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जब इंदिरा गांधी ने अपनी ही पार्टी उम्मीदवार को कहा था जिंदा लाश - Chunav Flashback - CHUNAV FLASHBACK

चुनाव के दौरान कई किस्से और कहानियां होते हैं जो सालों तक याद रखे जाते हैं. ऐसा ही एक किस्सा 1982 के चुनाव का है

Haryana Election Story
Haryana Election Story (File Photo)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Aug 31, 2024, 10:09 AM IST

Updated : Oct 4, 2024, 8:31 PM IST

फतेहाबाद: चुनाव में कई बार ऐसी रोचक घटनाएं होती हैं, जिनके किस्से सालों तक लोगों के जेहन में ताजा रहते हैं. ऐसा ही एक रोचक किस्सा 1982 के विधानसभा चुनाव में हुआ. ये किस्सा फतेहाबाद विधानसभा सीट और उसके एक साल बाद हुए उपचुनाव से जुड़ा है. ये घटना शायद आज भी लोगों के दिलो-दिमाग में ताजा है.

स्टेज पर आया इंदिरा गांधी को गुस्सा: साल 1982 के हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने फतेहाबाद सीट से गोबिंद राय बत्रा को उम्मीदवार बनाया था. उनके समर्थन में चुनावी जनसभा को संबोधित करने के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी फतेहाबाद आई थी. तब जनसभा को संबोधित करते हुए इंदिरा गांधी ने अपनी ही पार्टी के उम्मीदवार को लेकर ऐसी बात कह दी कि वहां मौजूद हर कोई हैरान रह गया.

अपने ही उम्मीदवार को कहा जिंदा लाश: हुआ ये कि इंदिरा गांधी की मौजूदगी में जब स्टेज पर पार्टी उम्मीदवार गोबिंद राय बत्रा को बोलने के लिए आमंत्रित किया गया, तो खुद से उठ नहीं पाए, लोगों ने उन्हें सहारा देकर उठाया. तब बत्रा गंभीर रूप से बीमार थे. बीमारी के चलते वो कमजोर हो गए थे. जिसके चलते वो खुद से उठ नहीं पाए. पार्टी उम्मीदवार की ऐसी हालत देखकर इंदिरा गांधी को गुस्सा आ गया. इंदिरा गांधी ने स्टेज पर मौजूद पार्टी नेताओं से कहा कि इस जिंदा लाश के अलावा क्या आपको कोई दूसरा उम्मीदवार नहीं मिला? इंदिरा गांधी की इस टिप्पणी के बाद चुनावी जनसभा में सन्नाटा छा गया. पार्टी के दिग्गज नेताओं के पास इंदिरा गांधी की इस बात का कोई जवाब नहीं था.

कांग्रेस उम्मीदवार की हुई थी जीत: हालांकि गोबिंद राय बत्रा इस चुनाव में जीत गए थे. उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी लोकदल के उम्मीदवार हरमिंद्र सिंह को 9006 वोटों के अंतर से हरा दिया था. एक साल बाद ही उनका निधन हो गया और फतेहाबाद विधानसभा सीट पर उपचुनाव कराना पड़ा. गोबिंद राय बत्रा के निधन के बाद 23 दिसंबर 1983 को हुए उपचुनाव में सत्तारूढ़ कांग्रेस ने लीला कृष्ण को उम्मीदवार बनाया. उनके सामने विपक्ष से सांझा आजाद उम्मीदवार मनीराम गोदारा बने.

फतेहाबाद उपचुनाव में हुआ विवाद: मनीराम गोदारा तत्कालीन मुख्यमंत्री भजनलाल के कट्टर विरोधी माने जाते थे. लिहाजा उपचुनाव को लेकर माहौल इनता तनावपूर्ण हो गया कि चुनाव और वोटों की गिनती के समय पुलिस ने पूरे शहर को छावनी में तब्दील कर दिया. भीड़ इकट्ठा होने पर पुलिस ने गोदारा समर्थकों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा. इस घटना में कई लोग घायल हो गए.

पुलिस की कार्यशैली से जनता में रोष: इस उप चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार लीला कृष्ण 1399 वोटों के अंतर से जीत गए, लेकिन चुनाव के बाद पुलिस की कार्यशैली ने नाराज लोगों में सरकार के खिलाफ जबरदस्त आक्रोश फैल गया. इसका असर ये हुआ चुनाव हारने के बाद भी मनीराम गोदारा का राजनीतिक कद और ज्यादा बढ़ गया. आज भी इस उपचुनाव को याद कर लोगों का आक्रोश ताजा हो जाता है.

ये भी पढ़ें- हरियाणा विधानसभा चुनाव की तारीख का ऐलान, जानें पूरा शेड्यूल - Haryana Election Schedule

ये भी पढ़ें- हरियाणा चुनाव के लिए JJP, ASP में गठबंधन, जजपा 70, आजाद समाज पार्टी 20 सीटों पर लड़ेगी चुनाव, जानिए सियासी मायने - JJP ASP Alliance in Haryana

फतेहाबाद: चुनाव में कई बार ऐसी रोचक घटनाएं होती हैं, जिनके किस्से सालों तक लोगों के जेहन में ताजा रहते हैं. ऐसा ही एक रोचक किस्सा 1982 के विधानसभा चुनाव में हुआ. ये किस्सा फतेहाबाद विधानसभा सीट और उसके एक साल बाद हुए उपचुनाव से जुड़ा है. ये घटना शायद आज भी लोगों के दिलो-दिमाग में ताजा है.

स्टेज पर आया इंदिरा गांधी को गुस्सा: साल 1982 के हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने फतेहाबाद सीट से गोबिंद राय बत्रा को उम्मीदवार बनाया था. उनके समर्थन में चुनावी जनसभा को संबोधित करने के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी फतेहाबाद आई थी. तब जनसभा को संबोधित करते हुए इंदिरा गांधी ने अपनी ही पार्टी के उम्मीदवार को लेकर ऐसी बात कह दी कि वहां मौजूद हर कोई हैरान रह गया.

अपने ही उम्मीदवार को कहा जिंदा लाश: हुआ ये कि इंदिरा गांधी की मौजूदगी में जब स्टेज पर पार्टी उम्मीदवार गोबिंद राय बत्रा को बोलने के लिए आमंत्रित किया गया, तो खुद से उठ नहीं पाए, लोगों ने उन्हें सहारा देकर उठाया. तब बत्रा गंभीर रूप से बीमार थे. बीमारी के चलते वो कमजोर हो गए थे. जिसके चलते वो खुद से उठ नहीं पाए. पार्टी उम्मीदवार की ऐसी हालत देखकर इंदिरा गांधी को गुस्सा आ गया. इंदिरा गांधी ने स्टेज पर मौजूद पार्टी नेताओं से कहा कि इस जिंदा लाश के अलावा क्या आपको कोई दूसरा उम्मीदवार नहीं मिला? इंदिरा गांधी की इस टिप्पणी के बाद चुनावी जनसभा में सन्नाटा छा गया. पार्टी के दिग्गज नेताओं के पास इंदिरा गांधी की इस बात का कोई जवाब नहीं था.

कांग्रेस उम्मीदवार की हुई थी जीत: हालांकि गोबिंद राय बत्रा इस चुनाव में जीत गए थे. उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी लोकदल के उम्मीदवार हरमिंद्र सिंह को 9006 वोटों के अंतर से हरा दिया था. एक साल बाद ही उनका निधन हो गया और फतेहाबाद विधानसभा सीट पर उपचुनाव कराना पड़ा. गोबिंद राय बत्रा के निधन के बाद 23 दिसंबर 1983 को हुए उपचुनाव में सत्तारूढ़ कांग्रेस ने लीला कृष्ण को उम्मीदवार बनाया. उनके सामने विपक्ष से सांझा आजाद उम्मीदवार मनीराम गोदारा बने.

फतेहाबाद उपचुनाव में हुआ विवाद: मनीराम गोदारा तत्कालीन मुख्यमंत्री भजनलाल के कट्टर विरोधी माने जाते थे. लिहाजा उपचुनाव को लेकर माहौल इनता तनावपूर्ण हो गया कि चुनाव और वोटों की गिनती के समय पुलिस ने पूरे शहर को छावनी में तब्दील कर दिया. भीड़ इकट्ठा होने पर पुलिस ने गोदारा समर्थकों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा. इस घटना में कई लोग घायल हो गए.

पुलिस की कार्यशैली से जनता में रोष: इस उप चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार लीला कृष्ण 1399 वोटों के अंतर से जीत गए, लेकिन चुनाव के बाद पुलिस की कार्यशैली ने नाराज लोगों में सरकार के खिलाफ जबरदस्त आक्रोश फैल गया. इसका असर ये हुआ चुनाव हारने के बाद भी मनीराम गोदारा का राजनीतिक कद और ज्यादा बढ़ गया. आज भी इस उपचुनाव को याद कर लोगों का आक्रोश ताजा हो जाता है.

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Last Updated : Oct 4, 2024, 8:31 PM IST
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