चंडीगढ़: आम आदमी पार्टी के चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष रहे और पूर्व में हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष रहे डॉ. अशोक तंवर आप अपनी नई पारी बीजेपी के साथ शुरू कर चुके हैं. आखिर डॉ. अशोक तंवर ने आम आदमी पार्टी से किनारा क्यों किया? बीजेपी में वह क्यों शामिल हुए? इसके साथ ही वे किसी लक्ष्य के साथ अब बीजेपी के साथ आगे चलने की तैयारी कर रहे हैं? इन सब बातों को लेकर ईटीवी भारत ने बीजेपी नेता अशोक तंवर से खास बातचीत की.
सवाल: आखिर आपका आम आदमी पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल होने का विचार कैसे बना और किन परिस्थितियों में आपने बीजेपी का दामन थामा?
जवाब: मैं बीजेपी के साथ नहीं हूं, मैं देश के साथ हूं, देश हित में जो काम करेगा मैं उसके साथ हूं. बीजेपी देश हित काम कर रही है, इसलिए मैं बीजेपी के साथ हूं. अभी तक तो मैं अपने छात्र जीवन से ही बीजेपी को नकारता आया था. मैं बीजेपी के बारे में हमेशा सोचता था कि यह दूसरी सोच है और विचारधारा है. धीरे-धीरे यह समझ में आया कि यह जो सोच है, विचारधारा है, यह देश हित में है. मैं खुद को इतना ब्रह्म ज्ञानी नहीं मानता हूं कि मैं बचपन से ही सब कुछ सीख कर आया था.
धीरे-धीरे आप जैसे-जैसे राजनीतिक व्यवस्था देखते हो, लोगों से मिलते हो, दूसरी पार्टियों की कार्यशैली और उनके विचार देखते हो तो फिर समझ आता है कि क्या करना है. वैसे ही मुझे भी यह समझ आया कि बाकी लोग जिस तरीके से काम करते हैं, उनकी शैली में और बीजेपी की शैली में खासतौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री मनोहर लाल की शैली में बहुत फर्क है. उनके साथ जुड़कर हमें आने वाले समय में देश के सामने आने वाली चुनौतियों का मुकाबला करना चाहिए. मेरे सब साथियों ने भी इसको लेकर फैसला किया. मैं इसके लिए बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व और राज्य के नेतृत्व का आभारी हूं. हमारी कोशिश रहेगी कि हम उनकी उम्मीदों और अपेक्षाओं पर खरा उतरे, हरियाणा की उम्मीदों पर खरा उतरें.
सवाल: क्या आपको लगता है कि आपने बीजेपी में शामिल होने में देरी की?
जवाब: जिस चीज का जब समय आता है, वह तब ही आता है. जब हमारे मन में वह चीज थी नहीं तो वह कैसे संभव होती. हमने तो हमेशा ही उस चैलेंज को दरकिनार किया था. जब समय आया और सारी चीजें हमने देखी कि किस तरीके से लोग सत्ता प्राप्त करने के लिए एक गिरोह बनाकर काम कर रहे हैं. उनका सिर्फ एक ही नारा है, मोदी हटाओ, मोदी हटाओ, लेकिन देश की जनता उन्हीं को हटाना चाह रही है. ऐसे में हम सब की कोशिश है कि भविष्य के अंदर देश और प्रदेश में भी बीजेपी मजबूत हो और उसके लिए हम काम करें.
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हर जज़्बा हर ज़िम्मेदारी मिल के निभाएंगे
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जुड़े हैं सबके हौसले देश जोड़ते जाएंगे pic.twitter.com/PAIJzrR1nG
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देश में जो हमारा पूरा नेटवर्क है, हम अपने सब साथियों को दलदल से निकाल करके बीजेपी में लाएंगे, जो दलदल दूसरी पार्टियों में है उससे अच्छे लोगों को निकाल कर लाएंगे. कहावत है ना कि जैसे गाय गार (कीचड़) में धंस गई, गाय को तब गार से निकालने के लिए बहुत लोगों की जरूरत पड़ती है. मेरा यह सौभाग्य रहा कि मुझे भी बहुत से लोगों ने उस दलदल से निकाला. मैं भी अकेला बाहर नहीं निकल सकता था. अब हम बाहर आ गए हैं तो उन लोगों को दलदल से बाहर निकालने के लिए उनको प्रेरित भी करेंगे और उनकी मदद भी करेंगे. देश के निर्माण में जो उनकी अहम भूमिका है, उसको भी सुनिश्चित करेंगे.
सवाल: आप, आम आदमी पार्टी के साथ रहे क्या आम आदमी पार्टी की विचारधारा में कोई कमी है या उनका टारगेट कुछ और है?
जवाब: उनकी कोई सोच नहीं है. वह झाड़ू लेकर देश का माल समेटने आए हैं. इसको किस तरीके करें यही उनकी सोच है. इसलिए उनको जहां-जहां मौका मिला है आकंठ भ्रष्टाचार में डूबे हुए लोग हैं. ऐसे लोगों के साथ ना मेरा कोई वास्ता था, ना ही मेरा वास्ता रहना चाहिए और ना ही ऐसे लोगों के साथ किसी का वास्ता रहना चाहिए. उनके कहने और करने में बहुत फर्क है. धीरे-धीरे देश और प्रदेश उनको समझ रहा है जहां-जहां उनको देखा है. कांग्रेस हो या अन्य पार्टी हो. इसलिए 2024 का जो चुनाव होगा देश को हम पूरी दुनिया में किस तरीके से शीर्ष पर ले जाएं उसकी लड़ाई है. इसलिए हम 140 करोड़ देशवासियों को एक सूत्र में बांधकर एक तरफा माहौल बनाने का काम करेंगे.
सवाल: क्या लगता है कि आम आदमी पार्टी आपकी और निर्मल सिंह और उनकी बेटी की क्षमताओं का इस्तेमाल नहीं कर सकी या करना नहीं चाह रही थी?
जवाब: देखिए जब बेईमान सोच हो जाती है, मजबूत आदमी जो जिस काम को कर सकता है उसको वह जिम्मेदारी नहीं दी जाती. उससे कोई और काम कराया जाए तो वह नतीजे भी नहीं आते हैं, जो पहले कट्टर ईमानदार होने की बात करते थे. धीरे-धीरे पूरे देश में एक्सपोज हो गए हैं. हम बेईमानों से बचते-बचते आए थे कि यह ईमानदार होंगे, लेकिन बेईमानों से तो हमारा 36 का आंकड़ा है. मुझे नहीं लगता है कि जो मैं हूं या अपने अच्छे साथी हैं, वह वहां रहना पसंद करेंगे या रहेंगे. इसलिए कोई भी मजबूत और स्वाभिमानी व्यक्ति जिसका जनाधार है मुझे नहीं लगता है कि वह आम आदमी पार्टी में रहेगा. ऐसे लोगों के लिए एकमात्र विकल्प भारतीय जनता पार्टी है. इसलिए वे यहां आए. क्योंकि बाकी लोग भी सबने देख लिए. उनकी लड़ाइयां ही खत्म नहीं हो रही. वहां कोई अनुशासन नहीं है, कोई प्रेम प्यार नहीं है तो ऐसे में एक अनुशासित और सही माहौल में काम करने का प्लेटफॉर्म है वह बीजेपी है.
सवाल: जब आप अनुशासन की बात करते हैं तो कांग्रेस में आप रहे, उस वक्त भी गुटबाजी चरम पर थी. क्या आपको लगता है आज उसमें कुछ बदलाव आया है?
जवाब: कोई बदलाव नहीं आया है, बल्कि कांग्रेस और हाशिए पर चली गई है. हम तो फिर भी जमीन पर काम करते थे, साइकिल चलाते थे, पैदल चलते थे. अब तो हवा हवाई कांग्रेस है. कुछ लोगों के समर्थक एक जगह इकट्ठे होते हैं और वह दिखाते हैं कि हमारा माहौल बन गया है. जमीन पर कहां काम हो रहा है, कोई भी काम जमीन पर नहीं हो रहा है. आज भी कांग्रेस पार्टी के नेता तेरा मेरा के चक्कर में लगे हुए हैं. ऐसे में लोग कांग्रेस को पूरे तरीके से नकार चुके हैं. 2024 के लोकसभा और विधानसभा दोनों चुनाव में वह लोगों के सामने साफ तौर पर दिखेगा.
सवाल: आप तो आम आदमी पार्टी में रहे क्या आपको लगता है कि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी एक साथ आने वाले चुनाव में लड़ेगी?
जवाब: जो जिस प्रदेश में मजबूत है, वह वहां दूसरे को कुछ देना नहीं चाह रहा है. ऐसे में फिर कहां से कोई गठबंधन रहेगा. पंजाब में दोनों पार्टियों कह रही हैं कि हम 13-13 सीट पर लड़ेंगे. दिल्ली में कह रहे हैं कि हम यहां लड़ेंगे. हरियाणा में कांग्रेस खत्म है, आम आदमी पार्टी का वजूद नहीं है तो फिर क्या होगा. मुझे नहीं लगता है कि यह गठबंधन लंबा टिक पाएगा. पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने भी कह दिया है कि हम गठबंधन नहीं करेंगे. यह गठबंधन चुनाव से पहले ही खंड-खंड और विभाजित हो जाएगा. टुकड़े-टुकड़े गैंग बनकर यह अलाइंस साफ हो जाएगा.
सवाल: बीजेपी में अन्य दलों से आने वाले लोगों को लेकर यह चर्चा होती है कि ईडी का दबाव था. आपको लेकर भी कुछ ऐसी चर्चा हो रही थी क्या कहेंगे?
जवाब: मैंने तो कांग्रेस के चक्कर में चार, पांच अपनी संपत्तियों भी बेच दी. मेरा ईडी क्या लेकर जाएगी, बल्कि देकर ही जाएगी. मैं तो ईडी से कहूंगा कि वह अपनी शक्तियों का प्रयोग करके जिन्होंने देश में लूट खसोट की है, लाखों और हजारों करोड़ रुपए के घोटाले किए हैं. 2024 से पहले अगर ईडी ठीक से कम करे तो मैं समझता हूं कि देश बहुत राहत महसूस करेगा. इसलिए ईडी जल्द से जल्द अपना काम करे.
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