चंडीगढ़ : हरियाणा में 3 सितंबर को राज्यसभा सीट के लिए वोटिंग होनी है. 21 अगस्त तक नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख है. इस बीच सूत्रों के हवाले से ख़बर आ रही है कि बीजेपी ने राज्यसभा चुनाव के लिए किरण चौधरी का नाम फाइनल कर लिया है और कभी भी इसका ऐलान किया जा सकता है. साथ ही वे मंगलवार या बुधवार को अपना नामांकन दाखिल कर सकती है.
किरण चौधरी को राज्यसभा भेजेगी बीजेपी ! : सूत्रों के मुताबिक बीजेपी में लंबे चले मंथन के बाद तोशाम विधायक किरण चौधरी का नाम फाइनल कर दिया गया है. बस अनाउंसमेंट होना बाकी है जो किसी भी वक्त हो सकता है क्योंकि अब नामांकन के लिए ज्यादा वक्त बचा नहीं है. 21 अगस्त को नॉमिनेशन की लास्ट डेट है. 27 अगस्त तक प्रत्याशी नाम वापस ले सकेंगे और 3 सितंबर को वोटिंग के बाद ही रिजल्ट भी जारी कर दिया जाएगा. आपको बता दें कि किरण चौधरी अपनी बेटी श्रुति चौधरी का टिकट काटने से कांग्रेस से नाराज़ हो गई थी और फिर उन्होंने अपनी बेटी के साथ कांग्रेस को अलविदा कहते हुए बीजेपी जॉइन कर ली थी. तभी से चर्चाओं का दौर शुरू हो गया था कि किरण चौधरी को बीजेपी राज्यसभा भेज सकती है.
किरण चौधरी क्यों उम्मीदवार ? : सूत्र बताते हैं कि उनके बीजेपी में शामिल होने पर उनको पार्टी ने राज्यसभा उम्मीदवार बनाने का वादा किया था, जिसके बाद ये चर्चा लगातार हो रही थी कि बीजेपी उन्हें राज्यसभा भेज सकती है. वहीं कुलदीप बिश्नोई की चर्चा भी राज्यसभा को लेकर थी, लेकिन पार्टी ने उन्हें विधानसभा चुनाव के लिए बनी दो कमेटियों में जगह देकर कहीं न कहीं उनकी नाराजगी को दूर कर दिया है, जिसके बाद किरण चौधरी की दावेदारी और प्रबल हो गई. वहीं केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू को हरियाणा से उम्मीदवार बनाए जाने की चर्चा भी चल रही थी, जिसको पंजाबी वोट बैंक के तौर पर देखा जा रहा था. लेकिन कहीं न कहीं बीजेपी हरियाणा के ही किसी चेहरे को राज्यसभा भेजकर विधानसभा चुनाव के लिए भी संदेश देना चाह रही है. वहीं जेजेपी भी कमजोर पड़ चुकी है, ऐसे में जाट वोट बैंक को भी बीजेपी साधना चाह रही है. उसके लिए बीजेपी किरण चौधरी पर दांव खेल रही है. साथ ही वो महिला नेता है ऐसे में पार्टी महिलाओं को भी इस कदम से टारगेट कर सकती है. इसके साथ ही जिस तरह रणजीत चौटाला की नाराजगी की बातें और उनके बीजेपी से किनारा करने की खबरें चर्चा में आ रही हैं, ऐसे में बीजेपी उस नुकसान की भरपाई भी किरण चौधरी को उम्मीदवार बनाकर करना चाहेगी.
हरियाणा में राज्यसभा की 5 सीट : हरियाणा में राज्यसभा की कुल 5 सीट हैं. रोहतक से दीपेंद्र सिंह हुड्डा के चुनाव जीतने के बाद उन्हें राज्यसभा की सीट छोड़नी पड़ी थी जिसके बाद एक सीट के लिए उपचुनाव हो रहा है क्योंकि दीपेंद्र सिंह हुड्डा का राज्यसभा का कार्यकाल 2026 के अप्रैल महीने तक था. राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन की प्रक्रिया 14 अगस्त से शुरू हो चुकी है लेकिन अभी तक किसी ने भी अपना नामांकन दाखिल नहीं किया है. भूपेंद्र सिंह हुड्डा पहले ही कह चुके हैं कि कांग्रेस के पास उम्मीदवार उतारने के लिए संख्या बल नहीं है. हालांकि जेजेपी नेता दुष्यंत चौटाला ने उन्हें समर्थन का पूरा भरोसा दिया है लेकिन इसके बावजूद कांग्रेस ने उम्मीदवार उतारने का कोई फैसला नहीं किया है.
विधानसभा का राजनीतिक समीकरण : हरियाणा विधानसभा के राजनीतिक समीकरण की बात की जाए तो बीजेपी के पास 41 विधायक हैं. वहीं उसे हलोपा के 1 और निर्दलीय 1 विधायक का सीधा समर्थन है. ऐसे में बीजेपी के पास 43 नंबर हो जाते हैं. वहीं विपक्षी पार्टियों के कई विधायक बीजेपी के पक्ष में क्रॉस वोटिंग कर सकते हैं. इसके चलते बीजेपी के उम्मीदवार की राज्यसभा सीट पक्की नज़र आ रही है. वहीं विपक्ष में कांग्रेस के पास 28 विधायक, जजपा के पास 10, इनेलो के पास 1 और 4 निर्दलीय विधायक हैं.
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