चंडीगढ़: हरियाणा में इस समय कई अधिकारी खौफ में हैं. किसी भी समय उनके ऊपर गाज गिर सकती है. इसकी वजह है कि कुछ अधिकारी कांग्रेस समर्थक हैं और उन्होंने चुनाव में कांग्रेस नेताओं का गलत तरीके से समर्थन किया था. ये बात मुख्यमंत्री से लेकर सरकार के कई मंत्री तक कह चुके हैं. अब पंचायत मंत्री ने तो यहां तक दावा कर दिया है कि कई अधिकारियों की लिस्ट भी बन चुकी है.
मंत्री के बयान से गरमाया माहौल- अधिकारियों पर कार्रवाई का ताजा मामला तब गरमाया जब पंचायत मंत्री कृष्ण लाल पंवार ने खुलेआम कह दिया कि 6 अक्टूबर की रात को कई अधिकारी कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा से मिले थे. इस बार चुनाव का माहौल कांग्रेस के पक्ष में दिख रहा था. सभी एग्जिट पोल और राजनीतिक जानकार कांग्रेस की सरकार बना रहे थे. यानि अधिकारियों को ये लग रहा था कि कांग्रेस की सरकार आने वाली है. हरियाणा में 5 अक्टूबर को वोटिंग और 8 अक्टूबर को मतगणना हुई थी.
कुछ अधिकारी 6 अक्टूबर की रात को पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ दिन में नहीं रात के समय मुलाकात करके आये हैं. मुख्यमंत्री के पास सारी रिपोर्ट आ चुकी है. तो अधिकारी अब अपने आप को नार्मल पोजीशन में लाकर काम करें. क्योंकि वो सरकार का हिस्सा होते हैं. वो निष्ठा से काम करें और दिमाग से ये निकाल दें कि भविष्य में भी कांग्रेस की सरकार आयेगी. कृष्ण लाल पंवार, पंचायत मंत्री, हरियाणा
लोकसभा चुनाव से नाराज बीजेपी नेता- हरियाणा में पहले लोकसभा चुनाव हुए. उसके बाद विधानसभा चुनाव. चुनाव के दौरान हरियाणा के मुख्यमंत्री और कई बड़े मंत्रियों ने खुलेआम कुछ अधिकारियों पर कांग्रेस का समर्थन करने का आरोप लगाया. लोकसभा चुनाव के समय पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल और सीएम नायब सैनी ने यहां तक कहा था कि ऐसे अधिकारियों की लिस्ट तैयार है. और चुनाव नतीजे के बाद उनके ऊपर कार्रवाई होगी. इन अधिकारियों पर आरोप है कि उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवारों का गलत तरीके से साथ दिया. लोकसभा चुनाव में बीजेपी 5 सीट हार गई थी.
विधानसभा चुनाव के समय भी अधिकारी निशाने पर- विधानसभा चुनाव के दौरान भी अधिकारियों बीजेपी नेताओं यहां तक कि सीएम नायब सैनी के निशाने पर रहे. विधानसभा चुनाव के दौरान नायब सिंह सैनी ने साफ कहा कि उनके पास भितरघात करने वाले प्रशासनिक अधिकारियों और कर्मचारियों की शिकायत पहुंची थी. उसके बाद सरकार के कई मंत्रियों और बीजेपी विधायकों ने भी अधिकारियों पर हमला बोला और कांग्रेस का साथ देने का आरोप लगाया.
अफसरों की मनमानी हम सरकार में नहीं चलने देंगे. जिन अफसरों ने चुनाव में गलत काम किया है, उनकी लिस्ट तलब की गई है. इस पर 4 जून (लोकसभा चुनाव के नतीजे का दिन) के बाद फैसला होगा. अफसर की निष्पक्ष छवि होनी चाहिए, ना कि किसी एक व्यक्ति या पार्टी के लिए काम करना चाहिए. नायब सिंह सैनी, लोकसभा चुनाव के बाद
मनोहर लाल ने भी दी थी धमकी- पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भी लोकसभा चुनाव के नतीजे आने से पहले ही कई अधिकारियों पर खुली धमकी दी थी और उनकी कार्यप्रणाली पर सवाल उठाये थे. उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान कहा था कि आज तुम्हारा टाइम है, 4 जून के बाद हमारा टाइम आएगा. इसके बाद आचार संहिता हट जायेगी और ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे. सभी की लिस्ट सरकार के पास पहुंच गई है.
कई अधिकारियों की आ सकती है शामत- अधिकारियों पर लोकसभा चुनाव से शुरू हुई कार्रवाई की तलवार अभी तक लटकी है. पंचायत मंत्री के ताजा बयान के बाद ये कयास लगाये जा रहे हैं कि ऐसे अधिकारियों पर सरकार कार्रवाई की तैयारी कर रहे हैं. कुछ अधिकारियों को तबादले हो सकते हैं और कुछ लोगों को प्रतीक्षा सूची में भी डाला जा सकता है. हलांकि सरकार किस आधार पर कार्रवाई करेगी ये देखने वाली बात है. साथ ही अधिकारियों के खिलाफ सरकार के पास क्या सबूत है.
ये भी पढ़ें- नायब सैनी शपथ लेते ही करेंगे इन अधिकारियों पर कार्रवाई, अफसरशाही में भी होगा बड़ा बदलाव
ये भी पढ़ें- हरियाणा में सैनी सरकार ने 24 अधिकारियों को किया सस्पेंड, पराली जलाने के मामलों पर एक्शन