चंडीगढ़: हरियाणा में कांग्रेस पार्टी अभी तक अपने लोकसभा उम्मीदवार घोषित नहीं कर पाई है. कांग्रेस पार्टी के लिए उम्मीदवार घोषित करना चुनौती बन चुका है. इंडिया गठबंधन के तहत एक सीट आम आदमी पार्टी को देने के बाद कांग्रेस को नौ उम्मीदवार घोषित करने हैं लेकिन पार्टी की स्क्रीनिंग कमेटी और सब कमेटी की बैठक के बाद भी नतीजना नहीं निकल पाया है. प्रत्याशियों के नाम पर चर्चा करने के लिए दो बार केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक हो चुकी है लेकिन पार्टी अभी तक उम्मीदवार घोषित नहीं कर पाई है.
तीन सीटों पर ही बनी सहमति: सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस पार्टी कई दौर की बैठकों के बाद भी अभी तक सिर्फ तीन सीटों पर ही उम्मीदवारों के नाम तय कर पाई है. रोहतक, सिरसा और अंबाला की लोकसभा सीट पर प्रत्याशियों के नाम तय हो गये हैं. रोहतक से दीपेंद्र हुड्डा, सिरसा से कुमारी सैलजा और अंबाला से वरुण चौधरी के नाम पर सहमति बनी है. लेकिन बाकि छह सीटों पर कांग्रेस अंतिम फैसला नहीं कर पा रही है. इन सीटों में ज्यादातर पर दो उम्मीदवारों के नाम हैं.
गुटबाजी के कारण हो रही देरी: सूत्रों के मुताबिक पार्टी के अंदर छह सीटों पर हुड्डा और एसआरके गुट आमने सामने हो गए हैं. एक तरफ जहां हुड्डा खेमा इन सीटों पर अपना उम्मीदवार उतारना चाह रहा है वहीं एसआरके गुट अपने खेमे के नेता को तरजीह दे रहा है. यानी इसी गुटबाजी के चलते कांग्रेस पार्टी को छह सीटों पर उम्मीदवार घोषित करने में देरी हो रही है.
क्या कहते हैं राजनीतिक प्रेक्षक ?: राजनीतिक मामलों के जानकार राजेश मोदगिल कहते हैं कि "कांग्रेस की सबसे बड़ी चुनौती हरियाणा में एक दूसरे से निपटना ज्यादा दिखाई देती है. इसी वजह से बीजेपी कांग्रेस पर निशाना भी साधती है कि कांग्रेस के नेता चुनाव लड़ना नहीं चाहते या चुनाव से भाग रहे हैं. कांग्रेस उम्मीदवारों पर एक राय हो भी जाए तो भी उनका एक दूसरे पर इतना भरोसा नहीं है कि चुनाव में वह एक दूसरे को नुकसान नहीं पहुंचाएंगे. यही वजह है कि किसी एक नाम पर सहमति बनने में वक्त लग रहा है". वहीं इस मुद्दे पर धीरेंद्र अवस्थी का कहना है कि "यह गुटबाजी किसी को कमजोर दिखाने की कम और जिताऊ उम्मीदवार को मैदान में उतरने की है. दोनों तरफ के नेता जिस भी उम्मीदवार का पक्ष ले रहे हैं वे इसके पीछे यही तर्क दे रहे हैं कि जिस भी उम्मीदवार को पार्टी उतरे वह जिताऊ उम्मीदवार हो, यानी जो बीजेपी के उम्मीदवार को चुनाव में मात दे सके".
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