चंडीगढ़/अंबाला: हरियाणा में विधानसभा चुनाव के बीच डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को जेल से 20 दिन की पैरोल दिए जाने के मामले पर अब सियासत शुरू हो गई है. इस बीच हरियाणा कांग्रेस ने राम रहीम को पैरोल दिए जाने के खिलाफ चुनाव आयोग को पत्र लिखकर मांग की है कि मतदान से पहले राम रहीम को पैरोल ना दी जाए, क्योंकि राम रहीम हरियाणा में मतदाताओं को प्रभावित कर सकता है. राम रहीम की हरियाणा में जबरदस्त फॉलोइंग है, वो इसका इस्तेमाल कर सकता है.
इस बीच हरियाणा कांग्रेस लीगल सेल के अध्यक्ष केसी भाटिया ने कहा कि उनके पत्र का चुनाव आयोग ने संज्ञान लिया है. हालांकि राम रहीम को सशर्त पैरोल दी गई है, जिसके अनुसार उसे किसी भी राजनीतिक गतिविधि में भाग लेने की अनुमति नहीं होगी, साथ ही वो किसी भी तरह का भाषण नहीं दे सकेगा और हरियाणा में उसके आने पर रोक रहेगी.
नियमों के तहत दी जा रही पैरोल : वहीं इस मामले पर हरियाणा निर्वाचन आयोग के नोडल अधिकारी मनीष लोहान का कहना है कि राम रहीम पैरोल मामले को लेकर हरियाणा सरकार की तरफ से पत्र प्राप्त हुआ था. चुनावी आचार संहिता में पैरोल दिए जाने के कुछ नियम है. हमने कहा है कि कुछ मुख्य शर्तों के साथ पैरोल दी जा सकेगी. उसकी हरियाणा में एंट्री नहीं होगी और कोई स्पीच नहीं देंगे.
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अनिल विज बोले-विपक्ष नियमों को तब्दील करवा दें फिर : वहीं, इस मामले में हरियाणा के पूर्व गृह मंत्री अनिल विज ने कहा है कि पैरोल के कुछ नियम होते हैं और नियम के हिसाब से ही पैरोल दी गई होगी. इस पर विपक्ष के सवाल उठाने पर विज ने कहा कि फिर विपक्ष नियमों को तब्दील करवा दें. राहुल गांधी के अंबाला आने पर विज ने शायराना अंदाज में कहा कि बहुत शोर था कि 'राहुल आएंगे तूफान लेकर' लेकिन वो आये भी और एक पत्ता भी नहीं हिला.