चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा चुनाव में इस बार कई गठबंधन बनने की चर्चाएं हुई. कई गठबंधन बने और बिगड़े भी. एक तरफ विधानसभा चुनाव में इनेलो और बीएसपी साथ हुई, तो वहीं जेजेपी और एएसपी का गठबंधन हो गया. वहीं चर्चाएं बीजेपी के हिलोपा, आरएलडी के साथ गठबंधन केंद्र मैदान में उतरने की हुई. वहीं, चर्चा कांग्रेस और आप के गठबंधन की भी हुई. लेकिन गठबंधन की सियासत में नामांकन का आखिरी दिन भी अहम रहा.
इनेलो और हलोपा गठबंधन: इनेलो और बीएसपी का गठबंधन इस चुनाव के लिए सबसे पहले हुआ. दोनों दलों ने पूरे जोश के साथ इस विधानसभा चुनाव के लिए टाल ठोकी. वहीं, नामांकन के आखिरी दिन एक बार पार्टी इनेलो बीएसपी के साथ जुड़ गई. यह पार्टी गोपाल कांडा की हिलोपा, जिसके साथ नामांकन के आखिरी दिन इनेलो का गठबंधन हो गया. यानी अभी चौटाला और गोपाल कांडा एक साथ आ गए.
कांग्रेस ने भी किया गठबंधन: इधर कांग्रेस के साथ आप गठबंधन की दिल्ली से लेकर हरियाणा तक खूब चर्चाएं होती रही. लेकिन यह गठबंधन सिरे नहीं चढ़ पाया. अंत में दोनों दल एकला चलो रे की राह पर चल दिए. आप तो इस मामले में अकेले ही चली. लेकिन अपने साथ गठबंधन न करने वाली कांग्रेस को 90 उम्मीदवार पूरे करने के लिए नामांकन के अंतिम दिन एक सीट के लिए गठबंधन करना ही पड़ा. कांग्रेस और सीपीआई (एम ) का एक सीट भिवानी पर गठबंधन हो गया.
जेजेपी और एएसपी का गठबंधन: इधर जेजेपी और एएसपी का गठबंधन भी 90 उम्मीदवार पूरे नहीं करवाया. दोनो दलों ने मिलकर 85 सीटों मैं उम्मीदवार उतारे. जिसमें 69 जेजेपी और 16 एएसपी हैं. अंतिम दिन तक इस गठबंधन ने तीन निर्दलीय उम्मीदवारों को समर्थन दिया. जिसमें रानियां से आजाद उम्मीदवार रणजीत चौटाला, महम से आजाद उम्मीदवार शमशेर खरखड़ा और पुंडरी से आजाद उम्मीदवार सज्जन ढुल शामिल है. लेकिन 90 के आंकड़ा पूरा नहीं हो पाया उसमें दो काम रह गए.
एकला चलो की राह पर बीजेपी: इधर बीजेपी जिसकी हिलोपा, आरएलडी जैसी पार्टी के साथ मैदान में उतरने की खूब चर्चाएं होती रही, उसने किसी से भी गठबंधन नहीं किया. हालांकि हरियाणा लोकहित पार्टी यानी हिलोपा को लेकर अंत तक गठबंधन की उम्मीद बनी रही. लेकिन बीजेपी भी एकला चलो की राह पकड़कर मैदान में 90 उम्मीदवारों के साथ उतार गई.
जनता करेगी सत्ता का फैसला: बता दें वीरवार को हरियाणा में नामांकन का आखिरी दिन था. वहीं, शुक्रवार को नामांकन की छंटनी होगी. जबकि 16 सितंबर तक नाम वापस लिए जा सकेंगे. वहीं, 5 अक्टूबर को मतदान होगा, जबकि आठ अक्टूबर को नतीजे घोषित होंगे. अब देखना यह है कि नामांकन के आखिरी दिन तक दम लगाने वाली कौन सी पार्टी को जनता समर्थन देगी.