भिवानी: हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी ने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट में 67 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी है. वहीं, भिवानी जिला के तहत आने वाली चारों विधानसभा सीटों पर भी अपने प्रत्याशियों के नाम जारी कर दिए हैं. भिवानी से विधायक घनश्याम सर्राफ पर पांचवीं बार बीजेपी ने भरोसा जताया है. वहीं, तोशाम से पूर्व सांसद श्रुति चौधरी को भी टिकट दिया है. लोहारू हल्के से वित्त मंत्री जयप्रकाश दलाल को टिकट दी है. बवानीखेड़ा हल्के से नए चेहरे कपूर वाल्मीकि को टिकट दी है. उन्हें यह टिकट बवानीखेड़ा से विधायक व राज्य मंत्री विशंभर वाल्मीकि की जगह पर मिली है.
श्रति चौधरी का राजनीतिक इतिहास: तोशाम विधानसभा क्षेत्र से 49 साल की श्रुति चौधरी को टिकट मिली है. वे पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व केंद्रीय मंत्री चौ. बंसीलाल की पौत्री है. उनके दिवंगत पिता चौ. सुरेंद्र सिंह राज्य सरकार में कृषि मंत्री रह चुके हैं. उनकी माता किरण चौधरी बीजेपी से राज्यसभा सांसद हैं. पूर्व में मंत्री भी रह चुकी हैं. यह सीट चौ. बंसीलाल की परंपरागत सीट है. श्रुति चौधरी की शिक्षा बीए, एलएलबी तक है. श्रुति चौधरी के राजनीतिक करियर की शुरुआत 2009 में हुई थी. तब से वे कांग्रेस की टिकट पर चुनाव जीतकर सांसद बनी थी. साल 2014 व 2019 में कांग्रेस की टिकट पर बीजेपी उम्मीदवार धर्मबीर सिंह से हार गई. साल 2024 में उन्हें कांग्रेस पार्टी ने टिकट नहीं दिया. जिसके बाद वे बीजेपी में शामिल हो गई.
टिकट मिलने पर क्या बोलीं श्रुति?: टिकट मिलने के बाद श्रुति चौधरी ने बताया कि उनका चुनाव लड़ने का काफी अनुभव रहा है. बीजेपी ने उन्हें जिताऊ उम्मीदवार के आधार पर टिकट दी है. तोशाम विधायक क्षेत्र चौ. बंसीलाल का गढ़ रहा है. उनके परिवार के सदस्यों ने यहां बड़े स्तर पर विकास कार्य करवाए हैं. ऐसे में उन्हें लोगों से पूरा साथ मिलेगा. उन्होंने बताया कि वे तोशाम विधानसभा क्षेत्र के आधे से अधिक गांव का दौरा भी पूरा कर चुकी हैं. उनके सामने कांग्रेस से उनके चचेरे भाई अनिरुद्ध चौधरी को टिकट मिलने की संभावना वाले सवाल पर श्रुति ने कहा कि चुनाव तो चुनाव होते हैं. भले ही कोई भी व्यक्ति सामने हो ये मायने नहीं रखता.
श्रुति चौधरी ने तोशाम सीट से किया जीत का दावा: श्रुति ने कहा कि इससे परे भी उनके पिता चौ. सुरेंद्र सिंह के सामने उनके ताऊ चौ. रणबीर सिंह महेंद्र अलग-अलग पार्टियों से आमने-सामने चुनाव लड़ चुके हैं. जिसमें रणबीर सिंह महेंद्रा उनके पिता से हारे थे. वे भी अपने चचेरे भाई को तोशाम विधानसभा से पटखनी देंगी. उन्होंने कहा कि पार्टी की टिकट न मिलने से नाराज लोगों से वे व्यक्तिगत रूप से मिलकर उन्हें मनाएंगी. क्योंकि हर चुनाव में ऐसा होता है. पार्टी विभिन्न कार्यकर्ताओं में से किसी एक पर ही विश्वास जताकर उसे आगे बढ़ाती है. उनकी हमेशा कोशिश रहती है कि उनकी पा4टी का कोई भी व्यक्ति नाराज न रहे. ऐसा ही प्रयास उनका इस बार रहेगा.