मसौढ़ी: भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया को हरतालिका तीज मनाया जाता है. इसबार हरतालिका तीज 6 सितंबर यानि की आज मनाया जा रहा है. यह वैवाहिक जीवन में गहरा आध्यात्मिक और भावनात्मक महत्व रखता है. हरतालिका तीज को लेकर पटना से सटे मसौढ़ी में सुहागिन महिलाओं के बीच काफी उत्साह देखते को मिल रहा है. हर घर में सुहागिन अपने सुहाग की लंबी उम्र की कामना को लेकर मेहंदी लगा रही हैं.
हरतालिका तीज पर मेहंदी का महत्व: मेहंदी लगाने के पीछे कई पौराणिक कथाएं भी है, कहा जाता है की मेहंदी सुहाग की निशानी होती है. अपने सुहाग की लंबी उम्र की कामना को लेकर हरतालिका तीज पर्व पर भगवान शिव और पार्वती की पूजा करते हैं, लेकिन इससे पहले सभी महिलाएं अपने दोनों हाथों में मेहंदी लगाती हैं.
संस्कृति से जुड़ाव को दिखाती है मेहंदी: मसौढ़ी में मेहंदी लगा रही लीलावती देवी ने बताया कि इसे लगाने के पीछे कई पौराणिक कथा है. मेहंदी न केवल सिर्फ सुहाग की रक्षा करता है बल्कि यह संस्कृति से जुड़ाव की निशानी है. यह हमारे देश की सभ्यता की पहचान है और जिस सुहागिन के हाथों में मेहंदी का रंग ज्यादा चढ़ता है तो माना जाता है कि उसके पति और ससुराल वालों का उसके प्रति ज्यादा प्रेम होता है.
"मेहंदी सुहाग की निशानी होती है. अपने सुहाग की रक्षा के लिए उनकी लंबी उम्र की कामना को लेकर मेहंदी लगा रही हैं. तीज के मौके पर मेहंदी लगाना परंपरा है."-कुमारी खुशबूरानी, व्रती
बाजार में बढ़ी मेहंदी की डिमांड: हरतालिका तीज को लेकर एक तरफ जहां बाजारों में खरीदारों की भीड़ लगी है. वहीं हर महिला इस पर्व को लेकर काफी उत्साहित दिख रही है. इस खास मौके पर बाजार में मेहंदी की डिमांड भी काफी बढ़ गई है. हर महिला अपने हातों पर रचाने के लिए बाजार से मेहंदी खरीद कर ले जा रही है.