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हरियाणा विधानसभा भंग होने पर क्या होगा, क्यों आन पड़ी ऐसी नौबत, जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट ? - Haryana assembly dissolved Update

Haryana assembly dissolved Update : हरियाणा विधानसभा भंग हो जाने पर क्या होगा. आखिर हरियाणा विधानसभा को भंंग करने की नौबत क्यों आन पड़ी है. आखिर हरियाणा में ये संवैधानिक संकट क्यों पैदा हो गया है. जानिए क्या कह रहे हैं एक्सपर्ट जो दे रहे इन सब सवालों के जवाब

Haryana assembly dissolved Update CM Nayab Singh saini Cabinet Meeting Haryana Election 2024
हरियाणा विधानसभा भंग करने की क्यों आन पड़ी नौबत ? (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Sep 11, 2024, 5:44 PM IST

Updated : Sep 11, 2024, 7:03 PM IST

चंडीगढ़ : हरियाणा विधानसभा भंग करने को लेकर हरियाणा कैबिनेट की बैठक हो चुकी है. सीएम नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में बैठक में मंथन किया गया है. आखिर विधानसभा चुनाव के बीच अचानक से सरकार को कैबिनेट बैठक बुलाने की जरूरत क्यों आन पड़ी ? आखिर ऐसा क्या हो गया कि सरकार को ऐसा करने के लिए मजबूर होना पड़ा है ? क्या आज से पहले ऐसा किसी राज्य में हुआ है ? इस मामले में अब क्या क्या हो सकता है ?

जानिए क्या कह रहे हैं एक्सपर्ट : इन सभी सवालों को लेकर संवैधानिक मामलों के जानकार राम नारायण यादव कहते हैं कि दरअसल हरियाणा में पिछला विधानसभा सत्र 13 मार्च को हुआ था. संविधान के मुताबिक अगला सत्र छह महीने के अंदर होना चाहिए, लेकिन हरियाणा में छह महीने का समय गुरूवार यानी 12 सितंबर को पूरा हो रहा है. ऐसे हालात में सरकार को गुरूवार को विधानसभा का सत्र बुलाना पड़ेगा, जिसकी संभावनाएं बिलकुल दिखाई नहीं दे रही है या फिर विधानसभा को भंग करने के लिए राज्यपाल को सिफारिश करनी ही पड़ेगी. वे कहते हैं कि सरकार को भंग करने की स्थिति में राज्यपाल कैबिनेट को अगली सरकार बनने तक केयर टेकर के तौर पर बने रहने को कह सकते हैं.

सारी सुविधाएं हो जाएंगी समाप्त : राम नारायण यादव कहते हैं कि इस स्थिति में कैबिनेट तो बनी रहेगी. वहीं विधानसभा के डिप्टी स्पीकर और विधायकों का कार्यकाल 12 तारीख को रात 12 बजे तक बना रहेगा लेकिन 13 तारीख के बाद डिप्टी स्पीकर और विधायकों को मिलने वाली सारी सुविधाएं भी समाप्त हो जाएगी.

राष्ट्रपति शासन की अनुशंसा कर सकते हैं : रामनारायण यादव ने बताया कि अभी तक इस तरह का मामला न देश में और न किसी प्रदेश में सामने आया है. ये अपनी तरह का पहला मामला है. वे कहते हैं कि अगर सरकार विधानसभा भंग नहीं करती है और सत्र भी नहीं बुलाती है तो 13 तारीख को राज्यपाल राष्ट्रपति को इस मामले में रिपोर्ट भेजने को बाध्य हो जायेंगे और वे राष्ट्रपति शासन की अनुशंसा भी कर सकते हैं. वे कहते हैं कि राज्यपाल भी इस मामले पर नजर बनाए हुए होंगे.

हरियाणा विधानसभा भंग होने पर क्या होगा, क्यों आन पड़ी ऐसी नौबत (Etv Bharat)

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जानिए क्या कह रहे हैं एक्सपर्ट : इन सभी सवालों को लेकर संवैधानिक मामलों के जानकार राम नारायण यादव कहते हैं कि दरअसल हरियाणा में पिछला विधानसभा सत्र 13 मार्च को हुआ था. संविधान के मुताबिक अगला सत्र छह महीने के अंदर होना चाहिए, लेकिन हरियाणा में छह महीने का समय गुरूवार यानी 12 सितंबर को पूरा हो रहा है. ऐसे हालात में सरकार को गुरूवार को विधानसभा का सत्र बुलाना पड़ेगा, जिसकी संभावनाएं बिलकुल दिखाई नहीं दे रही है या फिर विधानसभा को भंग करने के लिए राज्यपाल को सिफारिश करनी ही पड़ेगी. वे कहते हैं कि सरकार को भंग करने की स्थिति में राज्यपाल कैबिनेट को अगली सरकार बनने तक केयर टेकर के तौर पर बने रहने को कह सकते हैं.

सारी सुविधाएं हो जाएंगी समाप्त : राम नारायण यादव कहते हैं कि इस स्थिति में कैबिनेट तो बनी रहेगी. वहीं विधानसभा के डिप्टी स्पीकर और विधायकों का कार्यकाल 12 तारीख को रात 12 बजे तक बना रहेगा लेकिन 13 तारीख के बाद डिप्टी स्पीकर और विधायकों को मिलने वाली सारी सुविधाएं भी समाप्त हो जाएगी.

राष्ट्रपति शासन की अनुशंसा कर सकते हैं : रामनारायण यादव ने बताया कि अभी तक इस तरह का मामला न देश में और न किसी प्रदेश में सामने आया है. ये अपनी तरह का पहला मामला है. वे कहते हैं कि अगर सरकार विधानसभा भंग नहीं करती है और सत्र भी नहीं बुलाती है तो 13 तारीख को राज्यपाल राष्ट्रपति को इस मामले में रिपोर्ट भेजने को बाध्य हो जायेंगे और वे राष्ट्रपति शासन की अनुशंसा भी कर सकते हैं. वे कहते हैं कि राज्यपाल भी इस मामले पर नजर बनाए हुए होंगे.

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Last Updated : Sep 11, 2024, 7:03 PM IST
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