुपए अतिरिक्त चार्ज: प्रदेश सरकार के फैसले के अनुसार लोगों को अब पूरा साल 200 यूनिट बिजली यूनिट पार होने पर यानी 201 यूनिट बिजली इस्तेमाल करने पर 94.47 रुपये अतिरिक्त भुगतान करना होगा. सरकार के इस फैसले का कारण बिजली निगम पर बढ़ रहे डिफॉल्टिंग अमाउंट को बताया जा रहा है, जिस कारण यह वसूली जारी रखी गई है.
200 यूनिट तक ही छूट: हरियाणा बिजली निगम ने उपभोक्ताओं को 200 यूनिट बिजली खर्च तक एफएसए से छूट दी है. सीधे तौर पर जो लोग 200 यूनिट तक ही बिजली ही खर्च करेंगे, उन्हें एफएसए का भुगतान नहीं करना होगा, लेकिन इससे आगे एक यूनिट खपत भी अधिक हुई तो एफएसए देना अनिवार्य होगा.
साल 2023 से लगातार बढ़ा एफएसए: इससे पहले प्रदेश सरकार की ओर से बिजली निगम के फायदे में आने पर एफएसए को खत्म किया गया था, लेकिन बिजली निगम के पुनः घाटे में आने पर अप्रैल 2023 में एफएसए को फिर लागू किया गया, जिसके बाद अब इसे बढ़ाया जा रहा है.
हरियाणा में बिजली दर :
- 0-150 (यूनिट): 2.75 रुपया
- 150-250 (यूनिट): 5.25 रुपया
- 251-500 (यूनिट): 6.30 रुपया
- 501-800 (यूनिट): 7.10 रुपया
निगम की ओर से 11 सर्कल से बिजली होती है सप्लाई : दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम द्वारा 11 सर्कल से बिजली सप्लाई की जाती है. बिजली निगम के 43 लाख 57 हजार से अधिक उपभोक्ता हैं, जबकि उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम के करीब 37.39 लाख से अधिक उपभोक्ता हैं.
साल 2024 में मासिक शुल्क माफ: हरियाणा सरकार ने साल 2024 में बिजली उपभोक्ताओं को मासिक शुल्क भुगतान से राहत दी थी. जून 2024 में मासिक शुल्क को माफ किया गया था. इस फैसले के बाद प्रदेश में 2 किलोवाट तक के घरेलू मीटर लगे होने पर केवल खर्च यूनिट का ही बिजली बिल भरना होता है.
9 लाख बिजली उपभोक्ताओं को फायदा: प्रदेश सरकार के मासिक शुल्क से राहत देने का फायदा राज्य के करीब साढे 9 लाख बिजली उपभोक्ताओं को मिला था. सरकार ने बजट में मासिक शुल्क माफ करने की घोषणा की थी, लेकिन इससे पहले बिजली विभाग उपभोक्ताओं से प्रति किलोवाट 115 रुपए मासिक शुल्क वसूलता था. इससे खर्च की गई बिजली यूनिट के बिल के साथ मासिक शुल्क जुड़ने से बिल धनराशि बढ़ जाती थी.
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